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सिविल अस्पताल भोरंज में स्टाफ कम होने से मरीजों को हो रही परेशानी, तीमारदारों ने की ये मांग

भोरंज अस्पताल से बार-बार लैब टेक्नीशियन की गलोड़ अस्पताल में डेपुटेशन पर भेजने से मरीजों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भोरंज की 39 पंचायतों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले एकमात्र सिविल अस्पताल भोरंज में पिछले लगभग 5 महीने से एक्सरे की सुविधा बंद है, जिससे लोगोंं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

civil hospital bhoranj.
सिविल अस्पताल भोरंज
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Published : Apr 18, 2021, 9:45 PM IST

भोरंज/हमीपुर: उपमण्डल भोरंज के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अस्पताल के भवन का काम भी जोरों पर है लेकिन स्टाफ की कमी के चलते अस्पताल में अव्यव्यस्थाओं का आलम बना हुआ है. अस्पताल के स्टाफ को डेपुटेशन पर इधर-उधर लगाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि भोरंज अस्पताल में दो लैब टेक्नीशियन हैं, जिनमें से एक को भोरंज अस्पताल से 65 किलोमीटर दूर गलोड़ में डेपुटेशन पर भेजा जा रहा है. अभी हाल ही में एक वहां से एक स्टाफ ड्यूटी करके आया है. अब दूसरे अस्पताल के दूसरे स्टाफ का डेपुटेशन ऑर्डर हो गया है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए असप्ताल में लगातार कोरोना के सैंपम्ल भी लिए जा रहे हैं. ऐसे में स्टाफ की कमी से अस्पताल में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

लैब टेक्नीशियम कम होने से टेस्ट कराने में परेशानी

वहीं, अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, बच्चो के विशेषज्ञ, मेडिसिन विशेषज्ञ, ईएनटी. विशेषज्ञ इत्यादि डॉक्टर भी अन्य टेस्ट लिखते हैं. ऐसे में एक लैब टेक्नीशियन डेपुटेशन पर चला जाता है तो दूसरा लैब टेक्नीशियन कोरोना सैंपल ले या दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा लिखे टेस्ट करे. यही कारण है कि लोगों को निजी अस्पतालों में अधिक दामों पर टेस्ट करवाने पड़ते हैं. हैरानी की बात यह है कि गलोड़ के नजीदीक अस्पताल हमीरपुर, नादौन, बड़सर से भी लैब टेक्नीशियन को डेपुटेशन पर लगाया जा सकता है.

सिविल अस्पताल भोरंज में 5 महीने से एक्सरे मशीन बंद

भोरंज की 39 पंचायतों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले एकमात्र सिविल अस्पताल भोरंज में पिछले लगभग 5 महीने से एक्सरे की सुविधा बंद है, जिससे लोगोंं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते लोगों को महंगे दाम में बाहर निजी लैब्स में एक्सरे करवाने पड़ रहे हैं. लोगों का कहना है कि भोरंज अस्पताल में जैसे-जैसे डॉक्टर बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे सुविधाओं का अभाव हो रहा है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने दिया भट्टाकुफर फल मंडी से मलबा हटाने के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम, उग्र आंदोलन की चेतावनी

लोगों का कहना है कि हमीरपुर जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की 9 पोस्ट है, लेकिन वहां पर 10 रेडियोलॉजिस्ट कार्यरत हैं एक रेडियोलॉजिस्ट अधिक है जिसे भोरंज अस्पताल में डेपुटेशन पर डिप्युट किया है लेकिन उसे भी हामीरपुर अस्पताल से रिलीव नहीं कर रहे हैं. जिससे भोरंज अस्पताल में लोगों को एक्सरे करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं बीएमओ भोरंज?

वहीं, बीएमओ भोरंज डॉ. ललित कालिया ने कहा कि भोरंज अस्पताल में दो लैब टेक्निशियन हैं उनमें से कभी एक तो कभी दूसरे को डेपुटेशन पर गलोड़ अस्पताल में भेज जा रहा है, जिससे भोरंज अस्पताल में करोना टेस्ट व अन्य टेस्ट लोगों को परेशानी हो रही है. भोरंज अस्पताल में डेपुटेशन पर रेडियोलॉजिस्ट डिप्युट किया है लेकिन उसे हमीरपुर अस्पताल से रिलीव नहीं कर रहे हैं. इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है और जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: 'कोरोना काल में हुआ करोड़ों का घोटाला, जयराम सरकार ने अपने चहेतों को दिया था सेनिटाइजर-मास्क का ठेका'

भोरंज/हमीपुर: उपमण्डल भोरंज के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अस्पताल के भवन का काम भी जोरों पर है लेकिन स्टाफ की कमी के चलते अस्पताल में अव्यव्यस्थाओं का आलम बना हुआ है. अस्पताल के स्टाफ को डेपुटेशन पर इधर-उधर लगाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि भोरंज अस्पताल में दो लैब टेक्नीशियन हैं, जिनमें से एक को भोरंज अस्पताल से 65 किलोमीटर दूर गलोड़ में डेपुटेशन पर भेजा जा रहा है. अभी हाल ही में एक वहां से एक स्टाफ ड्यूटी करके आया है. अब दूसरे अस्पताल के दूसरे स्टाफ का डेपुटेशन ऑर्डर हो गया है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए असप्ताल में लगातार कोरोना के सैंपम्ल भी लिए जा रहे हैं. ऐसे में स्टाफ की कमी से अस्पताल में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

लैब टेक्नीशियम कम होने से टेस्ट कराने में परेशानी

वहीं, अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, बच्चो के विशेषज्ञ, मेडिसिन विशेषज्ञ, ईएनटी. विशेषज्ञ इत्यादि डॉक्टर भी अन्य टेस्ट लिखते हैं. ऐसे में एक लैब टेक्नीशियन डेपुटेशन पर चला जाता है तो दूसरा लैब टेक्नीशियन कोरोना सैंपल ले या दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा लिखे टेस्ट करे. यही कारण है कि लोगों को निजी अस्पतालों में अधिक दामों पर टेस्ट करवाने पड़ते हैं. हैरानी की बात यह है कि गलोड़ के नजीदीक अस्पताल हमीरपुर, नादौन, बड़सर से भी लैब टेक्नीशियन को डेपुटेशन पर लगाया जा सकता है.

सिविल अस्पताल भोरंज में 5 महीने से एक्सरे मशीन बंद

भोरंज की 39 पंचायतों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले एकमात्र सिविल अस्पताल भोरंज में पिछले लगभग 5 महीने से एक्सरे की सुविधा बंद है, जिससे लोगोंं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते लोगों को महंगे दाम में बाहर निजी लैब्स में एक्सरे करवाने पड़ रहे हैं. लोगों का कहना है कि भोरंज अस्पताल में जैसे-जैसे डॉक्टर बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे सुविधाओं का अभाव हो रहा है.

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लोगों का कहना है कि हमीरपुर जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की 9 पोस्ट है, लेकिन वहां पर 10 रेडियोलॉजिस्ट कार्यरत हैं एक रेडियोलॉजिस्ट अधिक है जिसे भोरंज अस्पताल में डेपुटेशन पर डिप्युट किया है लेकिन उसे भी हामीरपुर अस्पताल से रिलीव नहीं कर रहे हैं. जिससे भोरंज अस्पताल में लोगों को एक्सरे करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं बीएमओ भोरंज?

वहीं, बीएमओ भोरंज डॉ. ललित कालिया ने कहा कि भोरंज अस्पताल में दो लैब टेक्निशियन हैं उनमें से कभी एक तो कभी दूसरे को डेपुटेशन पर गलोड़ अस्पताल में भेज जा रहा है, जिससे भोरंज अस्पताल में करोना टेस्ट व अन्य टेस्ट लोगों को परेशानी हो रही है. भोरंज अस्पताल में डेपुटेशन पर रेडियोलॉजिस्ट डिप्युट किया है लेकिन उसे हमीरपुर अस्पताल से रिलीव नहीं कर रहे हैं. इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है और जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा.

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