हमीरपुर: प्रदेश सरकार ने हिमाचल में ऑनलाइन पढ़ाई वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में शुरू की है, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो, लेकिन संसाधनों की कमी विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है.
हालांकि हिमाचल के मूल निवासियों को संसाधनों की इतनी ज्यादा कमी पेश नहीं आ रही है. अभिभावक बच्चों के लिए मोबाइल इत्यादि का प्रबंध करने में ज्यादा परेशानी नहीं झेल रहे हैं, जबकि बाहरी राज्यों के मजदूर जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में हिमाचल में पढ़ते हैं उनको ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
हमीरपुर जिला के ऐसे प्रवासी मजदूरों के बच्चों से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की और उनसे ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में फीडबैक ली. इस दौरान पड़ताल में सामने आया कि कुछ बच्चे अपने पड़ोसियों के यहां मोबाइल पर पढ़ाई करने जाते हैं तो कुछ अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई के लिए विशेष तौर पर मोबाइल खरीदना पड़ा, लेकिन पैसों की कमी मोबाइल की खरीद पर भी भारी पड़ गई.
बच्चों का कहना था कि परेशानी तो पेश आती है, लेकिन वह जूम करके किसी तरह से पढ़ते हैं. स्क्रीन मोबाइल की छोटी है, लेकिन बच्चों के हौसले बुलंद हैं. वहीं, राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि उन्हें भी ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कतें पेश आ रही हैं. कहीं सिग्नल की दिक्कत है तो कहीं समय पर सिलेबस नहीं मिल रहा है.
डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि अभी ऐसी कोई दिक्कत पेश नहीं आई है. हालांकि उनका मानना है कि संसाधनों की कमी कहीं ना कहीं अभिभावकों को पेश आ रही है. सरकार और प्रशासन का प्रयास है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो और इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर में बीके नड्डा का कहना है कि पहले पढ़ाई का समय नौ से 12 था, लेकिन अब 7:00 से 9:00 कर दिया गया है. उनका कहना है कि कुछ अभिभावक ऑफिस खोलने के बाद काम के लिए चले जाते हैं और मोबाइल भी उनके साथ होता है ऐसे में समय में अब बदलाव किया गया है. इसके अलावा दूरदर्शन के माध्यम से भी विद्यार्थियों को पढ़ाई की सुविधा मिल रही है.
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