हमीरपुरः हमीरपुर जिला के भोरंज क्षेत्र के बधानी पंचायत के निवासी राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी राकेश कुमार, भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान अजय ठाकुर से इन दिनों उनके घर दबोटा नालागढ़ में कोचिंग ले रहे है. तीन दफा हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर चुके राकेश ने प्रदेश सरकार से खिलाड़ियों को नौकरी के अधिक मौके देने की मांग उठाई है. उनका कहना कि प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटा तो दे रही है, लेकिन यह काफी नहीं है.
सरकार को इसमें कुछ और बढ़ोतरी करनी चहिए. मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले राकेश ने शुरुआती दिनों में आर्थिक तंगी का सामना किया. वर्तमान समय में राकेश के पिता कुमारसेन में बतौर नायब तहसीलदार सेवाएं दे रहे हैं. जब राकेश स्कूल के समय कबड्डी से जुड़े तो उनके पिता पटवारी की पद पर सेवाएं दे रहे थे. ऐसे में परिवार ने आर्थिक तंगी के बावजूद राकेश का पूरा साथ दिया. नतीजा ये निकला कि राकेश ने नेशनल स्तर पर हमीरपुर जिला और स्कूल का नाम चमकाया.
राष्ट्रीय खिलाड़ी राकेश कुमार ने बताया
राष्ट्रीय खिलाड़ी राकेश कुमार का कहना है कि उन्हें बचपन से ही खेलों में बेहद रूचि थी लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें किसी का साथ नहीं मिला हालांकि परिवार ने उनका साथ दिया उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच तथा पिता को दिया है राकेश सभी अभिभावकों से बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने की अपील की है.
राकेश की मां तारो देवी ने बताया
राकेश की मां तारो देवी का कहना है कि उनके बेटे राकेश की खेलों में बचपन में ही रूचि थी. उन दिनों परिवार आर्थिक तौर पर इतना संपन्न नहीं था जिस वजह से वह बच्चे को खेलों के लिए बढ़ावा नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान रहे अजय ठाकुर ने उनके बेटे का साथ दिया जिस वजह से वह आज इस मुकाम पर है. उन्होंने कहा कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को खेलने का मौका देना कि वह अपना नाम कमा सकें.
खिलाड़ियों को आर्थिक मदद और नौकरी के सहारे की जरुरत
आपको बता दें कि हमीरपुर ही नहीं बल्कि हिमाचल के कोने कोने में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है ग्रामीण स्तर पर इन प्रतिभाओं को निखारने की जरूरत है राकेश जैसे जाने कितने खिलाड़ी हैं जो आर्थिक तंगी की वजह से आगे नहीं आ पाते राकेश ने संघर्ष कर राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया अब वह सरकार से मांग कर रहे हैं कि आर्थिक तौर तंगी के कारण जो खिलाड़ी खेलों को छोड़ने पर मजबूर हैं उनको आर्थिक मदद और नौकरी का सहारा दिया जाए ताकि वह जिला प्रदेश और देश का नाम चमका सकें.
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