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लॉकडाउन के समय का कूड़ा शुल्क वसूलें या माफ करें! चुनावों की वजह से असमंजस में नगर परिषद हमीरपुर - असमंजस में नगर परिषद हमीरपुर

नगर परिषद हमीरपुर के हाउस में प्रस्तावित दो माह तक कूड़ा शुल्क ना वसूल करने के प्रस्ताव पर अब असमंजस की स्थिति पैदा हो गया है. नगर परिषद के अधिकारी इस हक में नहीं है कि कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क को माफ किया जाए. वहीं, चुनावों की नजदीकी ने नगर परिषद हमीरपुर के प्रतिनिधियों को जनता के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है.

Municipal Council Hamirpur
नगर परिषद हमीरपुर
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Published : Jul 20, 2020, 6:17 PM IST

हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के हाउस में प्रस्तावित दो माह तक कूड़ा शुल्क ना वसूल करने के प्रस्ताव पर अब असमंजस की स्थिति पैदा हो गया है. नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों ने अभी तक इस प्रस्ताव को सरकार को प्रेषित नहीं किया है, जिससे दो महीने का कूड़ा शुल्क वसूलने अथवा ना वसूलने पर संशय लगातार बना हुआ है.

नगर परिषद के अधिकारी इस हक में नहीं है कि कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क को माफ किया जाए. वहीं, चुनावों की नजदीकी ने नगर परिषद हमीरपुर के प्रतिनिधियों को जनता के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है. चर्चा यही चल रही है कि चुनावों के नजदीक समय में इस तरह के राहत तो दी ही जाती है.

नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी किशोरी लाल ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों ने घर-घर जाकर जान जोखिम में डालकर कूड़ा उठाया है. इस शुल्क को को माफ नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन नगर परिषद के हाउस में प्रस्ताव पारित हुआ है, तो इसे सरकार को विचार विमर्श के लिए भेजा जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

आपको बता दें कि हर महीने नगर परिषद कूड़ा एकत्र करने वाले ठेकेदारों को करीब 20 लाख अदा करती है. जबकि हर एक हाउस होल्डर और दुकानों से न्यूनतम शुल्क वसूल किया जाता है. इस शुल्क के रूप में छह से सात लाख रुपये की आमदनी हर महीने नगर परिषद हमीरपुर को होती है, लेकिन दो महीने का शुल्क माफ करने से करीबन 14 लाखों रुपये का नुकसान नगर परिषद हमीरपुर को उठाना पड़ेगा.

नगर परिषद हमीरपुर के पार्षदों ने इस निर्णय को जरूरी करार दिया है. नगर परिषद घरों से कूड़ा उठाने के लिए 60 रुपये प्रति महीना शुल्क वसूल करती है, जबकि दुकानों और होटलों से कूड़ा एकत्र करने के अलग से दरें तय की गई हैं.

पढ़ें: भट्टाकुफर मंडी में नहीं होगा सेब का कारोबार, DC शिमला ने लिया स्थिति का जायजा

हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के हाउस में प्रस्तावित दो माह तक कूड़ा शुल्क ना वसूल करने के प्रस्ताव पर अब असमंजस की स्थिति पैदा हो गया है. नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों ने अभी तक इस प्रस्ताव को सरकार को प्रेषित नहीं किया है, जिससे दो महीने का कूड़ा शुल्क वसूलने अथवा ना वसूलने पर संशय लगातार बना हुआ है.

नगर परिषद के अधिकारी इस हक में नहीं है कि कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क को माफ किया जाए. वहीं, चुनावों की नजदीकी ने नगर परिषद हमीरपुर के प्रतिनिधियों को जनता के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है. चर्चा यही चल रही है कि चुनावों के नजदीक समय में इस तरह के राहत तो दी ही जाती है.

नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी किशोरी लाल ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों ने घर-घर जाकर जान जोखिम में डालकर कूड़ा उठाया है. इस शुल्क को को माफ नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन नगर परिषद के हाउस में प्रस्ताव पारित हुआ है, तो इसे सरकार को विचार विमर्श के लिए भेजा जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

आपको बता दें कि हर महीने नगर परिषद कूड़ा एकत्र करने वाले ठेकेदारों को करीब 20 लाख अदा करती है. जबकि हर एक हाउस होल्डर और दुकानों से न्यूनतम शुल्क वसूल किया जाता है. इस शुल्क के रूप में छह से सात लाख रुपये की आमदनी हर महीने नगर परिषद हमीरपुर को होती है, लेकिन दो महीने का शुल्क माफ करने से करीबन 14 लाखों रुपये का नुकसान नगर परिषद हमीरपुर को उठाना पड़ेगा.

नगर परिषद हमीरपुर के पार्षदों ने इस निर्णय को जरूरी करार दिया है. नगर परिषद घरों से कूड़ा उठाने के लिए 60 रुपये प्रति महीना शुल्क वसूल करती है, जबकि दुकानों और होटलों से कूड़ा एकत्र करने के अलग से दरें तय की गई हैं.

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