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बंजर भूमि से टूट चुकी थी उम्मीद, मौसमी ने बदली 24 किसानों की किस्मत, अब लाखों में होगी आमदनी!

Mosambi Cultivation in Hamirpur: हिमाचल प्रदेश में किसान-बागवान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. हमीरपुर जिले के बकारटी गांव के 24 किसानों ने भी आधुनिक तकनीक 2 हेक्टेयर भूमि पर मौसमी के 2300 पौधे लगाए. जिन पर मात्र 2 सालों में फसल लगना शुरू हो गई है. इन किसानों ने पहले इस भूमि पर फसल उगानी छोड़ दी थी और अब इससे लाखों की कमाई करेंगे.

Mosambi Cultivation in Hamirpur
हमीरपुर में मौसमी की खेती
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 9:51 AM IST

Updated : Nov 6, 2023, 1:05 PM IST

हमीरपुर के 24 किसान एक साथ कर रहे मौसमी की खेती

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के किसान-बागवान अब पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं. जिससे किसानों-बागवानों को खासा फायदा हो रहा है. आधुनिक खेती के जरिए किसान-बागवान खेती की नई-नई तकनीक सीख रहे हैं और कम भूमि पर ज्यादा पैदावार उगा कर मुनाफा कमा रहे हैं. जिससे प्रदेश के किसानों-बागवानों की आर्थिकी भी समृद्ध हो रही है.

2 हेक्टेयर भूमि पर 2300 मौसमी के पौधे: इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के अंतर्गत बकारटी गांव में 24 किसानों ने एकजुट होकर आधुनिक खेती को अपनाया और साथ मिलकर अपनी 2 हेक्टेयर भूमि पर एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 2300 मौसमी के पौधे लगाए हैं. मात्र दो सालों के अंतराल में ही इन पौधों पर अच्छी किस्म के फल लगने शुरू हो गए हैं. हमीरपुर उद्यान विभाग के सहयोग से इन बागवानों ने आधुनिक खेती तकनीक के माध्यम से अपनी जमीन पर मौसमी के पौधे लगाए.

Mosambi Cultivation in Hamirpur
मौमसी फल

खेती छोड़ चुके किसानों को दिखाई नई राह: बता दें कि यह सभी किसान आवारा पशुओं के चलते इस भूमि पर खेती बाड़ी करना छोड़ चुके थे, लेकिन उद्यान विभाग हमीरपुर के अधिकारियों ने इन किसानों को अपनी खाली छोड़ी भूमि पर बागवानी करने के लिए प्रेरित किया. इन किसानों ने भी बागबानी करने के लिए हामी भरी और एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 2 हेक्टेयर भूमि पर निशुल्क बाड़बंदी की गई. इस भूमि पर मौसमी के 2300 पौधों लगाए गए. उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने ही इन सभी किसानों को मौसमी के पौधों की देखभाल करना सिखाया. आज इन पौधों पर फल लग पड़े हैं, लेकिन उद्यान विभाग के कर्मचारी किसानों को इस बार फसल न लेने की नसीयत दे रहे हैं, क्योंकि अब तक यह पौधे मात्र दो वर्ष के हैं. इसलिए इस बार के फलों को सैंपल के तौर पर विभाग द्वारा देखा जा रहा है.

मौसमी के अलावा विभिन्न फसलें: आगामी समय में मौसमी की फसल से किसानों को लाखों रुपये की आमदनी मिलने की पूरी संभावना है. 24 किसानों से प्रेरणा लेकर गांव के अन्य किसान भी बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं. अब यही किसान बागवानी के साथ-साथ इसी जमीन पर विभिन्न फसलें उगाकर रहे हैं. अब किसानों द्वारा सोयाबीन, अरबी, मिर्च, अदरक, हल्दी, लहसुन और प्याज इत्यादि की फसलें लगाकर अतिरिक्त आमदनी अर्जित की जा रही है. उद्यान विभाग हमीरपुर के अनुसार जल्द ही बकारटी गांव की 10 हेक्टेयर भूमि पर बागवानी शुरू की जाएगी.

Mosambi Cultivation in Hamirpur
मौसमी की फसल

किसानों को बागवानी के लिए किया प्रेरित: किसान रमेश कुमार शर्मा और रत्न चंद शर्मा ने बताया कि अपने खेतों को आवारा पशुओं की वजह से खेती-बाड़ी करना छोड़ चुके थे, लेकिन उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें बागवानी करने के लिए प्रेरित किया. एचपी शिव प्रोजेक्ट के तहत उनकी जमीन पर निशुल्क बाढ़-बंदी की गई और निशुल्क मौसमी के पौधे भी लगाए गए हैं. इस जमीन पर अब वह विभिन्न प्रकार की अन्य फसलों को भी उगा रहे हैं. जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है.

ये भी पढे़ं: हजारों की लागत और लाखों की कमाई, आधुनिक खेती से शिक्षक दंपति की बदली किस्मत, दूसरों के लिए बने मिसाल

गेहूं-मक्की से नहीं हो रही थी आमदनी: रमेश कुमार शर्मा और रत्न चंद शर्मा ने जमीन खाली छोड़ रहे किसानों को नसीहत दी है कि वह अपनी भूमि को बंजर न बनने दें. उस भूमि पर बागवानी करें, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी. संतोष कुमारी ने बताया कि पहले वह इस भूमि पर गेहूं और मक्की की फसल को उगाते थे. जिससे उन्हें मात्र दो से तीन हजार रुपये ही प्राप्त होते थे, लेकिन अब उन्हें बागवानी करने से उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में उनको लाखों रुपये की आमदनी प्राप्त होगी.

एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को दी ट्रेनिंग: उद्यान विभाग हमीरपुर की विकास अधिकारी ऊषा सौंखले ने बताया कि पहले बकारटी गांव के किसान आवारा पशुओं की वजह से किसानी छोड़ चुके थे. फिर किसानों को इस भूमि पर मल्टी फसलें उगाने की नसीहत दी गई. एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को बागवानी करने के लिए प्रेरित किया गया. इसके तहत आने वाले समय में किसानों को अच्छी आमदनी घर द्वार पर ही उपलब्ध होगी. ऊषा सौंखले ने बताया कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी. इसके लिए उद्यान विभाग किसानों की फलों के खरीददार भी घर द्वार पर ही मुहैया करवाएगा. उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि वह बकारटी गांव का दौरा करें और इस प्रोजेक्ट से प्रेरणा हासिल करें और बागवानी करके अपनी आमदनी में इजाफा करें.

ये भी पढे़ं: Hamirpur Farmer Prakash Chand: सेना से रिटायर प्रकाश चंद ने पेश की मिसाल, 70 की उम्र में कर रहे दोहरी खेती, हर साल हो रही लाखों की कमाई

हमीरपुर के 24 किसान एक साथ कर रहे मौसमी की खेती

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के किसान-बागवान अब पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं. जिससे किसानों-बागवानों को खासा फायदा हो रहा है. आधुनिक खेती के जरिए किसान-बागवान खेती की नई-नई तकनीक सीख रहे हैं और कम भूमि पर ज्यादा पैदावार उगा कर मुनाफा कमा रहे हैं. जिससे प्रदेश के किसानों-बागवानों की आर्थिकी भी समृद्ध हो रही है.

2 हेक्टेयर भूमि पर 2300 मौसमी के पौधे: इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के अंतर्गत बकारटी गांव में 24 किसानों ने एकजुट होकर आधुनिक खेती को अपनाया और साथ मिलकर अपनी 2 हेक्टेयर भूमि पर एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 2300 मौसमी के पौधे लगाए हैं. मात्र दो सालों के अंतराल में ही इन पौधों पर अच्छी किस्म के फल लगने शुरू हो गए हैं. हमीरपुर उद्यान विभाग के सहयोग से इन बागवानों ने आधुनिक खेती तकनीक के माध्यम से अपनी जमीन पर मौसमी के पौधे लगाए.

Mosambi Cultivation in Hamirpur
मौमसी फल

खेती छोड़ चुके किसानों को दिखाई नई राह: बता दें कि यह सभी किसान आवारा पशुओं के चलते इस भूमि पर खेती बाड़ी करना छोड़ चुके थे, लेकिन उद्यान विभाग हमीरपुर के अधिकारियों ने इन किसानों को अपनी खाली छोड़ी भूमि पर बागवानी करने के लिए प्रेरित किया. इन किसानों ने भी बागबानी करने के लिए हामी भरी और एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 2 हेक्टेयर भूमि पर निशुल्क बाड़बंदी की गई. इस भूमि पर मौसमी के 2300 पौधों लगाए गए. उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने ही इन सभी किसानों को मौसमी के पौधों की देखभाल करना सिखाया. आज इन पौधों पर फल लग पड़े हैं, लेकिन उद्यान विभाग के कर्मचारी किसानों को इस बार फसल न लेने की नसीयत दे रहे हैं, क्योंकि अब तक यह पौधे मात्र दो वर्ष के हैं. इसलिए इस बार के फलों को सैंपल के तौर पर विभाग द्वारा देखा जा रहा है.

मौसमी के अलावा विभिन्न फसलें: आगामी समय में मौसमी की फसल से किसानों को लाखों रुपये की आमदनी मिलने की पूरी संभावना है. 24 किसानों से प्रेरणा लेकर गांव के अन्य किसान भी बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं. अब यही किसान बागवानी के साथ-साथ इसी जमीन पर विभिन्न फसलें उगाकर रहे हैं. अब किसानों द्वारा सोयाबीन, अरबी, मिर्च, अदरक, हल्दी, लहसुन और प्याज इत्यादि की फसलें लगाकर अतिरिक्त आमदनी अर्जित की जा रही है. उद्यान विभाग हमीरपुर के अनुसार जल्द ही बकारटी गांव की 10 हेक्टेयर भूमि पर बागवानी शुरू की जाएगी.

Mosambi Cultivation in Hamirpur
मौसमी की फसल

किसानों को बागवानी के लिए किया प्रेरित: किसान रमेश कुमार शर्मा और रत्न चंद शर्मा ने बताया कि अपने खेतों को आवारा पशुओं की वजह से खेती-बाड़ी करना छोड़ चुके थे, लेकिन उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें बागवानी करने के लिए प्रेरित किया. एचपी शिव प्रोजेक्ट के तहत उनकी जमीन पर निशुल्क बाढ़-बंदी की गई और निशुल्क मौसमी के पौधे भी लगाए गए हैं. इस जमीन पर अब वह विभिन्न प्रकार की अन्य फसलों को भी उगा रहे हैं. जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है.

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गेहूं-मक्की से नहीं हो रही थी आमदनी: रमेश कुमार शर्मा और रत्न चंद शर्मा ने जमीन खाली छोड़ रहे किसानों को नसीहत दी है कि वह अपनी भूमि को बंजर न बनने दें. उस भूमि पर बागवानी करें, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी. संतोष कुमारी ने बताया कि पहले वह इस भूमि पर गेहूं और मक्की की फसल को उगाते थे. जिससे उन्हें मात्र दो से तीन हजार रुपये ही प्राप्त होते थे, लेकिन अब उन्हें बागवानी करने से उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में उनको लाखों रुपये की आमदनी प्राप्त होगी.

एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को दी ट्रेनिंग: उद्यान विभाग हमीरपुर की विकास अधिकारी ऊषा सौंखले ने बताया कि पहले बकारटी गांव के किसान आवारा पशुओं की वजह से किसानी छोड़ चुके थे. फिर किसानों को इस भूमि पर मल्टी फसलें उगाने की नसीहत दी गई. एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को बागवानी करने के लिए प्रेरित किया गया. इसके तहत आने वाले समय में किसानों को अच्छी आमदनी घर द्वार पर ही उपलब्ध होगी. ऊषा सौंखले ने बताया कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी. इसके लिए उद्यान विभाग किसानों की फलों के खरीददार भी घर द्वार पर ही मुहैया करवाएगा. उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि वह बकारटी गांव का दौरा करें और इस प्रोजेक्ट से प्रेरणा हासिल करें और बागवानी करके अपनी आमदनी में इजाफा करें.

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Last Updated : Nov 6, 2023, 1:05 PM IST
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