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लोगों की सेहत राम भरोसे! कैसे भरें सैंपल...जब विभाग के पास नहीं हैं जांच उपकरण

हमीरपुर में लोगों की सेहत की रखवाली करने वाले ही खुद बीमार व्यवस्था से जूझ रहे हैं. खाद्य सुरक्षा विभाग हमीरपुर के पास खाद्य प्रदार्थ जांचने के उपकरण तक मौजूद नहीं हैं. आइए जानते हैं इस मामले के बारे में क्या कहना है खाद्य सुरक्षा विभाग का.

सैंपल उठाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के पास नहीं है आइस बॉक्स
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Published : Nov 21, 2019, 5:12 PM IST

हमीरपुर: लोगों की सेहत का जिम्मा संभालने वाले खाद्य सुरक्षा विभाग हमीरपुर के पास मामूली जांच उपकरण तक नहीं हैं. हालात ऐसे हैं कि दुकानों में बिकने वाले मांस की जांच के लिए विभाग के पास आइस बॉक्स तक नहीं है. छोटी-मोटी रूटीन के निरीक्षण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है.

जब इस बारे में विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अरुण चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कच्चे मांस के सैंपल के लिए आइस बॉक्स की जरूरत होती है, वह फिलहाल उनके पास नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि पिछले दिनों धर्मशाला से हमीरपुर आई मोबाइल टेस्टिंग वैन के माध्यम से सैंपल टेस्ट तो किए गए थे, लेकिन विभाग कि इस वैन में भी कुछ ज्यादा सुविधाएं नहीं थी. विभाग ने दिवाली के सीजन में दुकानों से मिठाइयों के सैंपल लिए थे, लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट ही नहीं आई है. ऐसे में लोगों की सेहत का जिम्मा संभालने वाला विभाग खुद ही बीमार नजर आ रहा है.

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा से मामले को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी. इस बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी. जल्द ही सीएमओ से इस बारे में रिव्यू किया जाएगा.

हैरानी की बात यह है कि हर बार 'मंडे मीटिंग' में हर विभाग से उपायुक्त रिपोर्ट लेते हैं, लेकिन विभाग की तरफ से इन छोटी-मोटी कमियों का जिक्र तक मंडे मीटिंग में नहीं किया जाता. वहीं, मीडिया के सामने उपकरण ना होने का विभागीय अधिकारी रोना रो रहे हैं.

हमीरपुर: लोगों की सेहत का जिम्मा संभालने वाले खाद्य सुरक्षा विभाग हमीरपुर के पास मामूली जांच उपकरण तक नहीं हैं. हालात ऐसे हैं कि दुकानों में बिकने वाले मांस की जांच के लिए विभाग के पास आइस बॉक्स तक नहीं है. छोटी-मोटी रूटीन के निरीक्षण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है.

जब इस बारे में विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अरुण चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कच्चे मांस के सैंपल के लिए आइस बॉक्स की जरूरत होती है, वह फिलहाल उनके पास नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि पिछले दिनों धर्मशाला से हमीरपुर आई मोबाइल टेस्टिंग वैन के माध्यम से सैंपल टेस्ट तो किए गए थे, लेकिन विभाग कि इस वैन में भी कुछ ज्यादा सुविधाएं नहीं थी. विभाग ने दिवाली के सीजन में दुकानों से मिठाइयों के सैंपल लिए थे, लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट ही नहीं आई है. ऐसे में लोगों की सेहत का जिम्मा संभालने वाला विभाग खुद ही बीमार नजर आ रहा है.

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा से मामले को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी. इस बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी. जल्द ही सीएमओ से इस बारे में रिव्यू किया जाएगा.

हैरानी की बात यह है कि हर बार 'मंडे मीटिंग' में हर विभाग से उपायुक्त रिपोर्ट लेते हैं, लेकिन विभाग की तरफ से इन छोटी-मोटी कमियों का जिक्र तक मंडे मीटिंग में नहीं किया जाता. वहीं, मीडिया के सामने उपकरण ना होने का विभागीय अधिकारी रोना रो रहे हैं.

Intro:लोगों की सेहत का जिम्मा देखने वाला विभाग खुद ही बीमार, सैंपल उठाने के लिए आइस बॉक्स तक नहीं
हमीरपुर।
लोगों की सेहत का जिम्मा संभालने वाले खाद्य एवं सुरक्षा विभाग हमीरपुर के पास मामूली जांच उपकरण तक नहीं है हालात ऐसे हैं कि दुकानों में बिकने वाले मांस की जांच के लिए विभाग के पास आइस बॉक्स तक नहीं है। इसके अलावा ऐसे ही कई अन्य उपकरण हैं जो विभाग के पास उपलब्ध ही नहीं है छोटी मोटी रूटीन के निरीक्षण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का भी विभाग के पास टोटा है यहां तक की अपनी गाड़ी भी विभाग के पास नहीं है।
जब इस बारे में विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अरुण चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कच्चे मांस के सैंपल के लिए आइस बॉक्स की जरूरत होती है वह फिलहाल मौजूद नहीं है। बिना आइस बॉक्स के सैंपल खराब हो जाएगा हम पके पकाए फूड का सैंपल लिफ्ट कर सकते हैं.
बता दें कि पिछले दिनों धर्मशाला से हमीरपुर जिला में आई मोबाइल टेस्टिंग वैन के माध्यम से टेस्ट तो किए गए लेकिन विभाग कि इस वैन में भी कुछ ज्यादा सुविधाएं नहीं है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विभाग ने दिवाली के सीजन में दुकानों में मिठाइयों के सैंपल लिए थे लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट ही नहीं आई है ऐसे में लोगों की सेहत का जिम्मा संभालने वाला विभाग खुद ही बीमार नजर आ रहा है।
उधर से इस बारे में डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी इस बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। सीएमओ से इस बारे में रिव्यू किया जाएगा. यदि इस तरह से छोटे-छोटे उपकरण नहीं है तो सैंपल उठाने का कोई फायदा भी नहीं है.
हैरत का विषय है कि हर बार मंडे मीटिंग में हर विभाग से उपायुक्त रिपोर्ट लेते हैं। लेकिन विभाग की तरफ से इन छोटी-मोटी कमियों का जिक्र तक मंडे मीटिंग में नहीं किया गया है प्रशासन को इन कमियों के बारे में अवगत ही नहीं करवाया गया है वही मीडिया के सामने उपकरण ना होने का विभागीय अधिकारी रोना रो रहे हैं.


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