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सियाचिन में तैनात हिमाचल का जवान शहीद, सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

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Published : Dec 31, 2019, 7:55 PM IST

शहीद वरुण कुमार का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया. स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर समेत सैकड़ों लोगों ने वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित की.

Himachal soldier martyred in Siachen
सियाचिन में तैनात हिमाचल का जवान शहीद, राजकीय सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार

हमीरपुर: शून्य से माइनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा के लिए तैनात हमीरपुर का सपूत ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण शहीद हो गया. वरुण कुमार का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया. स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर समेत सैकड़ों लोगों ने वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित की.

Himachal soldier martyred in Siachen
पैतृक गांव पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर.

बता दें कि दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को वरुण ने कमांड अस्पताल चंडी मंदिर में दम तोड़ दिया था. मंगलवार को शहीद की पार्थिव देह को पैतृक गांव लाया गया. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि वीर सपूत देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया है. उन्होंने दुख की इस घड़ी में संबंधित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.

वीडियो.

बता दें कि हमीरपुर के दुलेड़ा गांव के निवासी वरुण कुमार शर्मा करीब 15 वर्ष पहले दो डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. 20 दिसंबर को जब वह सियाचिन ग्लेशियर पर थे तो उन्हें अचानक सर दर्द हुआ और खून की उल्टी होने लगी. मौसम खराब होने के चलते वरुण को ईलाज के लिए लेह से वाया रोड ही लद्दाख तक लाना पड़ा. 20 दिसंबर को उनका ऑपरेशन हुआ. इसके बाद उन्हें कमांड अस्पताल चंडी मंदिर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन यहां वरुण ने दम तोड़ दिया.

ये भी पढे़ं: अलविदा 2019: छोटे राज्य की बड़ी धूम, देश की राजनीति में चमके हिमाचल के दो सितारे

हमीरपुर: शून्य से माइनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा के लिए तैनात हमीरपुर का सपूत ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण शहीद हो गया. वरुण कुमार का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया. स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर समेत सैकड़ों लोगों ने वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित की.

Himachal soldier martyred in Siachen
पैतृक गांव पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर.

बता दें कि दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को वरुण ने कमांड अस्पताल चंडी मंदिर में दम तोड़ दिया था. मंगलवार को शहीद की पार्थिव देह को पैतृक गांव लाया गया. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि वीर सपूत देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया है. उन्होंने दुख की इस घड़ी में संबंधित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.

वीडियो.

बता दें कि हमीरपुर के दुलेड़ा गांव के निवासी वरुण कुमार शर्मा करीब 15 वर्ष पहले दो डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. 20 दिसंबर को जब वह सियाचिन ग्लेशियर पर थे तो उन्हें अचानक सर दर्द हुआ और खून की उल्टी होने लगी. मौसम खराब होने के चलते वरुण को ईलाज के लिए लेह से वाया रोड ही लद्दाख तक लाना पड़ा. 20 दिसंबर को उनका ऑपरेशन हुआ. इसके बाद उन्हें कमांड अस्पताल चंडी मंदिर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन यहां वरुण ने दम तोड़ दिया.

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Intro:राजकीय सम्मान के साथ वरुण कुमार का अंतिम संस्कार, सैकड़ों ने दी श्रद्धांजलि
हमीरपुर
शून्य से माईनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा में तैनात ठंड में ब्रेन स्ट्रोक से शहीद होने वाले जिला के सपूत वरुण कुमार का उनके पैतृक गांव में देर शाम राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गय। उनके दाह संस्कार में स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर समेत सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को सपूत ने कमांड अस्पताल चंडीमंदिर में दम तोड़ दिया। मंगलवार को शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव गया। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सांस्कार किया गया।



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वरुण के दोस्त विकास का कहना है कि आंगनबाड़ी से लेकर जमा दो कक्षा तक हमने एक साथ पढ़ाई की थी। वह बहुत ही हंसमुख इंसान था। वह बहुत ही धनी व्यक्तित्व का मालिक था।

स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि वीर सपूत देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया है उन्होंने दुख की इस घड़ी में संबंधित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।




Conclusion:जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय के साथ लगते दुलेड़ा गांव के निवासी वरूण कुमार शर्मा(34) पुत्र अमर नाथ करीब 15 वर्ष पहले दो डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। बीती 20 दिसंबर को जब वह सियाचिन गिलेश्यिर पर थे तो उन्हें अचानक सर दर्द हुआ और खून की उल्टी भी हो गई। मौसम खराब होने के चलते वहां पर हेलीकॉप्टर नहीं आ सका और वरूण को ईलाज के लिए लेह से बाई रोड ही लद्दाख तक लाना पड़ा। 20 दिसंबर शाम को उनका आप्रेशन हुआ। इसके बाद उन्हें कमांड अस्पताल चंडीमंदिर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन यहां बीते रविवार को दोपहर बाद 3.41 बजे वरूण ने दम तोड़ दिया। वरूण अपने पीछे पत्नी, सात साल और तीन साल के बेटे, माता-पिता छोड़ गया है।

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