हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की छात्रा देवांशी का प्रोजेक्ट सर्वे रिपोर्ट बाल विज्ञान सम्मेलन में नेशनल के लिए चयन हुआ है. दरअसल, देवांशी का प्रोजेक्ट बाल विज्ञान सम्मेलन में राज्य स्तर पर दूसरे स्थान पर रहा है. देवांशी ने अपने प्रोजेक्ट के जरिए दर्शाया है कि कैसे अलग-अलग पेड़ों से बनी पतले मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं. इनमें मुख्यतः केले, पलारा, पीपल, कटहल और टौर के पत्तों पर जब हम खाना खाते हैं, तो खाने का स्वाद और पौष्टिकता दोनों बढ़ जाते हैं.
देवांशी ने अपने प्रोजेक्ट के जरिए बताया है कि केले के पत्ते पर भोजन करना चांदी के बर्तन में खाना खाने के समान हैं. इससे दिमाग तेज रहता है और शरीर का तापमान सामान्य रहता है. जबकि पलारा के पत्तों में खाना खाने से सोने के बर्तन में खाना खाने के बराबर है. इससे वात,कफ और पित्त कंट्रोल में रहते हैं. इम्युनिटी बढ़ती है और अल्जाइमर की बीमारी में राहत मिलती है.जबकि पीपल के पत्तों पर खाना खाने से मलेरिया, खांसी, अस्थमा, सिरदर्द, और सर्दी में राहत मिलती है. टौर के पत्तों में भी कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो भूख बढ़ाने में सहायता करते हैं. इसी तरह कटहल के पत्ते भी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और ये इंसान को समय से पहले बूढ़ा होने से रोकता है. इसमें कैंसर रोधी गुण भी होते हैं. इसके अलावा यह आसानी से मिट्टी में गल-सड़ जाते हैं.
छात्रा देवांशी ने बताया कि मौजूदा समय में अधिकतर सामाजिक समारोहों में प्लास्टिक के गिलास और कागज से बने पतलों का उपयोग करते हैं. जो कहीं न कहीं इंसान के स्वास्थ्य के लिए हार्मफुल होता है. लेकिन उन्होंने अपने मॉडल के जरिये विभिन्न पेड़ों के पत्तों से बनाये पत्तलों के औषधिय गुणों को दर्शाया है. वहीं केमेस्ट्री की प्रवक्ता मीना शर्मा ने बताया कि प्रकृति में ऐसे दो हजार पत्ते हैं जिनका उपयोग मनुष्य खाना खाने के लिए पत्तल के तौर पर उपयोग कर सकता है. जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए औषधीय गुणों से भरपूर है. मीना शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी उनके द्वारा बनाए गए मॉडल आईडिया को राज्य स्तर पर चयनित किया जा चुका है. वहीं, जिला विज्ञान पर्यवेक्षक राजेश गौतम ने देवांशी के द्वारा बनाए गए मॉडल की सराहना की है.
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