हमीरपुर: सदियों से अपने पेशे को बखूबी निभा रहे गद्दी समुदाय के लोग पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते छह से सात महीने निचले क्षेत्रों में गुजारते हैं. हर साल जिला हमीरपुर में चंबा, पालमपुर, भरमौर, मंडी, छोटा भंगाल से गद्दी अपनी सैकडों भेड़-बकरियों के साथ सर्दियों में अपना जीवन यापन करते हैं. ऐसे में अपनी सुरक्षा को लेकर गद्दी समुदाय के लोगों ने प्रदेश सरकार से सुरक्षा के लिए गुहार लगाई है.
गद्दी समुदाय के लोगों को दिन रात अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है. एक तरफ जंगली जानवरों का भय तो दूसरी ओर अनजान लोगों से कहासुनी. गद्दी समुगाय के लोगों का कहना है कि कई बार उनके साथ कुछ शरारती तत्व मारपीट भी करते हैं और भेड़-बकरियों को चुरा लेते हैं. जिस कारण गद्दी समुदाय के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
गद्दी समुदाय के लोगों ने प्रदेश सरकार से सुरक्षा के लिए गुहार लगाई है. एक लाठी के सहारे ही गद्दी समुदाय अपने कुनबे की रक्षा कर रहे हैं लेकिन अब गद्दी समुदाय के लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए हथियार की मांग की है.
चंबा से सुजानपुर आए गद्दी समुदाय के रमेश चंद और प्रकाश ने बताया कि उन्हें साल के छह महीने घरों से बाहर ही गुजारने पड़ते हैं. जिस कारण हर वक्त उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता रहती है. उन्होंने कहा कि एक लाठी के सहारे ही दिन रात भेड़ बकरियों की सुरक्षा करनी पड़ती है.
वहीं, गद्दी समुदाय के एक अन्य सदस्य पंकज कुमार ने सरकार से मांग की है कि गद्दियों को सुरक्षा के लिए हथियार दिए जाने चाहिए क्योंकि कई बार तेंदुए के खतरे से निपटने के लिए उन्हें जान भी जोखिम में डालनी पड़ती है.
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