हमीरपुर: जिला हमीरपुर में अब ड्रैगन फ्रूट की खेती होगी. जिले के प्रगतिशील किसान परविंदर सिंह ने ड्रैगन फ्रूट के हजारों पौधों की नर्सरी तैयार की है. अपने घर के आंगन में ही लाहलड़ी निवासी परविंदर सिंह ने छोटी सी नर्सरी में ड्रैगन फ्रूट के 5000 पौधे तैयार किए हैं. प्रारंभिक चरण में परविंदर सिंह ने 700 के लगभग पौधे प्लांटेशन के लिए तैयार कर लिए हैं जबकि 4000 से अधिक पौधे जल्द ही प्लांटेशन के लिए तैयार हो जाएंगे.
ड्रैगन फ्रूट काफी महंगा फल है, जिसकी मेडिसिनल वैल्यू बेहद अधिक है. कैक्टस प्रजाति के इस फल के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है.अपने औषधीय गुणों के कारण इस फल की कीमत भी बाजार में काफी अधिक मिलती है मात्र एक फल ₹100 की कीमत से बाजार में वर्तमान समय में बिक रहा है. परविंदर सिंह के प्रयास अगर रंग लाते हैं तो हमीरपुर जिले में भी किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर मालामाल हो पाएंगे.
दरअसल परविंदर सिंह ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के साथ ही किसानों को भी इसके लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह विभाग की मदद से किसानों को ड्रैगन फ्रूट के पौधे भी उचित दाम में उपलब्ध करवा सकते हैं. परविंदर सिंह इससे पहले भी बागवानी विभाग के साथ मिलकर इस तरह से कार्य कर चुके हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि प्रगतिशील किसान परविंदर सिंह के प्रयास रंग लाते हैं तो जल्द ही हमीरपुर जिले में कैक्टस प्रजाति के ड्रैगन फ्रूट की फसल किसानों के खेतों में नजर आएगी.
क्या है ड्रैगन फ्रूट के फायदे एक फल की कितनी है कीमत: किसान परविंदर सिंह ने कहा कि, डॉक्टर के अनुसार ड्रैगन फ्रूट औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. इसके एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं. इस फल के सेवन खून की कमी को भी दूर किया जा सकता है. इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है. प्रगतिशील किसान परविंदर सिंह कहते हैं कि ड्रैगन फ्रूट के एक फल का वजन 300 से 400 ग्राम के करीब होता है और बाजार में इसकी कीमत ₹100 प्रति फल होती है. यदि प्लांटेशन के लिए इसके पौधों को बेचा जाए तो कीमत ₹150 प्रति पौधा मिल सकती है.
'पौधे तैयार, जल्द विभाग से करेंगे संपर्क': प्रगतिशील किसान परविंदर सिंह के अनुसार उन्होंने इस फल के बारे में रिसर्च की है बाजार में इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं. फिलहाल उन्होंने 700 के करीब पौधा प्लांटेशन के लिए तैयार कर लिया है और 4000 से अधिक पौधे प्लांटेशन के लिए जल्द ही तैयार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हिमाचल में कई जगह इसकी खेती की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर अभी तक उन्होंने विभाग से बातचीत नहीं की है. उन्होंन कहा कि जल्द ही वे इस बारे में बागवानी विभाग से संपर्क करेंगे. परविंदर सिंह का कहना है कि वह 2 तरीके से प्लांट तैयार कर रहे हैं. कुछ प्लांट वह कटिंग से तैयार कर रहे हैं जबकि कुछ बीज तैयार किए जा रहे हैं.
'बिना ट्रायल के राय देना मुश्किल': बागवानी विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक राजेश्वर परमार का कहना है कि हमीरपुर जिले में अभी तक ड्रैगन फ्रूट का ट्रायल नहीं किया गया है. कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से परामर्श मिलने के बाद ही किसी तरह का ट्रायल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान अपने स्तर पर यह प्रयास कर रहा है तो यह सराहनीय है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में जिला ऊना और कांगड़ा के इंदौरा में खेती की जानकारी है. बिना ट्रायल के हमीरपुर जिले में इसकी खेती के बारे में राय देना उचित नहीं होगा.
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