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भोरंज: शहीद अंकुश ठाकुर के सम्मान में कड़ोहता में नहीं मनाई जाएगी दिवाली

भोरंज के कड़ोहता के अधीन आने वाले गांव जाड़ व साथ में लगते लोगों ने शहीद अंकुश ठाकुर के सम्मान में इस वर्ष दिवाली न मानने का संकल्प लिया है. भारत-चीन एलएसी विवाद में हमीरपुर का 21 वर्षीय जवान शहीद हुआ है. पूरा जिला यह खबर सुनकर अभी भी गमगीन है. शहीद जवान अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुआ था.

शहीद अंकुश ठाकुर के सम्मान में कड़ोहता में नहीं मनाई जाएगी दिवाली
शहीद अंकुश ठाकुर के सम्मान में कड़ोहता में नहीं मनाई जाएगी दिवाली
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Published : Nov 11, 2020, 7:22 PM IST

भोरंज/हमीरपुर: उपमंडल भोरंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत कडोहता के अधीन आने वाले गांव जाड़ व साथ में लगते लोगों ने शहीद अंकुश ठाकुर के सम्मान में इस वर्ष दिवाली न मानने का संकल्प लिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि अंकुश ठाकुर ने देश की सरहदों के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी है और उनकी शहादत से जहां भोरंज क्षेत्र का नाम हुआ है वहीं प्रदेश का भी नाम ऊंचा हुआ है.

बताते चलें कि भारत-चीन एलएसी विवाद में हमीरपुर का 21 वर्षीय जवान शहीद हुआ है. पूरा जिला यह खबर सुनकर अभी भी गमगीन है. शहीद जवान अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुआ था.

शहीद अंकुश ठाकुर उपमंडल भोरंज के गांव कड़होता का रहने वाला था. उन्होंने कहा कि अंकुश ठाकुर के परिवार का इतिहास सेना से जुड़ा हुआ है उनके परिवार की चौथी पीढ़ी है जो सेना की सेवा कर रही है.

उनके परदादा रणसिंह, दादा सीताराम और उनके पिता अनिल ठाकुर देश की सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. यह प्रदेश व देश के लिए गौरव की बात है. ग्रामीणों ने इस बार दिवाली न मना कर गांव के शहीद अंकुश ठाकुर को श्रद्धांजलि देने का फैसला लिया है.

युवा क्लब व सांस्कृतिक विकास मंच व महिला मंडल जाड़ के सदस्यों व ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है. इसमें महिला मंडल जाड़ निर्मला देवी, माया देवी, कौशल्या देवी, अमरती देवी, व सांस्कृतिक विकास मंच के प्रधान, पूर्व पँचायत प्रधान वीरू सिंह रणौत, लेख राम, पहाड़ी गायक मनशा पंडित इत्यादि ने यह सामूहिक निर्णय लिया कि इस बार सभी ग्रामीण शहीद अंकुश ठाकुर की याद में दिवाली नहीं मनाएंगे.

भोरंज/हमीरपुर: उपमंडल भोरंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत कडोहता के अधीन आने वाले गांव जाड़ व साथ में लगते लोगों ने शहीद अंकुश ठाकुर के सम्मान में इस वर्ष दिवाली न मानने का संकल्प लिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि अंकुश ठाकुर ने देश की सरहदों के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी है और उनकी शहादत से जहां भोरंज क्षेत्र का नाम हुआ है वहीं प्रदेश का भी नाम ऊंचा हुआ है.

बताते चलें कि भारत-चीन एलएसी विवाद में हमीरपुर का 21 वर्षीय जवान शहीद हुआ है. पूरा जिला यह खबर सुनकर अभी भी गमगीन है. शहीद जवान अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुआ था.

शहीद अंकुश ठाकुर उपमंडल भोरंज के गांव कड़होता का रहने वाला था. उन्होंने कहा कि अंकुश ठाकुर के परिवार का इतिहास सेना से जुड़ा हुआ है उनके परिवार की चौथी पीढ़ी है जो सेना की सेवा कर रही है.

उनके परदादा रणसिंह, दादा सीताराम और उनके पिता अनिल ठाकुर देश की सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. यह प्रदेश व देश के लिए गौरव की बात है. ग्रामीणों ने इस बार दिवाली न मना कर गांव के शहीद अंकुश ठाकुर को श्रद्धांजलि देने का फैसला लिया है.

युवा क्लब व सांस्कृतिक विकास मंच व महिला मंडल जाड़ के सदस्यों व ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है. इसमें महिला मंडल जाड़ निर्मला देवी, माया देवी, कौशल्या देवी, अमरती देवी, व सांस्कृतिक विकास मंच के प्रधान, पूर्व पँचायत प्रधान वीरू सिंह रणौत, लेख राम, पहाड़ी गायक मनशा पंडित इत्यादि ने यह सामूहिक निर्णय लिया कि इस बार सभी ग्रामीण शहीद अंकुश ठाकुर की याद में दिवाली नहीं मनाएंगे.

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