कांगड़ा: विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वाला जी में प्राचीन परंपराओं के अनादर का मामला सामने आया है. दरअसल ज्वाला जी मंदिर में प्राचीन परंपराओं के अनुसार मां ज्वाला की पूरे दिन में पांच आरतियां होती हैं. अंतिम आरती शाम 7 बजे हो रही थी. नियमानुसार इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे. लेकिन मंगलवार को कुछ ऐसा हुआ जिससे प्राचीन परंपरा को भंग कर दिया गया.
मंगलवार को शाम 7 बजे जैसे जी मंदिर में मां की आरती के लिए कपाट बंद होने के बाद एक अजीबोगरीब घटना पेश आया जिससे मंदिर में तैनात तमाम श्रद्धालु हैरान हो गए. दरअसल मां ज्वाला की प्राचीन परंपराओं के अनुसार आरती के समय में कपाट बंद हो चुके थे. इसी बीच अधिकारियों का एक दल मां ज्वाला के दर्शन को आया. परंपराओं का अनादर करते हुए मंदिर के कपाटों को खुलवाया गया. मंदिर के अंदर वह दल काफी देर तक रहा और वहां पर अपने मोबाइल फोन से वीडियो व अन्य गतिविधियां करता रहा. अधिकारियों का दल आधे घंटे तक विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करते रहे.
ये मामला सामने आने के बाद हिंदू हिमगिरी महासभा ने इस घटना क्रम पर कड़ी आपत्ति जताई है. इस मामले में हिन्दू हिमगिरी वे मांग की है कि मंदिर बंद होने के बावजूद कैसे और किसने उन अधिकारियों को अंदर जाने की अनुमति दी, जबकि परंपरा है कि एक बार आरती के लिए बंद हो जाए तो मंदिर का कपाट नहीं खोला जाता. आरती संपन्न होने के बाद ही कपाट खुलता है. ये परंपरा वर्षों से चली आ रही है. उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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