हमीरपुर: जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र की 3 पंचायतों में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार चौथे दिन भी स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर डटी हुई और लोगों की स्क्रीनिंग घरों में जाकर की जा रही है. आज सीएम के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा दौरा करेंगे. नादौन खंड के कुछ गांवों में डायरिया के मामलों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की 6 टीमें सोमवार को भी फील्ड में डटी रहीं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्रिहोत्री ने बताया कि सोमवार को इन टीमों ने क्षेत्र के 35 गांवों में लोगों की स्क्रीनिंग की.
इस दौरान 335 लोगों को आवश्यक दवाइयां दी गईं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभी तक कुल 47 गांवों में लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और तीन दिनों के दौरान डायरिया के कुल 838 मामले सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में सभी आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवा दी गई हैं. केवल एक 15 वर्षीय बच्चा हमीरपुर अस्पताल में उपचाराधीन है और उसकी हालत ठीक है. डॉ. आरके अग्रिहोत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें क्षेत्र के गांवों में अभी लोगों की स्क्रीनिंग जारी रखेगी.
संबंधित क्षेत्र की पेयजल योजनाओं का जल दूषित होने की आशंका के चलते जल शक्ति विभाग ने पानी की सप्लाई बंद कर दी है. इन तीनों योजनाओं का मुख्य सोर्स कुनाह खड्ड है. यहां से तीनों पेयजल योजनाओं के लिए रोजाना साढ़े चार लाख लीटर पानी लिफ्ट किया जाता है. बीमारी के फैलने के कारण जल शक्ति विभाग यहां पर टैंकर के जरिए लोगों को पानी मुहैया करवा रहा है.
सोमवार शाम तक नहीं आई पानी के सैंपल की डिटेल एनालिसिस रिपोर्ट- सोमवार शाम को इन पेयजल योजनाओं के पानी के सैंपल की डिटेल रिपोर्ट आने की उम्मीद थी. उसके बाद ही पेयजल योजनाओं के पानी की सप्लाई को बहाल किया जाना था, लेकिन रिपोर्ट न आने की वजह से पेयजल सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है. बीमारी फैलने के तीसरे दिन के बाद भी अभी तक कारणों का पता नहीं चल पाया है.
माना यही जा रहा है कि दूषित पानी की वजह से यह डायरिया फैला है जिसके चलते लोग उल्टी-दस्त और हल्के बुखार की चपेट में आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग, जल शक्ति विभाग द्वारा पानी के सैंपल डिटेल जांच के लिए कंडाघाट स्थित लैब में भेजे गए हैं. इसके अलावा पानी के कुछ सैंपल एनआईटी हमीरपुर में स्थित लैब में भी जांच के लिए भेजे गए हैं. पिछले 3 दिनों से लोग उल्टी और दस्त से पीड़ित हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने दी पानी उबालकर पीने की सलाह- बताया जा रहा है कि रंगस, कंडरोला और जोल सप्पड़ पंचायतों में अधिकतर लोग बीमार हुए हैं. मामला ध्यान में आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित गांव के लिए टीमें रवाना कर दी हैं. अब स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है और अब लोगों को इस बीमारी से बचाने के लिए पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है. बताया यह भी जा रहा है कि पिछले 3 दिनों से लोगों के बीमार होने का यह सिलसिला जारी है.
विभाग को सैंपल की डिटेल एनालिसिस रिपोर्ट का इंतजार- जल शक्ति विभाग हमीरपुर के अधीक्षण अभियंता नीरज भोगल का कहना है कि यहां पर पेयजल योजना का मुख्य सोर्स एक है जबकि तीन पेयजल योजनाओं के स्टोरेज टैंक को लगभग साढ़े 4 लाख लीटर पानी रोजाना लिफ्ट किया जाता है. उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को टैंकर के जरिए पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है. अभी तक पेयजल योजना के फिजिकल केमिकल और वेट्रोलॉजिकल रिपोर्ट सामान्य है, लेकिन डिटेल एनालिसिस रिपोर्ट आने के बाद ही पेयजल योजनाओं के सप्लाई को बहाल किया जाएगा.
विभागीय लापरवाही की बात आ रही सामने, रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा- उल्टी दस्त की वजह से प्रारंभिक तौर पर यह माना जा रहा है कि यह जल जनित रोग है और पेयजल योजना में पानी को खड्ड से उठाकर सीधा सप्लाई किया जा रहा है जिससे लोग बीमार हुए हैं. पेयजल योजना के जरिए इस तरह से पानी वितरित करने का कार्य पिछले कई महीनों से किया जा रहा है, लेकिन एकाएक लोगों के बीमार होने से अब पानी के दूषित होने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल पेयजल सप्लाई बंद करने के चलते योजनाओं की स्टोरेज टैंक की साफ सफाई कर ली गई है और इनमें क्लोरिनेशन भी की गई है.
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