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प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने हमीरपुर के इस स्कूल का किया निरीक्षण, अध्यापकों को लगाई कड़ी फटकार

प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने कहा कि चंबेह मिडिल स्कूल में बच्चों के सीखने का स्तर निराशाजनक पाया गया है.

प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार
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Published : Feb 7, 2019, 11:15 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल के हमीरपुर जिले में सरकारी स्कूलों के विभागीय निरीक्षण में चिंताजनक व हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिले के एक मिडिल स्कूल में चार बच्चों को पढ़ाने के लिए चार अध्यापक तैनात हैं. इसके बावजूद यह बच्चों का शिक्षा का स्तर बेहद ही निराशाजनक है.
लर्निंग आउटकम के हिसाब से यह बच्चे सबसे निचले पायदान पर हैं. निरीक्षण में यह भी सामने आया है कि स्कूल में तैनात अध्यापकों ने बच्चों की नोट बुक पर गलतियों में सुधार करने की बजाए औपचारिकता निभाते हुए हस्ताक्षर कर दिए हैं. अध्यापकों की इस कारगुजारी पर प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने कड़ी फटकार लगाई है. वह निरीक्षण के रिपोर्ट को जल्द ही निदेशालय को प्रेषित करेंगे. जिससे स्कूल में तैनात लापरवाहअध्यापकों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

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प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक

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विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले दिन प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने जिले की चार प्राथमिक व मिडिल स्कूलों का निरीक्षण किया. इस दौरान मिडिल स्कूल चंबेह के निरीक्षण के दौरान बेहद ही हैरान करने देने वाले तथ्य सामने आए. निरीक्षण में पाया गया कि स्कूल में छठी और आठवीं कक्षा में कुल 4 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि साथ भी कक्षा में एक भी छात्र नहीं है.
बताया जा रहा है कि बच्चे उपनिदेशक के एक भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. वहीं जब उन्होंने बच्चों की नोट बुक को चेक की तो उसमें भी शिक्षकों ने गलतियों में सुधार किए बिना ही हस्ताक्षर कर दिए थे. वहीं स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का लर्निंग आउट कम सबसे निचले पायदान का पाया गया है. इसके अलावा उपनिदेशक ने तीन अन्य प्राथमिक पाठशाला का भी निरीक्षण किया है, लेकिन इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर सही पाया गया है.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं. अध्यापकों को ट्रेनिंग देकर पढ़ाने के आधुनिक तरीके बताए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर प्रदेश सरकार के दावे हवाई ही साबित हो रहे हैं.
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार

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प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने कहा कि चंबेह मिडिल स्कूल में बच्चों के सीखने का स्तर निराशाजनक पाया गया है. जबकि यहां पर चार बच्चों को पढ़ाने के लिए चार अध्यापक तैनात हैं. इन अध्यापकों ने बच्चों की नोट बुक में गलतियों में सुधार करने के बजाए औपचारिकता निभाते हुए हस्ताक्षर कर दिए हैं. निरीक्षण के रिपोर्ट जल्द ही निदेशालय को प्रेषित की जाएगी. इसके अलावा 3 अन्य स्कूलों गयारहग्रां,मांजरा, जबल खैरिया में शिक्षा का स्तर सही पाया गया है.

हमीरपुर: हिमाचल के हमीरपुर जिले में सरकारी स्कूलों के विभागीय निरीक्षण में चिंताजनक व हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिले के एक मिडिल स्कूल में चार बच्चों को पढ़ाने के लिए चार अध्यापक तैनात हैं. इसके बावजूद यह बच्चों का शिक्षा का स्तर बेहद ही निराशाजनक है.
लर्निंग आउटकम के हिसाब से यह बच्चे सबसे निचले पायदान पर हैं. निरीक्षण में यह भी सामने आया है कि स्कूल में तैनात अध्यापकों ने बच्चों की नोट बुक पर गलतियों में सुधार करने की बजाए औपचारिकता निभाते हुए हस्ताक्षर कर दिए हैं. अध्यापकों की इस कारगुजारी पर प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने कड़ी फटकार लगाई है. वह निरीक्षण के रिपोर्ट को जल्द ही निदेशालय को प्रेषित करेंगे. जिससे स्कूल में तैनात लापरवाहअध्यापकों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

hamirpur, Deputy Director, Deputy Director of Primary Education, हमीरपुर, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार, ईटीवी भारत
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक

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विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले दिन प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने जिले की चार प्राथमिक व मिडिल स्कूलों का निरीक्षण किया. इस दौरान मिडिल स्कूल चंबेह के निरीक्षण के दौरान बेहद ही हैरान करने देने वाले तथ्य सामने आए. निरीक्षण में पाया गया कि स्कूल में छठी और आठवीं कक्षा में कुल 4 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि साथ भी कक्षा में एक भी छात्र नहीं है.
बताया जा रहा है कि बच्चे उपनिदेशक के एक भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. वहीं जब उन्होंने बच्चों की नोट बुक को चेक की तो उसमें भी शिक्षकों ने गलतियों में सुधार किए बिना ही हस्ताक्षर कर दिए थे. वहीं स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का लर्निंग आउट कम सबसे निचले पायदान का पाया गया है. इसके अलावा उपनिदेशक ने तीन अन्य प्राथमिक पाठशाला का भी निरीक्षण किया है, लेकिन इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर सही पाया गया है.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं. अध्यापकों को ट्रेनिंग देकर पढ़ाने के आधुनिक तरीके बताए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर प्रदेश सरकार के दावे हवाई ही साबित हो रहे हैं.
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार

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प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने कहा कि चंबेह मिडिल स्कूल में बच्चों के सीखने का स्तर निराशाजनक पाया गया है. जबकि यहां पर चार बच्चों को पढ़ाने के लिए चार अध्यापक तैनात हैं. इन अध्यापकों ने बच्चों की नोट बुक में गलतियों में सुधार करने के बजाए औपचारिकता निभाते हुए हस्ताक्षर कर दिए हैं. निरीक्षण के रिपोर्ट जल्द ही निदेशालय को प्रेषित की जाएगी. इसके अलावा 3 अन्य स्कूलों गयारहग्रां,मांजरा, जबल खैरिया में शिक्षा का स्तर सही पाया गया है.
Intro:हिमाचल के हमीरपुर जिले में सरकारी स्कूलों के विभागीय निरीक्षण में चिंता जनक व हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं। प्रदेश सरकार के गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के दावे शिक्षकों के लापरवाही से यहां पर झूठा साबित हो रहे हैं। जिले के एक मिडिल स्कूल में चार बच्चों को पढ़ाने के लिए चार अध्यापक तैनात हैं। इसके बावजूद यह बच्चों का शिक्षा का स्तर बेहद ही निराशाजनक है। लर्निंग आउट कम के हिसाब से यह बच्चे सबसे निचले पायदान पर हैं। निरीक्षण में यह भी सामने आया है कि स्कूल में तैनात अध्यापकों ने बच्चों की नोट बुक पर गलतियों में सुधार करने की बजाए औपचारिकता निभाते हुए हस्ताक्षर कर दिए हैं। अध्यापकों की इस कार गुजारी पर प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने कड़ी फटकार लगाई है। वह निरीक्षण के रिपोर्ट को जल्द ही निदेशालय को प्रेषित करेंगे। जिससे स्कूल में तैनात लापरवाह अध्यापकों पर गाज गिरना पैमाना जा रहा है।


Body:विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले दिन प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने जिले की चार प्राथमिक व मिडिल स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दौरान मिडिल स्कूल चंबेह के निरीक्षण के दौरान बेहद ही हैरान करने देने वाले तथ्य सामने आए। निरीक्षण में पाया गया कि स्कूल में छठी और आठवीं कक्षा में कुल 4 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जबकि साथ भी कक्षा में एक भी छात्र नहीं है। बताया जा रहा है कि बच्चे उपनिदेशक के एक भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। वही जब उन्होंने बच्चों की नोट बुक को चेक किया तो उसमें भी शिक्षकों ने गलतियों में सुधार किए बिना ही हस्ताक्षर कर दिए थे। वही स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का लर्निंग आउट कम सबसे निचले पायदान का पाया गया है। इसके अलावा उपनिदेशक ने तीन अन्य प्राथमिक पाठशाला का भी निरीक्षण किया है। लेकिन इन स्कूल में शिक्षा का स्तर सही पाया गया है। बता दें की प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चलाई है। अध्यापकों को ट्रेनिंग देकर पढ़ाने के आधुनिक तरीके बताए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर प्रदेश सरकार के दावे हवाई ही साबित हो रहे हैं।


Conclusion:प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर कुलदीप कुमार ने कहा कि चंबेह मिडिल स्कूल में बच्चों के सीखने का स्तर निराशाजनक पाया गया है। जबकि यहां पर चार बच्चों को पढ़ाने के लिए चार अध्यापक तैनात हैं। इन अध्यापकों ने बच्चों की नोट बुक में गलतियों में सुधार करने के बजाए औपचारिकता निभाते हुए हस्ताक्षर कर दिए हैं। निरीक्षण के रिपोर्ट जल्द ही निदेशालय को प्रेषित की जाएगी। इसके अलावा 3 अन्य स्कूलों गयारहग्रां,मांजरा, जबल ख़ैरिया में शिक्षा का स्तर से ही पाया गया है।
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