हमीरपुर: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में गश्त के दौरान शहीद हुए अमित शर्मा की मां का 2 दिनों से रो-रो कर बुरा हाल है. रो-रोकर शहीद की मां की आंखों के आंसू तक सूख गए हैं. बेटे के शहीद होने की खबर के बाद से मां ने अन्न का एक दाना तक नहीं खाया है. वहीं, बर्फबारी के चलते अभी तक हेलीकॉप्टर के उड़ान न भर पाने की वजह से शहीद का पार्थिव देह अभी तक घर नहीं पहुंच पाया है. उम्मीद जताई जा रही है कि यदि कल तक मौसम साफ होता है तो फिर हेलीकॉप्टर के जरिए पार्थिव देह घर लाया (Hamirpur soldier Amit Sharma martyred) जाएगा.
खराब मौसम के चलते परिजनों का इंतजार भी लंबा होता जा रहा है. शहीद की मां ने रोते बिलखते हुए कहा कि घर का इकलौता कमाने वाला था, लेकिन आज मेरे बुढ़ापे की लाठी टूट गई. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में हुए हादसे में 3 जवानों की मौत हुई है. इनमें हमीरपुर के अमित शर्मा भी शामिल थे. वह भारतीय थल सेना की 14 डोगरा रेजिमेंट में कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में तैनात थे. बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम 5:30 बजे बर्फीले इलाके में गश्त के दौरान वह बर्फ से फिसलकर खाई में जा गिरे थे, जिससे उनकी मौत हो गई थी.(Jawan Amit Sharma martyred in Jammu and Kashmir)(Jawan Amit Sharma martyred in Kupwara).
6 महीने में घर में तीसरी मौत: शहीद अमित के परिजनों की निगाहें घर को आने वाले रास्तों पर टिकी हुई हैं. शहीद अमित के पिता खुद को संभालते हुए कभी पत्नी को हिम्मत बंधाते हैं तो कभी बेटी को. दुख की इस घड़ी में परिवार को सांत्वना देने के लिए घर पर रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों की भीड़ लगी हुई है. शहीद अमित के पिता विजय कुमार का कहना है कि 6 महीने पहले अमित के दादा की मौत हुई थी. 7 दिन पहले उसकी दादी भी चल बसी और अब अचानक अमित की मौत होने से परिवार टूट गया है.
मौसम ठीक होने का इंतजार: एसडीएम हमीरपुर मनीष कुमार सोनी का कहना है कि अभी तक सेना की तरफ से आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है कि कब शहीद की देह घर लाया जाएगा. फिलहाल मौसम खराब होने की वजह से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सेना की तरफ से नहीं दी गई है. मौसम ठीक होने के बाद ही हेलीकॉप्टर के जरिए पार्थिव देह को घर लाया जाएगा.
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