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भोरंज में मुख्यमंत्री लोकभवन का काम शुरू, 20 लाख की पहली किश्त जारी - मुख्यमंत्री लोकभवन का निर्माण शुरू

भोरंज की विधायक कमलेश कुमारी के प्रयासों से भोरंज में मुख्यमंत्री लोकभवन का काम शुरू हो गया है. जिसके लिए 42 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं. जिसके लिए पहली किश्त भी ग्रामीण विकास विभाग ने जारी कर दी है.

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Published : Oct 15, 2020, 8:43 PM IST

भोरंज: विधायक कमलेश कुमारी के प्रयासों से भोरंज में मुख्यमंत्री लोकभवन का काम शुरू हो गया है. जिसके लिए 42 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं. जिसके लिए पहली किश्त भी ग्रामीण विकास विभाग ने ड़ाल दी है.

मुख्यमंत्री लोकभवन योजना के तहत भोरंज निर्वाचन क्षेत्र में निर्मित होने वाले ग्राम पंचायत भोरंज मिनी सचिवालय के पास की भूमि खसरा नंबर 744 में 6 कनाल 8 मरले पर लोक भवन निर्माण हेतू भूमि का चयन किया गया है. इस भवन निर्माण कार्य के लिए दिशा निर्देशों के अनुसार प्रथम किश्त की 20 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है.

गौरतलब है हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में सामुदायिक सदभाव को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री लोक भवन योजना लांच की है. लोक भवन योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में तीस लाख रुपये की लागत से एक सामुदायिक भवन बनाया जाता है.

इलाके के सांसद और विधायक द्वारा सामुदायिक भवन के लिए योगदान भी स्वीकार किया जाता है. इसके बाद भवन का एरिया और बड़ा हो सकता है. हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोक भवन योजना के लिए साल 2018-19 के बजट में 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य हर इलाके में एक सामुदायिक भवन का निर्माण करना है जिसमें सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जा सके. लोक भवन का उपयोग इलाके की व्यवसायिक गतिविधियों के लिए भी किया जा सकेगा.

इसके साथ ही सरकार ने गैर-सामाजिक संगठनों व स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप) द्वारा भी विभिन प्रकार के उत्पादों की बिक्री/प्रदर्शनी के लिए लोक भवन का इस्तेमाल किया जा सकता है. राज्य के किसी इलाके के छात्रों से संबंधित सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों के लिए भी लोक भवन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

इसके साथ ही इलाके के लोगों के लिए सरकार द्वारा आयोजित कार्यशाला एवं शिविर का आयोजन भी लोक भवन में हो सकता है. लोक भवन में किसी धार्मिक संस्था या राजनीतिक दल की कार्यशाला और कार्यक्रम नहीं हो सकते.

हिमाचल प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधीनस्थ मंडल स्तर पर संबंधित अधिशासी अभियंता द्वारा भवन के मानदंड तैयार किए जाते हैं. इसमें बिजली-पानी-शौचालय और रसोई इत्यादि का भी प्रावधान किया जाता है. लोक भवन योजना के तहत बिल्डिंग बनाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 30 लाख रुपये की रकम स्वीकृत की जाती है.

इसे दो किश्त में संबंधित जिला अधिकारी के जरिए खंड विकास अधिकारी को भेजा जाता है. लोक भवन का निर्माण शुरू होने पर पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये जबकि दूसरी व अंतिम किश्त 10 लाख रुपये कार्य पूर्ण होने पर जारी होती है. लोक भवन में कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था से एक तयशुदा फीस लेने का भी प्रावधान है.

यह फीस उस इलाके की पंचायत समिति तय कर सकती है. इस फीस से ही लोक भवन के रख-रखाव पर खर्च किया जाएगा. इसी रकम से बिजली-पानी के बिल एवं अन्य कर का भुगतान किया जा सकेगा. पंचायत समिति इसका हिसाब-किताब रखेगी. उधर इस बारे बीडीओ भोरंज मनोज शर्मा का कहना है कि लोक भवन का काम शुरू हो गया है. शीघ्र ही लोग इसका लाभ उठा सकेंगे.

पढ़ें: खत्म होने के कागार पर प्राकृतिक जल स्रोत, कब होंगे कारगर उपाय ?

भोरंज: विधायक कमलेश कुमारी के प्रयासों से भोरंज में मुख्यमंत्री लोकभवन का काम शुरू हो गया है. जिसके लिए 42 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं. जिसके लिए पहली किश्त भी ग्रामीण विकास विभाग ने ड़ाल दी है.

मुख्यमंत्री लोकभवन योजना के तहत भोरंज निर्वाचन क्षेत्र में निर्मित होने वाले ग्राम पंचायत भोरंज मिनी सचिवालय के पास की भूमि खसरा नंबर 744 में 6 कनाल 8 मरले पर लोक भवन निर्माण हेतू भूमि का चयन किया गया है. इस भवन निर्माण कार्य के लिए दिशा निर्देशों के अनुसार प्रथम किश्त की 20 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है.

गौरतलब है हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में सामुदायिक सदभाव को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री लोक भवन योजना लांच की है. लोक भवन योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में तीस लाख रुपये की लागत से एक सामुदायिक भवन बनाया जाता है.

इलाके के सांसद और विधायक द्वारा सामुदायिक भवन के लिए योगदान भी स्वीकार किया जाता है. इसके बाद भवन का एरिया और बड़ा हो सकता है. हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोक भवन योजना के लिए साल 2018-19 के बजट में 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य हर इलाके में एक सामुदायिक भवन का निर्माण करना है जिसमें सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जा सके. लोक भवन का उपयोग इलाके की व्यवसायिक गतिविधियों के लिए भी किया जा सकेगा.

इसके साथ ही सरकार ने गैर-सामाजिक संगठनों व स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप) द्वारा भी विभिन प्रकार के उत्पादों की बिक्री/प्रदर्शनी के लिए लोक भवन का इस्तेमाल किया जा सकता है. राज्य के किसी इलाके के छात्रों से संबंधित सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों के लिए भी लोक भवन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

इसके साथ ही इलाके के लोगों के लिए सरकार द्वारा आयोजित कार्यशाला एवं शिविर का आयोजन भी लोक भवन में हो सकता है. लोक भवन में किसी धार्मिक संस्था या राजनीतिक दल की कार्यशाला और कार्यक्रम नहीं हो सकते.

हिमाचल प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधीनस्थ मंडल स्तर पर संबंधित अधिशासी अभियंता द्वारा भवन के मानदंड तैयार किए जाते हैं. इसमें बिजली-पानी-शौचालय और रसोई इत्यादि का भी प्रावधान किया जाता है. लोक भवन योजना के तहत बिल्डिंग बनाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 30 लाख रुपये की रकम स्वीकृत की जाती है.

इसे दो किश्त में संबंधित जिला अधिकारी के जरिए खंड विकास अधिकारी को भेजा जाता है. लोक भवन का निर्माण शुरू होने पर पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये जबकि दूसरी व अंतिम किश्त 10 लाख रुपये कार्य पूर्ण होने पर जारी होती है. लोक भवन में कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था से एक तयशुदा फीस लेने का भी प्रावधान है.

यह फीस उस इलाके की पंचायत समिति तय कर सकती है. इस फीस से ही लोक भवन के रख-रखाव पर खर्च किया जाएगा. इसी रकम से बिजली-पानी के बिल एवं अन्य कर का भुगतान किया जा सकेगा. पंचायत समिति इसका हिसाब-किताब रखेगी. उधर इस बारे बीडीओ भोरंज मनोज शर्मा का कहना है कि लोक भवन का काम शुरू हो गया है. शीघ्र ही लोग इसका लाभ उठा सकेंगे.

पढ़ें: खत्म होने के कागार पर प्राकृतिक जल स्रोत, कब होंगे कारगर उपाय ?

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