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जान जोखिम में डालकर सेवाएं देने वाली स्टाफ नर्स को बर्खास्त करना संवेदनशील कदम: प्रेम कौशल

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Published : Oct 5, 2020, 9:40 AM IST

आउट सोर्स आधार पर भर्ती की गई स्टाफ नर्स को नौकरी से बर्खास्त करने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज से 21 स्टाफ नर्स को नौकरी से निकाला गया है.

प्रेम कौशल
प्रेम कौशल

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में आउट सोर्स आधार पर भर्ती की गई स्टाफ नर्स को नौकरी से बर्खास्त करने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज से 21 स्टाफ नर्स को नौकरी से निकाला गया है.

इन स्टाफ नर्स ने कोरोना संकटकाल में जान जोखिम में डालकर सेवाएं दी थीं. अब सरकार इनको बर्खास्त कर रही है. ये कर्मचारियों के साथ अन्याय है. उन्होंने सरकार के इस कार्य को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि कोरोना संकटकाल में स्टाफ की कमी के चलते सरकार ने स्टाफ नर्स को आउटसोर्स के आधार पर भर्ती किया था, लेकिन अब उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

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संकटकाल में इन कर्मचारियों ने अपनी जिंदगी को जोखिम में डाला और अब सरकार इनके साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कोरोना संकटकाल में सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ चुका है. महामारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार की तरफ से जो कदम उठाए गए हैं वह नाकाफी थे. उन्होंने कहा की कोरोना योद्धाओं को सुविधाओं के नाम पर पहले भी ठगा गया है. आधी रात को भोरंज से कोरोना योद्धाओं को विश्रामगृह को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. इस दौरान उन्हें किसी अन्य विश्राम गृह में शिफ्ट किया गया था. वहां, उनके रहने और खाने की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी.

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में आउट सोर्स आधार पर भर्ती की गई स्टाफ नर्स को नौकरी से बर्खास्त करने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज से 21 स्टाफ नर्स को नौकरी से निकाला गया है.

इन स्टाफ नर्स ने कोरोना संकटकाल में जान जोखिम में डालकर सेवाएं दी थीं. अब सरकार इनको बर्खास्त कर रही है. ये कर्मचारियों के साथ अन्याय है. उन्होंने सरकार के इस कार्य को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि कोरोना संकटकाल में स्टाफ की कमी के चलते सरकार ने स्टाफ नर्स को आउटसोर्स के आधार पर भर्ती किया था, लेकिन अब उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

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संकटकाल में इन कर्मचारियों ने अपनी जिंदगी को जोखिम में डाला और अब सरकार इनके साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कोरोना संकटकाल में सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ चुका है. महामारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार की तरफ से जो कदम उठाए गए हैं वह नाकाफी थे. उन्होंने कहा की कोरोना योद्धाओं को सुविधाओं के नाम पर पहले भी ठगा गया है. आधी रात को भोरंज से कोरोना योद्धाओं को विश्रामगृह को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. इस दौरान उन्हें किसी अन्य विश्राम गृह में शिफ्ट किया गया था. वहां, उनके रहने और खाने की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी.

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