भोरंज/हमीरपुर: उपमण्डल भोरंज के अंतर्गत विकास खण्ड अधिकारी मनोज शर्मा ने मुख्यमंत्री द्वारा चलाई योजना 'मुख्यमंत्री एक बीघा योजना' के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है. योजना केे तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा तक की भूमि है,सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में अभिनव और महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’ का शुभारम्भ किया. इस योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई .
महिलाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
विकास खण्ड अधिकारी मनोज शर्मा ने बताया योजना के तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा या 0.4 हेक्टेयर तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना में 5,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाएं शामिल होंगी. प्रत्येक लाभार्थी महिला को मनरेगा के तहत रोजगार पाने का अधिकार होगा. इसके अलावा महिलाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा.
कार्यालय जाने की नहीं होगी जरूरत
पहाड़ी भूमि को समतल करने, पानी को चैनेलाइज करने, वर्मी कंपोस्ट पिट स्थापित करने और पौधे और बीज खरीदने के लिए अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने योजनाकारों को विकासात्मक योजनाओं के बारे में पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है, ताकि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के साथ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के पुनरूत्थान के लिए ‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’ आरम्भ की.
फिलहाल इस योजना के तहत लगभग पांच हजार परिवार शामिल किए जाएंगे. संबंधित पंचायतें, प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद उनको मनरेगा शेल्फ में शामिल करने के लिए खंड विकास अधिकारी को भेजेंगे. जिससे लोग अपने विकास के साथ किचन गार्डन से सब्जियां व दिहाड़ी भी पा सकेंगे. विकास खंड अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि लोगों को विकास खंड कार्यालय में आने की जरूरत नहीं होगी. वह अपने जीआरएस एवं पंचायत सचिव से सम्पर्क कर सकते हैं.