हमीरपुर: जयराम सरकार में प्रदेश में विधायक कमेलश कुमार को मजबूती देने के तमाम प्रयास हुए बावजूद इसके हाईकमान ने उनका टिकट काट दिया है. वह भी प्रदेश के उन दस सिटिंग विधायकों की सूची में शामिल हो गई हैं जिन्हें भाजपा ने एक तरह से घर बिठा दिया है. जयराम सरकार के पांच साल के कार्याकाल में भोरंज विधायक कमलेश कुमार को संगठन से लेकर सरकार तक में उन्हें प्रमोशन दी गई. प्रदेश भाजपा संगठन में उन्हें दायित्व के साथ सरकार में पांचवे साल में प्रमोशन मिली. यहां तक ही उन्हें विधानसभा का मुख्य उपसचेतक भी बनाया गया, लेकिन चुनावी बेला में टिकट काट कर भाजपा ने उन्हें झटका दिया है. (Himachal Assembly Elections 2022) (Himachal BJP candidates list) (BJP Candidates list of Hamirpur)
यहां पर एक बार फिर डॉ. अनिल धीमान को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है. भाजपा टिकट को लेकर यहां पर भाजपा उलझन में चल रही थी. यहां पर 2017 में टिकट कटने से आहत पूर्व विधायक अनिल धीमान लगातार चुनाव लड़ने की बात कर रहे थे. उन्होंने एक तरह से अपना चुनावी अभियान भी जारी रखा था. उन्हें भाजपा के शीर्ष नेताओं की तरफ से मनाने के प्रयास भी किए गए लेकिन अंतत भाजपा ने यहां पर वर्तमान विधायक का टिकट काटकर धीमान को चुनावी मैदान में उतारा है. (himachal bjp second candidates list)
सरकार और संगठन में प्रमोशन के बावजूद क्यों कटा कमलेश का पत्ता: विधायक कमलेश कुमारी को सरकार और संगठन में प्रमोशन के बावजूद अब भाजपा ने घर बिठाने का ही काम किया है. यहां पर यह माना जा रहा है कि विधायक अपने कार्याकाल में पार्टी के कैडर वर्कर को अपने पक्ष में नहीं कर पाई. पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता लगातार नाराज चल रहे थे और कमलेश कुमारी की तरफ से उन्हें मनाने अथवा अपने पाले में लाने के प्रयास भी नहीं किए गए. तबादलों को लेकर भी पिछले दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिस वजह से भी बड़ी किरकिरी हुई. संगठन के तौर पर प्रदेश भाजपा में कमलेश कुमारी को दायित्व तो मिला लेकिन भोरंज में वह जमीन मजबूत नहीं कर पाई. भाजपा के सर्वें में ग्राउंड में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी की रिपोर्ट और डा धीमान की सक्रियता के चलते उनका टिकट कट गया.
धूमल के गुरु के के बेटे पर भी फिर जताया भरोसा: परिसीमन से पहले भोरंज को मेवा विधानसभा क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. यहां पर भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान ने 1990 में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की. आईडी धीमान इसके बाद से लगातार विधायक चुने जाते रहे. विधायक रहते ही उनका साल 2016 में देहांत हो गया. उनके देहांत के बाद भाजपा ने उनके बेटे अनिल धीमान को चुनावी मैदान में उतारा. यहां पर भाजपा ने जीत की लेकिन साल 2017 में कमलेश कुमारी को यहां पर आम चुनाव में टिकट दिया. पांच साल बाद अब एक बार फिर भाजपा ने धीमान परिवार पर भरोसा जताया है.
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