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OMR से टेम्परिंग करने के मामले में आरोपी चपरासी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा आयोजित परीक्षा की OMR शीट से टेम्परिंग करने के मामले में आरोपी चपरासी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.

case of OMR tampering
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Published : Mar 24, 2023, 8:34 PM IST

हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड-939 ओएमआर शीट टेंपरिंग मामले में आरोपी चपरासी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है. जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हिमाचल हाई कोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मामले की गंभीरता एवं प्रार्थी पर लगे आरोपों की जांच से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद प्रार्थी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.

गिरफ्तारी से बचने के लिए चपरासी किशोरी लाल ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी. लेकिन हाई कोर्ट के निर्णय के बाद मामले में आरोपी बनाए गए चपरासी किशोरीलाल को राहत नहीं मिल पाई है. ऐसे में मामले में जांच कर रही विजिलेंस की टीम जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. आपको बता दें कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के द्वारा आयोजित जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड-939 की भर्ती परीक्षा में चपरासी किशोरी लाल पर दो अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट (आंसर-शीट) में टेम्परिंग करने का गंभीर आरोप लगे हैं.

भंग आयोग में चपड़ासी रहे मदन लाल और किशोरी लाल पर आरोप है कि उन्होंने विशाल चौधरी और दिनेश कुमार को परीक्षा में पास करने के मकसद से ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की है. विजिलेंस ने लंबी चौड़ी जांच के बाद ज छेड़छाड़ के सबूत भी जुटाए हैं. पोस्ट कोड-939 की परीक्षा गत वर्ष 24 अप्रैल को हुई थी. गौरतलब है कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक प्रकरण का भंडाफोड़ विजिलेंस की टीम ने किया था.

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड-965 का पर्चा 25 दिसंबर को प्रस्तावित लिखित परीक्षा से 2 दिन पहले ही लीक हो गया था. विजिलेंस की टीम ने इस मामले में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद और उसके बेटों को रंगे हाथों पकड़ा था. मामले की जांच के दौरान अन्य पोस्ट कोड में भी पेपर लीक के खुलासे हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि चपड़ासी किशोरी मामले की अन्य आरोपी उमा आजाद की ब्रांच में काफी समय से था.

प्रार्थी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 468, 471 और 120 बी के तहत विजिलेंस थाना हमीरपुर में केस दर्ज किया गया है. हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका रद्द होने के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आरोपी चपरासी विजिलेंस की गिरफ्त में होगा. आरोपी को अग्रिम जमानत ना मिले इसके लिए विजिलेंस की तरफ से महत्वपूर्ण सबूत कोर्ट में पेश किए गए थे, जिसके आधार पर आरोपी चपरासी की गिरफ्तारी का रास्ता अब साफ हो गया है.

ये भी पढ़ें: अदालत पहुंचा CPS की नियुक्ति का मामला, हाई कोर्ट ने जारी किया सरकार को नोटिस, 21 अप्रैल को सुनवाई

हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड-939 ओएमआर शीट टेंपरिंग मामले में आरोपी चपरासी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है. जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हिमाचल हाई कोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मामले की गंभीरता एवं प्रार्थी पर लगे आरोपों की जांच से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद प्रार्थी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.

गिरफ्तारी से बचने के लिए चपरासी किशोरी लाल ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी. लेकिन हाई कोर्ट के निर्णय के बाद मामले में आरोपी बनाए गए चपरासी किशोरीलाल को राहत नहीं मिल पाई है. ऐसे में मामले में जांच कर रही विजिलेंस की टीम जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. आपको बता दें कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के द्वारा आयोजित जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड-939 की भर्ती परीक्षा में चपरासी किशोरी लाल पर दो अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट (आंसर-शीट) में टेम्परिंग करने का गंभीर आरोप लगे हैं.

भंग आयोग में चपड़ासी रहे मदन लाल और किशोरी लाल पर आरोप है कि उन्होंने विशाल चौधरी और दिनेश कुमार को परीक्षा में पास करने के मकसद से ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की है. विजिलेंस ने लंबी चौड़ी जांच के बाद ज छेड़छाड़ के सबूत भी जुटाए हैं. पोस्ट कोड-939 की परीक्षा गत वर्ष 24 अप्रैल को हुई थी. गौरतलब है कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक प्रकरण का भंडाफोड़ विजिलेंस की टीम ने किया था.

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड-965 का पर्चा 25 दिसंबर को प्रस्तावित लिखित परीक्षा से 2 दिन पहले ही लीक हो गया था. विजिलेंस की टीम ने इस मामले में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद और उसके बेटों को रंगे हाथों पकड़ा था. मामले की जांच के दौरान अन्य पोस्ट कोड में भी पेपर लीक के खुलासे हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि चपड़ासी किशोरी मामले की अन्य आरोपी उमा आजाद की ब्रांच में काफी समय से था.

प्रार्थी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 468, 471 और 120 बी के तहत विजिलेंस थाना हमीरपुर में केस दर्ज किया गया है. हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका रद्द होने के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आरोपी चपरासी विजिलेंस की गिरफ्त में होगा. आरोपी को अग्रिम जमानत ना मिले इसके लिए विजिलेंस की तरफ से महत्वपूर्ण सबूत कोर्ट में पेश किए गए थे, जिसके आधार पर आरोपी चपरासी की गिरफ्तारी का रास्ता अब साफ हो गया है.

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