हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य कामगार यूनियन इंटक के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजीव राणा ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. राजीव राणा ने कहा कि मोदी सरकार मजदूर विरोधी है और उनके हकों को छीनने का काम कर रही है. श्रम कानूनों में बदलाब कर उसे कमजोर किया गया.
यह मजदूर वर्ग पर कुठाराघात है. केंद्र सरकार और भाजपा साशित राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों की सरकारों द्वारा पहले ही इंड्रस्टीयल विवाद कानून, इंड्रस्टीयल रिलेशन एक्ट, श्रमिक अनुबंध कानून को तीन वर्ष के लिए निरस्त करने की मांग केंद्र सरकार से की गई है.
8 घंटे के बजाये 12 घंटे करनी होगी नौकरी
देश में औद्योगिक क्रांति से पूर्व जिस तरह मजदूरों से काम लिया जाता है, इन राज्यों में वही हालात होने वाले हैं. जिनमें हिमाचल प्रदेश भी शामिल है.जिसकी बदली हुई परिस्थिति में भवन एवं निर्माण श्रमिक कानून, बंधुआ मजदूरी कानून, श्रमिक भुकतान कानून की 5वीं सूची के अनुसार अब मज़दूरों को 8 घंटे के बजाये 12 घंटे ड्यूटी करनी होगी.
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कोरोना की आड़ में हो रहा मजदूरों का शोषण
देश में कोरोना की आड़ में श्रम कानूनों को ताक पर रख उद्योगपति और पूंजीपतियों को छोड़ मज़दूर वर्ग का गला घोंटा जा रहा है. राणा ने प्रदेश सरकार को भी कटघरे में लिया और हिमाचल प्रदेश भवन कामगार कल्याण बोर्ड के तहत मिलने वाली सुविधाओं को मजदूरों को न देने का आरोप लगाया है.
मजदूर सरकारी सुविधाओं से वंचित
पिछले चार सालों से मनरेगा व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को सरकार द्वारा चलाई जा रही सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. राणा ने तीखे तेवर में कहा कि प्रदेश की जनता 2022 के चुनाव में अवश्य जय राम सरकार को उखाड़ फेंकने वाली हैं.
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