शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है. बीते करीब डेढ़ माह में प्रदेश में 6742 करोड़ की क्षति मानसून की बारिश पहुंचा चुकी है. इसमें सड़कें, पुल और पानी की परियोजनाएं सहित निजी लोगों की संपत्ति शामिल है. प्रदेश में करीब 8596 आशियाने भी भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. बारिश में होने वाले हादसों में 234 लोगों की जानें भी इस मानसून में गई हैं.
प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 6742 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग की सड़कों व पुलों को हुआ है. इनको करीब 2139 करोड़ रुपए का नुकसान अभी तक आंका गया है. प्रदेश में प्रदेश में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनके अलावा 94 पुलों को भी क्षति पहुंची है, जबकि 19 पुल बाढ़ में बह गए. क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को बहाल करने का काम लोक निर्माण विभाग कर रहा है. विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 832 मशीनें इस काम में लगा रखी हैं. मगर अभी भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 166 सड़कें बंद पड़ी हैं. इनमें 68 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन के तहत हैं जबकि मंडी जोन के तहत 76 सड़कें बंद हैं. कांगड़ा जोन में 14 बंद हैं. हमीरपुर जोन के तहत भी 7 सड़कें बंद हो गई हैं.
जल शक्ति विभाग की 10 हजार से ज्यादा परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: मानसून में अबकी बार पानी की परियोजनाएं बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हुई हैं, जल शक्ति विभाग की 10223 परियोजनाओं को मानसून में क्षति पहुंची है. इनमें 7829 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 7791 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. अन्य परियोजनाएं बंद होने से प्रदेश में कई जगह लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2074 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 198 व सीवरेज की 122 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. वहीं 5166 हैंडपंप भी भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1629 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 256 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 82 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
8596 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त, 234 लोगों की मौत: मानसून की भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन और बाढ़ से अबकी बार बड़ी सख्या में रिहाय़शी व अन्य मकान चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 8596 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 917 मकान जमींदोज हुए है. जबकि 7679 मकानों को आंशिक क्षति हुई. इसके अलावा 267 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. 2539 गौशालाएं भी बारिश में ढह गईं. मानसून शुरु होने से अब तक बारिश से संबंधित हादसों में 234 जानें गई हैं और 273 लोग जख्मी भी हुए हैं.