हमीरपुर: ग्रीन हिमाचल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमीरपुर जिले में कवायद शुरू हो गई है. ग्रीन कॉरिडोर के अंतर्गत हमीरपुर जिला में 6 साइट चिन्हित कर ली गई है. विद्युत बोर्ड सर्कल हमीरपुर की तरफ से सर्कल के अंतर्गत ग्रीन कॉरिडोर के साथ साइट के लिए टेंडर खोल दिए गए हैं. सर्कल के अंतर्गत यह साइट हमीरपुर जिले की है, जबकि एक साइट कांगड़ा जिले की है. प्रदेश सरकार के पहले बजट में ही ग्रीन हिमाचल को लेकर बड़ी घोषणाएं सुक्खू सरकार की तरफ से की गई थी.
इलेक्ट्रिकल व्हीकल को प्रमोट करने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिकल बस डिपो खोलने और वर्तमान बस अड्डे पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का प्रावधान किया था. बजट के मुताबिक हमीरपुर जिला में 10 करोड़ की लागत से बस पोर्ट का निर्माण करने का भी निर्णय लिया गया था इसके अलावा प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिकल डिपो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में खोला जा रहा है.
इस योजना को जिला स्तर पर ग्रीन कॉरिडोर का नाम दिया गया है. ग्रीन कॉरिडोर को विकसित करने का जिम्मा विद्युत बोर्ड पर है. ऐसे में तमाम विभाग विद्युत बोर्ड के साथ समन्वय बनाकर इस कार्य को करने में जुटे हैं. विद्युत बोर्ड इस कार्य को करेगा ऐसे में लगभग सभी विभागों की तरफ से ग्रीन कॉरिडोर के अंतर्गत साइट को चिन्हित कर प्रपोजल भेजी गई है. इन प्रपोजल पर विद्युत बोर्ड की तरफ से सर्वे किया जा रहा है.
हमीरपुर जिले में यह है लोकेशन: हमीरपुर जिले में ग्रीन कॉरिडोर के तहत 6 साइट को चिन्हित किया गया है. यह सभी चार्जिंग स्टेशन 11 केवी के प्रस्तावित हैं. हमीरपुर बाईपास में 11 केवी सप्लाई के लिए 85 लाख, हमीरपुर बाईपास पर ही 11 केवी सप्लाई के लिए 91 लाख की लागत से दो प्रोजेक्ट प्रस्तावित है. एचआरटीसी डिपो हमीरपुर वर्कशॉप 11 केवी 39 लाख, बस स्टैंड सुजानपुर 11 केवी 41 लाख, बस स्टैंड नादौन 11 केवी 34 लाख, बस स्टैंड जाहू 11 केवी 46 लाख, न्यू इलेक्ट्रिकल डिपो नादौन 11 केवी 91 लाख की लागत से पन्ना प्रस्तावित है इसके अलावा हमीरपुर जिला के बस स्टैंड ज्वालाजी में 11 केवी 33 लाख की लागत से बनना प्रस्तावित है.
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड हमीरपुर सर्कल के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि सर्कल के तहत हमीरपुर जिला में 6 साइट है. उन्होंने कहा कि ग्रीन कॉरिडोर के इन 6 साइट के लिए टेंडर ओपन कर दिए गए हैं उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की तरफ से जैसे ही उन्हें पैसा उपलब्ध करवाए जाएगा तो 1 सप्ताह के भीतर टेंडर को आवंटित कर दिया जाएगा. उहोंने कहा कि छोटी साइट की संख्या अधिक है जिनमें सरकारी कार्यालय और कमर्शियल लोकेशन भी शामिल है. निजी भूमि पर भी चार्जिंग स्टेशन लगाया जा सकता है और छोटे स्तर के इन प्रोजेक्ट के लिए सर्वे जारी है.
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