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बाबा बालक नाथ के दरबार में झुके लगभग 5,500 शीश, श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी

बाबा बालक नाथ के दरबार में 5,461 भक्तों ने शीश नवाया जिसमें की 4493 पुरुष श्रद्धालु एवं 968 महिला श्रद्धालुओं ने बाबा बालक नाथ के दरबार में शीश नवाया. बता दें कि बड़े रविवार को ही 25 से 30,000 के करीब श्रद्धालु यहां पर नतमस्तक होने के लिए पहुंचते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आई है.

5,500 devotees reacBaba Balak Nath temple
फोटो.
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Published : Sep 22, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 11:00 PM IST

बड़सर: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 10 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक लगभग 11 दिनों में जब से हिमाचल सरकार के द्वारा जारी एसओपी के तहत प्रदेश के शक्ति पीठ खोले गए हैं.

इस दौरान बाबा बालक नाथ के दरबार में 5,461 भक्तों ने शीश नवाया जिसमें की 4493 पुरुष श्रद्धालु एवं 968 महिला श्रद्धालुओं ने बाबा बालक नाथ के दरबार में शीश नवाया. बता दें कि बड़े रविवार को ही 25 से 30,000 के करीब श्रद्धालु यहां पर नतमस्तक होने के लिए पहुंचते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आई है.

जिस कारण 11 दिनों में बाबा बालक नाथ के दरबार में लगभग 5,500 श्रद्धालुओं ने यहां पर शीश नवाया. बता दें कि इन 11 दिनों में दो रविवार भी शामिल थे और पहले रविवार को 500 के करीब एवं दूसरे रविवार को 1500 के करीब बाबा के भक्त यहां पर पहुंचे.

श्रद्धालुओं को गेट नंबर एक से मंदिर मार्ग को भेजा जा रहा था और गेट नंबर 6 से श्रद्धालुओं की वापसी हो रही थी. कैंटीन के पास श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग करने के पश्चात ही श्रद्धालुओं को बाबा के दरबार में भेजा जा रहा था.

मंदिर अधिकारी कृष्ण कुमार ठाकुर ने बताया कि सरकार की एसओपी के अधीन श्रद्धालुओं को बाबा बालक नाथ के दरबार में भेजा गया. 10 साल से कम उम्र के बच्चे एवं 65 साल से ऊपर बुजुर्गों को मंदिर में नहीं भेजा गया. मंदिर में जगह-जगह श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सेनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई थी.

बड़सर: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 10 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक लगभग 11 दिनों में जब से हिमाचल सरकार के द्वारा जारी एसओपी के तहत प्रदेश के शक्ति पीठ खोले गए हैं.

इस दौरान बाबा बालक नाथ के दरबार में 5,461 भक्तों ने शीश नवाया जिसमें की 4493 पुरुष श्रद्धालु एवं 968 महिला श्रद्धालुओं ने बाबा बालक नाथ के दरबार में शीश नवाया. बता दें कि बड़े रविवार को ही 25 से 30,000 के करीब श्रद्धालु यहां पर नतमस्तक होने के लिए पहुंचते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आई है.

जिस कारण 11 दिनों में बाबा बालक नाथ के दरबार में लगभग 5,500 श्रद्धालुओं ने यहां पर शीश नवाया. बता दें कि इन 11 दिनों में दो रविवार भी शामिल थे और पहले रविवार को 500 के करीब एवं दूसरे रविवार को 1500 के करीब बाबा के भक्त यहां पर पहुंचे.

श्रद्धालुओं को गेट नंबर एक से मंदिर मार्ग को भेजा जा रहा था और गेट नंबर 6 से श्रद्धालुओं की वापसी हो रही थी. कैंटीन के पास श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग करने के पश्चात ही श्रद्धालुओं को बाबा के दरबार में भेजा जा रहा था.

मंदिर अधिकारी कृष्ण कुमार ठाकुर ने बताया कि सरकार की एसओपी के अधीन श्रद्धालुओं को बाबा बालक नाथ के दरबार में भेजा गया. 10 साल से कम उम्र के बच्चे एवं 65 साल से ऊपर बुजुर्गों को मंदिर में नहीं भेजा गया. मंदिर में जगह-जगह श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सेनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई थी.

Last Updated : Oct 1, 2020, 11:00 PM IST
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