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हमीरपुर के सरकारी स्कूलों के 30% बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई में नहीं दिखा रहे रुचि

हमीरपुर में सरकारी स्कूलों के 30 फीसदी विद्यार्थी कोरोना काल में ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में जिला से 70 फीसदी बच्चे ही दिलचस्पी ले रहे हैं. जिन बच्चों के घर समार्ट फोन नहीं हैं उन्हें घर पर ही नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

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Published : Aug 23, 2020, 6:10 PM IST

हमीरपुर: देश के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. जिला हमीरपुर के सरकारी स्कूलों के 30 फीसदी विद्यार्थी कोरोना काल में ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में जिला से 70 फीसदी बच्चे ही दिलचस्पी ले रहे हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने मार्च माह में ही सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दे दिया था. स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. जिन बच्चों के घर समार्ट फोन नहीं हैं उन्हें घर पर ही नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

प्रतिदिन स्कूली बच्चों को विषय के अध्यापक ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. इस दौरान बच्चों की हाजिरी भी लगाई जाती है. अभिभावकों से हर सप्ताह बच्चों की रिपोर्ट भी मांगी जाती है, लेकिन बावजूद इसके 70 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 30 फीसदी बच्चे अभी तक ऑनलाइन पढ़ाई को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

वहीं, उच्च शिक्षा उपनिदेशक दिलबर जीत चंद्र ने माना कि स्कूलों के 70 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं, जबकि 30 फीसदी छात्र अभी तक पढ़ाई को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक अध्यापक को निर्देश दिए गए हैं कि अपनी कक्षा में सभी बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करें और बच्चों को रोचक तरीकों से पढ़ाया जाए ताकि सभी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि लें.

पढ़ें: किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1.22 करोड़ किसानों को दिया गया 1,02,065 करोड़ ऋण: सुरेश कश्यप

हमीरपुर: देश के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. जिला हमीरपुर के सरकारी स्कूलों के 30 फीसदी विद्यार्थी कोरोना काल में ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में जिला से 70 फीसदी बच्चे ही दिलचस्पी ले रहे हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने मार्च माह में ही सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दे दिया था. स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. जिन बच्चों के घर समार्ट फोन नहीं हैं उन्हें घर पर ही नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

प्रतिदिन स्कूली बच्चों को विषय के अध्यापक ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. इस दौरान बच्चों की हाजिरी भी लगाई जाती है. अभिभावकों से हर सप्ताह बच्चों की रिपोर्ट भी मांगी जाती है, लेकिन बावजूद इसके 70 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 30 फीसदी बच्चे अभी तक ऑनलाइन पढ़ाई को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

वहीं, उच्च शिक्षा उपनिदेशक दिलबर जीत चंद्र ने माना कि स्कूलों के 70 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं, जबकि 30 फीसदी छात्र अभी तक पढ़ाई को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक अध्यापक को निर्देश दिए गए हैं कि अपनी कक्षा में सभी बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करें और बच्चों को रोचक तरीकों से पढ़ाया जाए ताकि सभी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि लें.

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