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कैमरे में कैद हुआ 'लुप्तप्राय' बर्फानी तेंदुआ, ब्राउन बियर ने भी दर्ज कराई उपस्थिति - सीसीटीवी कैमरा

चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी में बर्फानी तेंदुए को देखा गया है. ये दूसरी बार है कि चंबा में बर्फानी तेंदुए को कैमरे में कैद किया गया है.

कैमरे में कैद बर्फानी तेंदुए.
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Published : Jun 7, 2019, 12:57 PM IST

चंबा: दुर्लभ बर्फानी तेंदुए की मौजूदगी चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी में दर्ज की गई है. पांगी घाटी की तुआन बीट में रखे कैमरों में बर्फानी तेंदुए के साथ-साथ ब्राउन बियर भी कैमरे में कैद हुआ है.

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बता दें कि 1972 में प्रकृति के संरक्षण (आईयूसीएन) के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ विश्व स्तर पर 'लुप्तप्राय' के रूप में संकटग्रस्त प्रजाति की लाल सूची में हिम तेंदुए को रखा गया था. स्नो लेपर्ड और ब्राउन बियर विश्व के कुछ देशों में ही पाए जाते हैं. माना जाता है कि विश्व भर में बर्फानी-तेंदुआ प्रजाति की संख्या 5000 से भी कम है. वहीं भारत में इनकी संख्या महज 200 से 500 तक है.

Brown Beer
ब्राउन बियर.

जानकारी के अनुसार सेचु नाला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के तहत आने वाली तुआन बीट के वनरक्षक राजेंद्र द्वारा कैमरे लगाए गए हैं. इस दौरान कैमरों में बर्फानी-तेंदुए व भूरे भालू की फोटो सामने आई है. इससे पहले प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी कुगती में साल 2006 में बर्फानी-तेंदुए का पता चला था.

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ब्राउन बीयर पर शोध करने वाले देश के इकलौते वैज्ञानिक डॉक्टर विपन राठौर पहले ही पांगी घाटी में स्नो लेपर्ड की मौजूदगी को पूरी तरह से आश्वस्त थे. वहीं मौजूदा समय में डॉ. राठौर पांगी घाटी में ब्राउन बियर और स्नो लेपर्ड को लेकर शोध कार्य में जुटे हुए है.

चंबा: दुर्लभ बर्फानी तेंदुए की मौजूदगी चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी में दर्ज की गई है. पांगी घाटी की तुआन बीट में रखे कैमरों में बर्फानी तेंदुए के साथ-साथ ब्राउन बियर भी कैमरे में कैद हुआ है.

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बता दें कि 1972 में प्रकृति के संरक्षण (आईयूसीएन) के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ विश्व स्तर पर 'लुप्तप्राय' के रूप में संकटग्रस्त प्रजाति की लाल सूची में हिम तेंदुए को रखा गया था. स्नो लेपर्ड और ब्राउन बियर विश्व के कुछ देशों में ही पाए जाते हैं. माना जाता है कि विश्व भर में बर्फानी-तेंदुआ प्रजाति की संख्या 5000 से भी कम है. वहीं भारत में इनकी संख्या महज 200 से 500 तक है.

Brown Beer
ब्राउन बियर.

जानकारी के अनुसार सेचु नाला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के तहत आने वाली तुआन बीट के वनरक्षक राजेंद्र द्वारा कैमरे लगाए गए हैं. इस दौरान कैमरों में बर्फानी-तेंदुए व भूरे भालू की फोटो सामने आई है. इससे पहले प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी कुगती में साल 2006 में बर्फानी-तेंदुए का पता चला था.

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ब्राउन बीयर पर शोध करने वाले देश के इकलौते वैज्ञानिक डॉक्टर विपन राठौर पहले ही पांगी घाटी में स्नो लेपर्ड की मौजूदगी को पूरी तरह से आश्वस्त थे. वहीं मौजूदा समय में डॉ. राठौर पांगी घाटी में ब्राउन बियर और स्नो लेपर्ड को लेकर शोध कार्य में जुटे हुए है.


---------- Forwarded message ---------
From: ajay sharma <ajay76597@gmail.com>
Date: Fri, Jun 7, 2019, 3:04 AM
Subject: कुगती के बाद अब पांगी में कैमरे में कैद हुआ बर्फानी तेंदुआ, सामने आई तस्वीरें
To: rajneeshkumar <rajneeshkumar@etvbharat.com>


अजय शर्मा, चंबा
 दुर्लभ बर्फानी तेंदुए की मौजूदगी हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के जनजाति क्षेत्र पांगी में दर्ज की गई है। पांगी घाटी की तुआन बीट में रखे कैमरों में बर्फानी-तेंदुए की तस्वीरें कैद हुई है। साथ ही इसी श्रेणी में शामिल ब्राउन बियर भी कैमरे में कैद हुआ है। चंबा जिला में यह दूसरा मौका है जब यहां पर बर्फानी तेंदुए को देखा गया है। बता दे इससे पहले भरमौर के कुगती वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया में वर्ष 2006 स्नो लेपर्ड की मौजूदगी पाई गई थी। 
      सनद रहे कि स्नो लेपर्ड  और  ब्राउन बियर  विश्व के  कुछेक  देशों में ही पाए जाते हैं । कहा जा रहा है कि विश्व भर में बर्फानी-तेंदुआ प्रजाति की संख्या 5000 से भी कम है, वहीं भारत में इनकी संख्या महज 200 से 500 तक है। 
      जानकारी के अनुसार सेचु नाला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के तहत आने वाली तुआन बीट के वनरक्षक राजेंद्र के कैमरे लगा रखें है। इस दौरान कैमरों में बर्फानी-तेंदुए (Snow leopard) तथा भूरे भालू की फोटो सामने आई है। लिहाजा पांगी घाटी में इस विलुप्त हो रही प्रजाति का सरंक्षित होना बड़ी बात है।  हालांकि इससे पहले हिमाचल प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी कुगती  में साल 2006 में बर्फानी-तेंदुए का पता चला था। बता देेंं कि 1972 में प्रकृति के संरक्षण (आईयूसीएन) के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ विश्व स्तर पर “लुप्तप्राय” के रूप में संकटग्रस्त प्रजाति के अपने लाल सूची मेें हिम तेंदुए रखा गया था। खास बात यह कि बर्फानी तेंदुआ हिमाचल प्रदेश का स्टेट एनिमल भी है। उधर, वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ निशांत मंढोत्रा ने स्नो लेपर्ड तथा ब्राउन बीयर की मौजूदगी पाए जाने की पुष्टि की है। जाहिर है कि ब्राउनबीयर पर शोध करने वाले देश के इकलौते वैज्ञानिक डॉक्टर विपन राठौर पूर्व मैं ही पांगी घाटी में स्नो लेपर्ड की मौजूदगीी को पूरी तरह से आश्वस्त थे। वहीं मौजूदा समय में डॉ राठौर पांगी घाटी मेें ब्राउन बियर और स्नो लेपर्ड को लेकर शोध कार्य में जुटे हैं। बहरहाल स्नो लेपर्ड की पांंगी में मौजूूूदगी का खुुुलासा होने से डा. राठौर अपने शोधकार्य को अंंजाम तक पहुंंचा पाएंंगें। 
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