चंबा: चीन से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस ने सभी की जिंदगी में मानो ग्रहण लगा दिया हो. कोरोना महामारी का असर हर क्षेत्र में पड़ा है. पयर्टन सीजन भी इससे अछूता नहीं रहा है. मार्च माह के अंतिम सप्ताह से शुरू हुए कर्फ्यू ने पर्यटन नगरी डलहौजी की मानों तस्वीर ही बदल दी है.
इस साल का अप्रैल से जून तक का पर्यटन सीजन पूरी तरह से खत्म हो गया है. सालभर की आजीविका के लिए तीन माह के पर्यटन सीजन पर निर्भर पर्यटन कारोबारियों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है.
शहर के होटल, रेस्तरां, ढाबे तीन माह से पूरी तरह से बंद पड़े हैं. वहीं होटल्स में कार्यरत स्टाफ को भी आर्थिक परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है, जबकि शहर के बाजार भी आधे-अधूरे ही खुल रहे हैं. बाजारों में जो दुकानें खुल भी रही हैं, उन दुकानों पर कामकाज शून्य है.
सरकार ने कर्फ्यू में राहत देते हुए होटल-रेस्तरां को साठ प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने के निर्देश दिए हैं, बावजूद पर्यटकों की आमद शून्य होने के चलते संचालक अपने होटल व रेस्तरां नहीं खोल रहे हैं. क्योंकि बिना पर्यटकों के होटल व रेस्तरां खोलने पर उन्हें दोगुना आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा. अनलॉक-वन के बावजूद पर्यटन नगरी डलहौजी सुनसान पड़ी है.
डलहौजी में फिर से रौनक कब लौटेगी, यह कहा नहीं जा सकता है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इनकी राह आसान नहीं दिख रही है. दुकानदार सुबह दुकानें खोलकर सिर्फ समय व्यतीत करते हैं और दोपहर होने पर दुकानें बंद कर अपने घरों को चले जाते हैं.
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण का सीधा असर छोटे व्यापारिसों पर भी पड़ा है. कोरोना संक्रमण के मामले देशभर के साथ हिमाचल में भी बढ़ रहे हैं. दुकानदारों को उम्मीद है कि एक दिन जिंदगी फिर से पटरी पर लौटेगी और इनका कामकाज भी आम दिनों की तरह चलेगा.
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