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चंबा में छात्र संगठन SFI का प्रदर्शन, डीसी के माध्यम से शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन - चंबा में डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन

एसएफआई ने छात्रों की मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. एसएफआई इकाई के सचिव रहमतुल्ला ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा करवा रहा है जो विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ है.

छात्र संगठन एसएफआई का प्रदर्शन
छात्र संगठन एसएफआई का प्रदर्शन
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Published : Sep 12, 2020, 11:03 AM IST

चंबा: एसएफआई ने छात्रों की मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. छात्र संगठन एसएफआई ने विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती प्रक्रिया तथा स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की भी मांग उठाई. एसएफआई सदस्यों ने जिलाधीश चंबा के माध्यम से शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन भेजा.

एसएफआई इकाई के सचिव रहमतुल्ला ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा करवा रहा है जो विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ है. स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी असमंजस में हैं. पूरे प्रदेश के विद्यार्थियों को रोल नंबर के आधार पर अगली कक्षा में दाखिला दिया गया है, लेकिन पिछली कक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

एसएफआई ने प्रदेश सरकार और विश्व विद्यालय प्रशासन से मांग की है कि उक्त कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाए. उन्होंने बताया कि भर्ती के लिए जो रोस्टर सिस्टम होता है उसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने दरकिनार किया है. कुछ विभागों में तो सभी सीटें आरक्षित रखी गई हैं. इस पूरे मामले में जांच करने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से की है.

चंबा: एसएफआई ने छात्रों की मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. छात्र संगठन एसएफआई ने विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती प्रक्रिया तथा स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की भी मांग उठाई. एसएफआई सदस्यों ने जिलाधीश चंबा के माध्यम से शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन भेजा.

एसएफआई इकाई के सचिव रहमतुल्ला ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा करवा रहा है जो विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ है. स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी असमंजस में हैं. पूरे प्रदेश के विद्यार्थियों को रोल नंबर के आधार पर अगली कक्षा में दाखिला दिया गया है, लेकिन पिछली कक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

एसएफआई ने प्रदेश सरकार और विश्व विद्यालय प्रशासन से मांग की है कि उक्त कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाए. उन्होंने बताया कि भर्ती के लिए जो रोस्टर सिस्टम होता है उसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने दरकिनार किया है. कुछ विभागों में तो सभी सीटें आरक्षित रखी गई हैं. इस पूरे मामले में जांच करने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से की है.

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