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सड़क सुविधा से वंचित चंबा का क्लहेल गांव, पालकी के सहारे मरीज को पहुंचाना पड़ा अस्पताल

रविवार सुबह नैला गांव का एक युवक बीमार हो गया, जिसे 10 से 12 किलोमीटर पालकी के सहारे लोगों की सहायता से सड़क तक पहुंचाना पड़ा.

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Published : Apr 5, 2020, 12:00 PM IST

road connectivity issue
सड़क सुविधा

चंबा: जादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी चंबा जिला के कई इलाके ऐसे हैं जहां आज भी सड़क सुविधा नहीं होने के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चंबा जिला के अंतर्गत आने वाले क्लहेल पंचायत के 2 दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जहां आज भी सड़क सुविधा नहीं है.

इस वजह से अगर इन गावों में कोई बीमार होता है तो उसे अस्पताल पहुंताने के लिए कई किलोमीटर दूर पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाया जाता है. ऐसा ही मामला रविवार को आया जब एक बीमार हो गया और उसे पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाया.

वीडियो रिपोर्ट

दरअसल रविवार सुबह नैला गांव का एक युवक बीमार हो गया, जिसे 10 से 12 किलोमीटर पालकी के सहारे लोगों की सहायता से सड़क तक पहुंचाना पड़ा. कई बार लोगों ने विधायक, सांसद. मंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की, लेकिन आज तक इस गांव में सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई है.

गांव वासियों का कहना है कि हर चुनाव में नेता आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. साफ जाहिर होता है कि लोगों की राजनेताओं को कोई परवाह नहीं है.

स्थानीय युवाओं का कहना है कि कई बार हमने सरकार से मांग की है, लेकिन हमारी मांग को अनसुना किया जा रहा है. जब भी गांव में कोई बीमार होता है तो उसे पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ता है और कई बार तो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाने से मरीज की मौत भी हो जाती है.

चंबा: जादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी चंबा जिला के कई इलाके ऐसे हैं जहां आज भी सड़क सुविधा नहीं होने के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चंबा जिला के अंतर्गत आने वाले क्लहेल पंचायत के 2 दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जहां आज भी सड़क सुविधा नहीं है.

इस वजह से अगर इन गावों में कोई बीमार होता है तो उसे अस्पताल पहुंताने के लिए कई किलोमीटर दूर पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाया जाता है. ऐसा ही मामला रविवार को आया जब एक बीमार हो गया और उसे पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाया.

वीडियो रिपोर्ट

दरअसल रविवार सुबह नैला गांव का एक युवक बीमार हो गया, जिसे 10 से 12 किलोमीटर पालकी के सहारे लोगों की सहायता से सड़क तक पहुंचाना पड़ा. कई बार लोगों ने विधायक, सांसद. मंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की, लेकिन आज तक इस गांव में सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई है.

गांव वासियों का कहना है कि हर चुनाव में नेता आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. साफ जाहिर होता है कि लोगों की राजनेताओं को कोई परवाह नहीं है.

स्थानीय युवाओं का कहना है कि कई बार हमने सरकार से मांग की है, लेकिन हमारी मांग को अनसुना किया जा रहा है. जब भी गांव में कोई बीमार होता है तो उसे पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ता है और कई बार तो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाने से मरीज की मौत भी हो जाती है.

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