चंबा: चंबा जिले में सोमवार से 132 रूटों पर निजी बसें नहीं दौड़ेंगी. निजी बस ऑपरेटर्स ने मांगें पूरी न होने के चलते यह निर्णय लिया है. प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्स पिछले आठ माह से अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाते आए हैं. बावजूद इसके सरकार आश्वासनों के अलावा उन्हें कुछ भी नहीं दे रही है.
आठ माह से विशेष पथ कर और वर्किंग कैपिटल न मिलने से निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन ने यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटर्स बढ़ती महंगाई और सवारियां कम होने के चलते बसें चलाने में असमर्थ है.
बीते माह का टैक्स अभी भी बकाया
बता दें कि हिमाचल दिवस के मौके पर 3 माह का 50 प्रतिशत टैक्स माफ करने की घोषणा की गई थी, जबकि बीते और माह का टैक्स अभी भी बकाया है. वहीं, विशेष पथ कर और वर्किंग कैपिटल न मिलने से निजी बस ऑपरेटर यूनियन अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
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वर्किंग कैपिटल के तहत दो लाख तक का ऋण
निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन के जिला प्रधान रवि महाजन ने कहा कि वर्किंग कैपिटल के तहत बस ऑपरेटर्स दो लाख तक का ऋण हासिल कर सकते हैं. इस पर उनसे एक वर्ष तक कोई ब्याज नहीं लिया जाता है. बावजूद इसके अभी तक निजी बस ऑपरेटर्स की मुख्य मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है.
ऐसे में अब निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन चंबा ने वर्चुअल बैठक कर सोमवार से बसों को खड़ी करने का निर्णय लिया है. वर्तमान समय में कोरोना महामारी के चलते प्रदेश भर में दस से पंद्रह प्रतिशत बसें ही चल रही हैं. रवि महाजन ने कहा कि निजी बसों के पहिये थमने से लोगों को होने वाली परेशानी के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी.
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