चंबा: अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले की सांस्कृतिक संध्याओं में इस वर्ष चंबयाली, हिमाचली व पंजाबी गीतों का तड़का लगेगा. जिला प्रशासन ने इस वर्ष हिमाचल व चंबा के गायकों व नृतक दलों को सांस्कृतिक संध्याओं में व्यापक प्रस्तुति का मौका देने का फैसला लिया है.
मिंजर मेले की आठ सांस्कृतिक संध्याओं में दो हिमाचली, दो पंजाबी, एक लाफ्टर, एक मल्टीकल्चरल और एक चंबयाली कलाकारों के नाम रहेगी. इस मर्तबा मिंजर मेले में बालीवुड के गायकों के लिए एक सांस्कृतिक संध्या भी रखी गई है. यह जानकारी डीसी विवेक भाटिया ने दी है.
डीसी विवेक भाटिया नें बताया कि 28 जुलाई को मिंजर मेला की पहली सांस्कृतिक संध्या का आगाज, नमन शहीद कार्यक्रम के साथ होगा. इसके बाद पदमश्री से अंलकृत सुनील जोगी अपनी प्रस्तुति देंगे. स्वयंसेवी संस्था के विशेष बच्चों का व्हील चेयर डांस प्राइम टाइम का मुख्य आकर्षण रहेगा. मिंजर मेला की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में चंबयाली गायकों और नृतक दलों को मौका मिलेगा. मेले की तीसरी सांस्कृतिक संध्या मल्टीकल्चरल रहेगी, जिसमें विभिन्न जिलों व राज्यों के गायक व नृतक दल अपनी प्रस्तुतियां देंगे. मेले की चौथी व छठी सांस्कृतिक संध्या हिमाचली गायकों के नाम रहेगी. उपायुक्त चंबा डीसी विवेक भाटिया डीसी विवेक भाटिया ने बताया कि हिमाचली गायकों में हंसराज रघुवंशी, सुनील राणा, नीतीश राजपूत, राजीव थापा व रूमेल सिंह सरीखे गायक अपनी मधुर आवाज से लोगों का मनोरंजन करेंगे. मेले की पांचवीं व सातवीं सांस्कृतिक संध्या पंजाबी गायकों के नाम रहेगी. मिंजर मेले की आठवीं व अंतिम सांस्कृतिक संध्या बालीवुड गायकों के नाम रहेगी. सांस्कृतिक संध्या के दौरान उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के नृतक दल भी मुख्य आकर्षण रहेंगें. डीसी विवेक भाटिया ने बताया कि आडिशन प्रक्रिया के दौरान 88 स्थानीय गायकों व नृतक दलों का चयन सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति हेतु किया गया है. उन्होंने बताया कि ऑडिशन में टाप आठ में शामिल गायकों को सांस्कृतिक संध्या के प्राइम टाइम में प्रस्तुति का मौका मिलेगा.