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चंबा में स्क्रब टाइफस के 2 मरीज इलाज के बाद पूरी तरह से स्वस्थ, ऐसे रखें बचाव

चंबा में दो महीनों में स्क्रब टाइफस के आठ मामले सामने आए थे. जिसमें दो लोगों के सेंपल पॉजिटिव आए और दोनों मरीजों का सही इलाज होने से तबियत ठीक है.

दो महीनों में स्क्रब टाइफस के आठ मामले सामने आए
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Published : Oct 20, 2019, 11:49 PM IST

चंबा: जिला चंबा में दो महीनों में स्क्रब टाइफस के 2 मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था, लेकिन अब दोनों मरीजों का लगातार इलाज होने के बाद हालत ठीक है. अस्पताल में पिछले दो महीने में आठ लोगों को स्क्रब टाइफस बताया था.

स्क्रब टाइफस के दोनों मरीजों का जब टेस्ट किया गया तो उसमें से केवल 2 मरीजों के सैंपल ही पॉजिटिव आए थे. जिसके बाद अस्पताल में उनका लगातार इलाज चलता रहा और अब ये दोनों मरीज ठीक हैं.

बता दें कि स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है जो लोगों की मौत की बड़ी वजह बनता है. स्क्रब टाइफस मानसून के मौसम में ज्यादा होता है और इसका कीड़ा घास में अधिक मात्रा में पाया जाता है. जब व्यक्ति घास के बीच जाते हैं तो यह कीड़े घास से आदमी के शरीर में जाता है जिससे इंसान को तेज बुखार आता है.

वीडियो

इससे बचने के लिए उपाय ये हो सकते हैं कि आप जब भी पार्क या पेड़-पौधों के बीच जाएं तो उससे पहले पूरी बाजू के कपड़े पहन लें. तीन-चार दिनों से ज्यादा बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.

कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इस रोग के इलाज में टेट्रासाइक्लिन के साथ कीमो प्रोफिलैक्सिस बेहद प्रभावशाली रहती है. जिन इलाकों में पिस्सू अधिक पाए जाते हों, वहां के लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए.

जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राम कमल का कहना हैं की स्क्रब टाइफस घास में पैदा होने वाला एक माईट (एक प्रकार का कीड़ा) है, जो कई बार झाड़ियों में जाने से हो जाता है.

चंबा: जिला चंबा में दो महीनों में स्क्रब टाइफस के 2 मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था, लेकिन अब दोनों मरीजों का लगातार इलाज होने के बाद हालत ठीक है. अस्पताल में पिछले दो महीने में आठ लोगों को स्क्रब टाइफस बताया था.

स्क्रब टाइफस के दोनों मरीजों का जब टेस्ट किया गया तो उसमें से केवल 2 मरीजों के सैंपल ही पॉजिटिव आए थे. जिसके बाद अस्पताल में उनका लगातार इलाज चलता रहा और अब ये दोनों मरीज ठीक हैं.

बता दें कि स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है जो लोगों की मौत की बड़ी वजह बनता है. स्क्रब टाइफस मानसून के मौसम में ज्यादा होता है और इसका कीड़ा घास में अधिक मात्रा में पाया जाता है. जब व्यक्ति घास के बीच जाते हैं तो यह कीड़े घास से आदमी के शरीर में जाता है जिससे इंसान को तेज बुखार आता है.

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इससे बचने के लिए उपाय ये हो सकते हैं कि आप जब भी पार्क या पेड़-पौधों के बीच जाएं तो उससे पहले पूरी बाजू के कपड़े पहन लें. तीन-चार दिनों से ज्यादा बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.

कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इस रोग के इलाज में टेट्रासाइक्लिन के साथ कीमो प्रोफिलैक्सिस बेहद प्रभावशाली रहती है. जिन इलाकों में पिस्सू अधिक पाए जाते हों, वहां के लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए.

जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राम कमल का कहना हैं की स्क्रब टाइफस घास में पैदा होने वाला एक माईट (एक प्रकार का कीड़ा) है, जो कई बार झाड़ियों में जाने से हो जाता है.

Intro:चंबा जिला में स्क्रब टाईफस के आठ मामले आये थे सामने जिनमे दो मामलों में आई थी पोस्टिव रिपोर्ट दोनों का इलाज के बाद हुए ठीक स्वास्थ्य विभाग ने बताये उपाए ,

चंबा जिला में स्क्रब टाईफस के आठ मामले दो महीनों में सामने आये थे जिनका इलाज चंबा के पंडित जवाहार लाल मेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा में किया गया हालंकि आठ मामलों में में से दो लोगों के सेम्पल पोस्टिव आने से चंबा हडकंप मच सा गया था लेकिन अब दोनों मरीजों का सही इलाज होने से दोनों की तबियत ठीक है दोनों मरीज चंबा जिला के सिलाघराट और एक अन्य स्थान के रहने वाले थे आपको बताते चले की स्क्रब टाईफस मानसून के मौसम में ज्यादा होता है खास्कार जब घास ज्यादा उगता है तो ये कीटाणु घास में अधिक मात्रा में पायां जाता है ,जब महिलाएं या व्यक्ति घास के बीच जाते है तो ये किटानू आदमी के शरीर में घुस जाता है जिससे इंसान को तेज बुखार आता है ,Body:पार्क या पेड़-पौधों के बीच जाने से पहले पूरी बाजू के कपड़े पहनें. बुखार तीन-चार दिनों से ज्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें. कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इस रोग के इलाज में टेट्रासाइक्लिन के साथ कीमोप्रोफिलेक्सिस बेहद प्रभावशाली रहती है. जिन इलाकों में पिस्सू अधिक पाए जाते हों, वहां के लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए.
Conclusion:क्या कहते है जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामकमल
वहीँ दूसरी और जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामकमल का कहना हैं की स्क्रब टाईफस घास में पैदा होने वाला एक माईट हैं जो कई बार झाडियों में जाने से हो जाता है चंबा में आठ मामले सामने आये थे जिनमे दो की रिपोर्ट पोस्टिव आई थी ,और इन दोनों लोगों का इलाज होने के बाद ठीक हो गए आपको बताते चले की जब भी घास वाले इलाके में जाए तो हाथों में ग्लब्स और पाँव में जूतों सहित जुराब का इस्तेमाल करें पूरी बाजू कापडे पहने ताकि इस बिमारी से बचा जा सके
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