चंबा: जिला चंबा में दो महीनों में स्क्रब टाइफस के 2 मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था, लेकिन अब दोनों मरीजों का लगातार इलाज होने के बाद हालत ठीक है. अस्पताल में पिछले दो महीने में आठ लोगों को स्क्रब टाइफस बताया था.
स्क्रब टाइफस के दोनों मरीजों का जब टेस्ट किया गया तो उसमें से केवल 2 मरीजों के सैंपल ही पॉजिटिव आए थे. जिसके बाद अस्पताल में उनका लगातार इलाज चलता रहा और अब ये दोनों मरीज ठीक हैं.
बता दें कि स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है जो लोगों की मौत की बड़ी वजह बनता है. स्क्रब टाइफस मानसून के मौसम में ज्यादा होता है और इसका कीड़ा घास में अधिक मात्रा में पाया जाता है. जब व्यक्ति घास के बीच जाते हैं तो यह कीड़े घास से आदमी के शरीर में जाता है जिससे इंसान को तेज बुखार आता है.
इससे बचने के लिए उपाय ये हो सकते हैं कि आप जब भी पार्क या पेड़-पौधों के बीच जाएं तो उससे पहले पूरी बाजू के कपड़े पहन लें. तीन-चार दिनों से ज्यादा बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.
कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इस रोग के इलाज में टेट्रासाइक्लिन के साथ कीमो प्रोफिलैक्सिस बेहद प्रभावशाली रहती है. जिन इलाकों में पिस्सू अधिक पाए जाते हों, वहां के लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए.
जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राम कमल का कहना हैं की स्क्रब टाइफस घास में पैदा होने वाला एक माईट (एक प्रकार का कीड़ा) है, जो कई बार झाड़ियों में जाने से हो जाता है.