चंबा: सर्दी के महीने में हो रही भारी बारिश से प्रदेश में लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा है. लैंडस्लाइड से किसानों और बागवानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है.
जिला चंबा में भी बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी है. लैंडस्लाइड से किसानों के खेत मलबे में तबदील हो गए हैं. किसानों को अभी से मक्की की फसल की चिंता सताने लगी है. लैंडस्लाइड से जमीन के धंसने का क्रम अभी भी जारी है. ऐसे में किसानों ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
किसानों का कहना है कि भारी बारिश से उनके खेत पूरी तरह से धंस चुके हैं. खेतों में जगह-जगह लैंडस्लाइड होने से खेत पूरी तरह टूट गए हैं जिससे खेती वाली जमीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईहै. किसानों ने सरकार और जिला प्रशासन से मनरेगा के तहत खेतों को ठीक करवाने की मांग की है.बता दें कि फरवरी महीने में हो रही बारिश से सरकारी संपत्ति को भी करोड़ों का नुकसान पहुंचा है. बारिश से सैकड़ों सड़क मार्ग प्रभावित हुए हैं. वहीं, कई जगल बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है.