चंबा: जिला का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हमेशा विवादों में रहा है. कभी स्टाफ की कमी तो कभी स्टाफ का अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना, लेकिन इसका खमियाजा तब भी जनता को भुगतना पड़ता था और आज भी भुगतना पड़ता है.
पांच दिन के मासूम बच्चे को जिसे सीरियस होने पर टांडा रेफर किया गया था, लेकिन 12 घंटे तक इंतजार करने के बाद उस मासूम को जब एम्बुलेंस मिली तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया. ये घटना शनिवार की है और सुबह 12 बजे बच्चे को रेफर किया गया था, लेकिन देर रात 10 बज जाने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं मिली. जिससे नवजात की मौत हो गई. बच्चे के चाचा का कहना है कि है कि हम सुबह से भटक रहे थे लेकिन हमने कई बार फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस से कोई जबाब नहीं मिला.
आपातकाल में सेवाएं दे रहे डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को रेफर किया था, लेकिन एम्बुलेंस कहीं और जाने की वजह से देरी से आई हालांकि फिर फिर भेजा गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से सभी आपातकाल में मुझे अकेले देखना पड़ता है अस्पताल में 600 के करीब मरीज हैं ऐसे में दिक्कतें होती है.
इसकी भनक चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी नही थी, लेकिन जैसे ही मीडिया ने उनसे बात की उन्होंने साफ कहा कि लापरवाही हुई होगी तो दोषियों को नहीं बक्शा जाएगा, कुछ परेशानियां है लेकिन इतनी बड़ी बात हो जाना जांच का विषय है.
चंबा की एसडीएम दीप्ति मंढोतरा का कहना है कि आपके माध्यम से पता चला है कि किसी बच्चे को एम्बुलेंस नहीं मिली है. मामला संगीन है इसकी जांच वे खुद करेंगी. जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.