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प्रशासन के दावों की खुली पोल: 12 घंटे तक नहीं मिली एंबुलेंस, 5 दिन के नवजात की मौत

12 घंटे तक इंतजार करने के बाद मासूम नवजात को जब एम्बुलेंस मिली तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया.

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Published : May 26, 2019, 10:13 PM IST

चंबा: जिला का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हमेशा विवादों में रहा है. कभी स्टाफ की कमी तो कभी स्टाफ का अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना, लेकिन इसका खमियाजा तब भी जनता को भुगतना पड़ता था और आज भी भुगतना पड़ता है.

पांच दिन के मासूम बच्चे को जिसे सीरियस होने पर टांडा रेफर किया गया था, लेकिन 12 घंटे तक इंतजार करने के बाद उस मासूम को जब एम्बुलेंस मिली तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया. ये घटना शनिवार की है और सुबह 12 बजे बच्चे को रेफर किया गया था, लेकिन देर रात 10 बज जाने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं मिली. जिससे नवजात की मौत हो गई. बच्चे के चाचा का कहना है कि है कि हम सुबह से भटक रहे थे लेकिन हमने कई बार फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस से कोई जबाब नहीं मिला.

वीडियो

आपातकाल में सेवाएं दे रहे डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को रेफर किया था, लेकिन एम्बुलेंस कहीं और जाने की वजह से देरी से आई हालांकि फिर फिर भेजा गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से सभी आपातकाल में मुझे अकेले देखना पड़ता है अस्पताल में 600 के करीब मरीज हैं ऐसे में दिक्कतें होती है.

इसकी भनक चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी नही थी, लेकिन जैसे ही मीडिया ने उनसे बात की उन्होंने साफ कहा कि लापरवाही हुई होगी तो दोषियों को नहीं बक्शा जाएगा, कुछ परेशानियां है लेकिन इतनी बड़ी बात हो जाना जांच का विषय है.

चंबा की एसडीएम दीप्ति मंढोतरा का कहना है कि आपके माध्यम से पता चला है कि किसी बच्चे को एम्बुलेंस नहीं मिली है. मामला संगीन है इसकी जांच वे खुद करेंगी. जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

चंबा: जिला का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हमेशा विवादों में रहा है. कभी स्टाफ की कमी तो कभी स्टाफ का अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना, लेकिन इसका खमियाजा तब भी जनता को भुगतना पड़ता था और आज भी भुगतना पड़ता है.

पांच दिन के मासूम बच्चे को जिसे सीरियस होने पर टांडा रेफर किया गया था, लेकिन 12 घंटे तक इंतजार करने के बाद उस मासूम को जब एम्बुलेंस मिली तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया. ये घटना शनिवार की है और सुबह 12 बजे बच्चे को रेफर किया गया था, लेकिन देर रात 10 बज जाने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं मिली. जिससे नवजात की मौत हो गई. बच्चे के चाचा का कहना है कि है कि हम सुबह से भटक रहे थे लेकिन हमने कई बार फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस से कोई जबाब नहीं मिला.

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आपातकाल में सेवाएं दे रहे डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को रेफर किया था, लेकिन एम्बुलेंस कहीं और जाने की वजह से देरी से आई हालांकि फिर फिर भेजा गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से सभी आपातकाल में मुझे अकेले देखना पड़ता है अस्पताल में 600 के करीब मरीज हैं ऐसे में दिक्कतें होती है.

इसकी भनक चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी नही थी, लेकिन जैसे ही मीडिया ने उनसे बात की उन्होंने साफ कहा कि लापरवाही हुई होगी तो दोषियों को नहीं बक्शा जाएगा, कुछ परेशानियां है लेकिन इतनी बड़ी बात हो जाना जांच का विषय है.

चंबा की एसडीएम दीप्ति मंढोतरा का कहना है कि आपके माध्यम से पता चला है कि किसी बच्चे को एम्बुलेंस नहीं मिली है. मामला संगीन है इसकी जांच वे खुद करेंगी. जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:12 घंटे तक नही मिली एम्बुलेंस सुविधा ,पांच दिन के बच्चे की मौत ,पांच दिन पहले हुआ था सिजेरियन से ऑपरेशन ।

स्पेशल रिपोर्ट

इस खबर से सबंधित वीडियो ग्रुप में है ।

कहते है अस्पताल में डॉक्टर को लोग भगवान से कम नही मानते , लेकिन चम्बा का पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हमेशा विवादों में रहा है कभी स्टाफ की कमी तो कभी स्टाफ का अपनी मांगों को लेकर सड़कों पे उतारना लेकिन इसका खमियाजा तब भी जनता को भुगतना पड़ता था और आज भी भुगतन पड़ता है। जी हां कहानी पांच दिन के उस मासूम बच्चे की है जिसे सीरियस होने पे टांडा रेफर किया गया था लेकिन 12 घंटे तक इंतज़ार करने के बाद उस मासूम को जब एम्बुलेंस मिली टैब थोड़ी देर जाने के बाद मासूम ने दम तोड़ दिया । ये घटना कल की है और सुबह 12 बजे बचे को रेफर किया गया था लेकिन देर रात 10 बज जाने के बाद भी अभागे मासूम को एम्बुलेंस नही मिल जिसकी वजह से जबतक एम्बुलेंस मिलती टैब तक बहुत देर हो चुकी थी ।


Body:वही दूसरी ओर बच्चे के चाचा का कहना है कि हैम सुबह से भटक रहे है हमने कई बार फ़ोन किया लेकिन एम्बुलेंस से कोई जबाब नही मिला ,बच्चे को टांडा रेफर किया गया है कुछ दिन पहले सिजेरियन से मेरे भाई को बेटा हुआ था लेकिन काफी सीरियस होने पे टांड़ रेफर किया गया था ।

वहीं दूसरी ओर बचे के रिश्तेदारों का कहना है कि सरकार की योजनाएं सब झूठी है सुबह से एम्बुलेंस नही मिली और क्या हो सकता है ।

वहीं दूसरी ओर आपातकाल मैं सेवाएं दे रहे डॉक्टर का कहनाहै की बच्चे को रेफर किया था लेकिन एम्बुलेंस कहीं और जाने की वजह से देरी से आई हालांकि फिर फिर भेजा गया लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से सभी आपातकाल मैं मुझे अकेले देखना पड़ता है अस्पताल मैं छेसो के करीब मरीज है ऐसे में दिक्कतें होती है ।

वही दूसरी ओर चम्बा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पीके पूरी क्या कहते है ।

मामला संगीन था और इसकी भनक प्रधानाचार्य को भी नही थी लेकिन जैसे मीडिया ने उनसे बात की उन्होंने साफ कहा किसी की भी लापरवाही हुई होगी नही बक्शा जाएगा ,कुछ परेशानियां है लेकिन इतनी बड़ी बात हो जाना जांच का विषय है ।जरूर गहनता से छानवीन की जाएगी ।


Conclusion:जय कहती है चम्बा की एसडीएम डिप्टी मंढोत्रा
वहीं दूसरी ओर चम्बा की एसडीएम डिप्टी मंढोतरा का कहना है कि आपके माध्यम से पता चला है कि किसी बच्चे को एम्बुलेंस नही मिली है मामला संगीन है इसको लेकर मैं खुदजांच करूंगी ।जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी ।
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