चंबा: जनजातीय क्षेत्र भरमौर में ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचाई है. सबसे अधिक सेब उत्पादन करने वाली उलांसा पंचायत में ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है. प्री मानसून की दस्तक ने पंचायत में बागवानों की 70 फीसदी फसल तबाह कर दी है. बंपर फसल की उम्मीद लगाए बैठे बागवानों को बड़ा झटका लगा है.
सेब की फसल हुई तबाह
पंचायत प्रधान ने उपमंडलीय प्रशासन से विभाग की टीम को मौके पर भेजकर नुकसान का आंकलन कर राहत प्रदान करने की मांग प्रमुखता के साथ उठाई है. गत दिनों ग्राम पंचायत उलांसा के ऊपरी हिस्सों में बादल फटने के बाद मूसलाधार बारिश और भारी ओलावृष्टि हुई थी. अब ओलावृष्टि ने सेब की फसल को बुरी तरह से तबाह कर दिया है.
उपमंडलाधिकारी भरमौर को भेजा पत्र
बागवानों की मानें तो ओलावृष्टि से सेब काले पड़ गए हैं. कई बगीचों में सेब व पत्ते भी झड़ गए हैं. ग्राम पंचायत उलांसा के प्रधान हरि सिंह का कहना है कि बागवानों को हुए नुकसान के बाबत एक पत्र उपमंडलाधिकारी भरमौर को भी प्रेषित किया गया है. पंचायत के अधिकांश परिवारों की रोजी-रोटी का जरिया कृषि बागवानी ही है.
70 फीसदी फसल हुई नष्ट
बागवानों को इस साल सेब की बंपर फसल होने की उम्मीद थी, लेकिन ओलावृष्टि ने पंचायत में 70 फीसदी फसल को चट कर लिया है. उनका कहना है कि पिछले साल भी मौसम की वजह से बागवानों को नुकसान उठाना पड़ा था. वहीं, इस वर्ष भी मौसम बागवानों के लिए नुकसान दायक साबित हुआ है. उपमंडालाधिकारी को भेजे पत्र के माध्यम से पंचायत प्रधान ने उचित मुआवजे की मांग की है.
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