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आशा कुमारी ने कथित घोटालों को लेकर सरकार पर बोला हमला, CM के इस्तीफे की मांग

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और डल्हौजी से विधायक आशा कुमारी ने सरकार पर हमला बोलते हुए सीएम के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि सीएम के इस्तीफे के बाद ही घोटाले की जांच निष्पक्ष हो सकती है.

All India Congress Committee
आशा कुमारी का हिमाचल सरकार पर वार.
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Published : Jun 8, 2020, 11:08 AM IST

चंबा: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रभारी आशा कुमारी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की कार्रवाई नहीं कर सकती. स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है और वहां निष्पक्ष जांच का सवाल ही पैदा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे उसके बाद ही निष्पक्ष जांच होने की उम्मीद बन सकती है.

आशा कुमारी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विपक्ष को भी हिमाचल प्रदेश की जनता ने चुना है. हमारा फर्ज बनता है कि हम लोगों के मुद्दे सरकार के सामने उठाएं और अगर सरकार गलत करती है तो हमें सरकार की गलत नीतियों को जनता के सामने लाना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

आशा कुमारी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में आनन-फानन में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉं राजीव बिंदल का इस्तीफा हास्यस्पद है. लोग बात कर रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग के घोटाले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का क्या रोल हो सकता है. अगर राजीव बिंदल इस्तीफा देते हैं तो उसके पीछे बहुत बड़ी वजह है, जो जांच में सामने आनी चाहिए. इस घोटाले के पीछे कौन-कौन लोग जुड़े हैं और उन्हें सरकार क्यों बचाना चाहती है. यह बात सामने आनी चाहिए.

आशा कुमारी ने कहा कि विपक्ष के पूरे विधायक इस बात की मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें. इसको लेकर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, जिसमें इस पूरे स्वास्थ्य मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर बातचीत की गई थी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एक ऐसा विभाग बन गया है, जहां घोटालों की लंबी फेहरिस्त है. पीपीई किट, सैनिटाइजर घोटाला और वेंटिलेटर घोटाला जैसे कई घोटाले स्वास्थ्य विभाग में सामने आए हैं. इसको लेकर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की सेटिंग जज से इसकी जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके.

क्या था मामला:

हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में लेनदेन की ऑडियो सीडी सामने आने के बाद स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद उन्हें कोर्ट से बेल मिल गई थी. इस पूरे मामले में दो लोगों की बातचीत होती है और दूसरे व्यक्ति को स्टेट विजिलेंस ने देर रात गिरफ्तार किया था, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. हिमाचल प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार को नाक तले चने चबाने पर मजबूर कर दिया है. यही कारण है कि पिछले काफी दिनों से हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार को लेकर हमेशा हमलावर रहा है.

चंबा: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रभारी आशा कुमारी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की कार्रवाई नहीं कर सकती. स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है और वहां निष्पक्ष जांच का सवाल ही पैदा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे उसके बाद ही निष्पक्ष जांच होने की उम्मीद बन सकती है.

आशा कुमारी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विपक्ष को भी हिमाचल प्रदेश की जनता ने चुना है. हमारा फर्ज बनता है कि हम लोगों के मुद्दे सरकार के सामने उठाएं और अगर सरकार गलत करती है तो हमें सरकार की गलत नीतियों को जनता के सामने लाना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

आशा कुमारी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में आनन-फानन में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉं राजीव बिंदल का इस्तीफा हास्यस्पद है. लोग बात कर रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग के घोटाले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का क्या रोल हो सकता है. अगर राजीव बिंदल इस्तीफा देते हैं तो उसके पीछे बहुत बड़ी वजह है, जो जांच में सामने आनी चाहिए. इस घोटाले के पीछे कौन-कौन लोग जुड़े हैं और उन्हें सरकार क्यों बचाना चाहती है. यह बात सामने आनी चाहिए.

आशा कुमारी ने कहा कि विपक्ष के पूरे विधायक इस बात की मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें. इसको लेकर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, जिसमें इस पूरे स्वास्थ्य मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर बातचीत की गई थी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एक ऐसा विभाग बन गया है, जहां घोटालों की लंबी फेहरिस्त है. पीपीई किट, सैनिटाइजर घोटाला और वेंटिलेटर घोटाला जैसे कई घोटाले स्वास्थ्य विभाग में सामने आए हैं. इसको लेकर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की सेटिंग जज से इसकी जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके.

क्या था मामला:

हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में लेनदेन की ऑडियो सीडी सामने आने के बाद स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद उन्हें कोर्ट से बेल मिल गई थी. इस पूरे मामले में दो लोगों की बातचीत होती है और दूसरे व्यक्ति को स्टेट विजिलेंस ने देर रात गिरफ्तार किया था, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. हिमाचल प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार को नाक तले चने चबाने पर मजबूर कर दिया है. यही कारण है कि पिछले काफी दिनों से हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार को लेकर हमेशा हमलावर रहा है.

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