चंबा: विशेष न्यायाधीश (सत्र न्यायाधीश) चंबा राजेश तोमर की अदालत ने सरकारी राशि का दुरुपयोग करने वाले तत्कालीन पंचायत प्रधान, सचिव सहित दो अन्य लोगों को 3 वर्ष का जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने पंचायत प्रधान और सचिव को 60-60 हजार रुपये जबकि, युवक मंडल प्रधान और सचिव को 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषियों को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. मामले की पैरवी जिला न्यायवादी विजय रेहलिया ने की.
अदालत ने सुनाई 3 साल की सजा
यह मामला भुवनेश पुत्र देवी सिंह निवासी गांव गुद्रा तहसील और जिला चंबा के बयान पर सितंबर 2013 को दर्जा हुआ था. भुवनेश ने मामले की लिखित शिकायत चंबा न्यायालय में की. उन्होंने बताया कि गांव बैंसका में कृषि नवयुवक मंडल बैंसका की ओर से 4 विकास कार्यों को अंजाम दिया जाना है. इसके अध्यक्ष मनोज कुमार और सचिव उमेश कुमार थे. उन 4 कामों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, गांव बैंसका की गली में पक्के रास्ते का निर्माण, सोलर लाइटों का निर्धारण और गांव बैंसका में नाली का निर्माण शामिल था.
मस्टररोल और बिल जाली होने की शिकायत
इन सभी कार्यों को निष्पादित करने के लिए सरकार की ओर से 2.5 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी. इन चारों कार्यों को मौके पर निष्पादित नहीं किया गया. उन्होंने उक्त ग्राम पंचायत के प्रधान अमर सिंह और सचिव संजीव चौणा के खिलाफ आंगनबाड़ी केंद्र पनेला और प्राथमिक पाठशाला जुम्हार के निर्माण कार्य के संबंध में मस्टररोल और बिल जाली होने की शिकायत की थी. वर्ष 2011-12 में सभी पुराने कार्यों का निष्पादन किया जाना था. उन्होंने सीजेएम चंबा के न्यायालय में शिकायत दी. इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए. जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया, जहां अदालत ने अपना फैसला सुनाया.
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