शिमला: राजधानी के ग्रीन एरिया में भवन निर्माण पर एनजीटी की रोक को हटाने और भवनों को नियमित कराने को लेकर अब उप नगरीय जन कल्याण समिति द्वारा जॉइंट एक्शन कमेटी का गठन किया जाएगा. ये कमेटी सरकार और सुप्रीम कोर्ट के पास जाने की संभावनाओं पर मंथन करेगी.
दरअसल उप नगरीय जन कल्याण समिति द्वारा मंगलवार को कालीबाड़ी हाल में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आगामी रणनीति तैयार करने पर चर्चा की गई. इसी बीच समिति ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया. उनका आरोप है कि इन भवनों से नगर निगम द्वारा प्रोपर्टी टैक्स लिया जा रहा है, जब नियमित करने को कहा जाता है तो इसे अवैध कहा जाता है.
समिति के समन्वयक गोविंद चितरांटा ने बताया कि सरकार ने फंड लेने के लिए नगर निगम का दायरा बढ़ाया है, जिसमें हजारों भवन आए हैं. उन्होंने बताया कि अधिकतर भवन पंचायत के तहत थे, लेकिन जब नगर निगम में ये एरिया आया है, तो इन भवनों को अवैध घोषित कर दिया गया.
गोविंद चितरांटा ने बताया कि शिमला में हाईकोर्ट का भवन 11 मंजिला, रोप का 13 मंजिला, टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग का भवन 7 मंजिला भवन है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली की तरह वन टाइम सेटेलमेंट में भवन मालिकों को राहत दे.