बिलासपुर: डीजल में लगातार बढ़ोतरी के चलते सिविल सप्लाई विभाग के सीमेंट ढुलान में जुटे हजारों ऑपरेटरों को रेट में बढ़ोतरी न होने के कारण आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसके चलते ऑपरेटर सीमेंट ढुलान किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान न झेलना पड़े.
बीडीटीएस सभा के पूर्व प्रधान एवं वर्तमान कार्यकारिणी सदस्य रमेश ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2014 में सिविल सप्लाई विभाग ने किराए तय किए थे, लेकिन उस समय डीजल 56 रुपये प्रति लीटर था. इसके बाद डीजल के दाम में 15 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है, लेकिन ऑपरेटर पहले से तय भाड़े के तहत ही स्टेशन तक सीमेंट पहुंचा रहे हैं, जिसके कारण ऑपरेटरों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. इसके चलते डीजल का खर्च भी बड़ी मुश्किल से पूरा हो रहा है.
रमेश ठाकुर ने कहा कि 14 मई 2018 को प्रधान के पद पर रहते हुए एक प्रतिनिधिमंडल सिविल सप्लाई विभाग व सरकार से ढुलान का किराया डीजल के मुताबिक बढ़ाने को लेकर मिला था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही बीडीटीएस में सत्ता परिवर्तन होने के कारण इस ओर ध्यान नहीं दिया गया.
वहीं, बीडीटीएस सभा के सदस्यों चंदू राम ठाकुर, कुलदीप गौतम, पवन कौशल, विनय कुमार वर्मा, कमल किशोर और अन्य ने बताया कि कोविड-19 के कारण पहले से ही ऑपरेटरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, अब डीजल के रेट बढ़ने से सिविल सप्लाई महकमे के द्वारा दी जाने वाली सरकारी महकमे को सप्लाई रेट तुरंत बढ़ाने के लिए मांग की है. वहीं, इन्होंने वर्तमान सभा पर भी आरोप लगाते हुए कहा उनके ढुलमुल रवैये के कारण ऑपरेटरों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने प्रधान व अन्य पदाधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि जल्द इस विषय पर गौर किया जाए, ताकि ऑपरेटरों को हो रहे आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके.
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