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बिलासपुर में 16 से 19 नवंबर तक चलेगा 'टीबी मुक्त' अभियान, रोगियों की पहचान करके दी जाएगी दवाई - रोगियों की पहचान करके दी जाएगी दवाई

16 नवंबर से 30 नवंबर तक ये अभियान चलाया जाएगा जहां डोर मरीजों की पहचान की जाएगी. इसी के साथ काउंसलिंग में मरीजों को नियमित रूप से दवाई देने के साथ-साथ उन पर निगरानी भी रखी जाएगी.

बिलासपुर में 16 से 19 नवंबर तक चलेगा 'टीवी मुक्त' अभियान
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Published : Nov 13, 2019, 2:08 PM IST

बिलासपुर: उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बचत भवन में जिला से रोग उन्मूलन समिति और जिला टीवी फोरम बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला में छाया रोग को जड़ से खत्म करने के लिए जिला स्तर पर अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है.

उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि इस काम के लिए विभिन्न विभागों के सहयोग के माध्यम से जिला में स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्वास्थ्य कार्यकर्ता और अन्य संस्थाओं के माध्यम से शहरों की पहचान की जाएगी. इसी के साथ काउंसलिंग में मरीजों को नियमित रूप से दवाई देने के साथ-साथ उन पर निगरानी भी रखी जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट.

उपायुक्त ने कहा कि शहरों के मरीजों के लिए 6 माह का दवा सेवन का कोर्स है, यदि रोगी नियमित रूप से दवाई लेता है तो 6 माह में इस रोग से मुक्ति मिल जाती है.

उन्होंने कहा कि से रोग मुक्त हिमाचल अभियान में एक्टिव केस फाइंडिंग एक प्रमुख गतिविधि है. जिसके माध्यम से शहरों के रोगियों की आसानी से पहचान की जा सकती है. उन्होंने बताया कि 16 नवंबर से 30 नवंबर तक अभियान चलाया जाएगा जहां डोर मरीजों की पहचान की जाएगी.

ये भी पढ़ें- जनमंच में चार्जशीट किए गए पंचायत सचिव और एक अन्य कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी, विभागीय जांच शुरू

बिलासपुर: उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बचत भवन में जिला से रोग उन्मूलन समिति और जिला टीवी फोरम बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला में छाया रोग को जड़ से खत्म करने के लिए जिला स्तर पर अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है.

उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि इस काम के लिए विभिन्न विभागों के सहयोग के माध्यम से जिला में स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्वास्थ्य कार्यकर्ता और अन्य संस्थाओं के माध्यम से शहरों की पहचान की जाएगी. इसी के साथ काउंसलिंग में मरीजों को नियमित रूप से दवाई देने के साथ-साथ उन पर निगरानी भी रखी जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट.

उपायुक्त ने कहा कि शहरों के मरीजों के लिए 6 माह का दवा सेवन का कोर्स है, यदि रोगी नियमित रूप से दवाई लेता है तो 6 माह में इस रोग से मुक्ति मिल जाती है.

उन्होंने कहा कि से रोग मुक्त हिमाचल अभियान में एक्टिव केस फाइंडिंग एक प्रमुख गतिविधि है. जिसके माध्यम से शहरों के रोगियों की आसानी से पहचान की जा सकती है. उन्होंने बताया कि 16 नवंबर से 30 नवंबर तक अभियान चलाया जाएगा जहां डोर मरीजों की पहचान की जाएगी.

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Intro:16 से 19 नवंबर तक जिला में से रोगियों की पहचान के लिए चलाया जाएगा अभियान


उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बचत भवन में जिला से रोग उन्मूलन समिति तथा जिला टीवी फोरम बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला में छाया रोग को जड़ से खत्म करने के लिए जिला स्तर पर अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है. उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए विभिन्न विभागों के सहयोग के माध्यम से जिला में स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा अन्य संस्थाओं के माध्यम से शहरों की पहचान की जाएगी. इसी के साथ काउंसलिंग में मरीजों को नियमित रूप से दवाई देने के साथ-साथ उन पर निगरानी भी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि शहरों के मरीजों के लिए 6 माह का दवा सेवन का कोर्स है। यदि रोगी नियमित रूप से दवाई लेता है तो 6 में इस रोग से मुक्ति मिल जाती है।



Body: उन्होंने कहा कि से रोग मुक्त हिमाचल अभियान में एक्टिव केस फाइंडिंग एक प्रमुख गतिविधि है। जिसके माध्यम से शहरों के रोगियों की आसानी से पहचान की जा सकती है। उन्होंने बताया कि 16 नवंबर से 30 नवंबर तक अभियान चलाया जाएगा जहां डोर मरीजों की पहचान की जाएगी।



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