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पारंपरिक रस्मों के साथ राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला शुरू, महिला कुश्ती और पैराग्लाइडिंग होगी आकर्षण का केंद्र - नलवाड़ी मेला

पारंपरिक रस्मों के साथ राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला शुरू महिला कुश्ती और पैराग्लाइडिंग होगी आकर्षण का केंद्र कानून व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात

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Published : Mar 17, 2019, 10:23 PM IST

बिलासपुर: सात दिन तक चलने वाला राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला रविवार को पारंपरिक रस्मों के साथ शुरू हुआ. मेले का शुभारंभ उपायुक्त विवेक भाटिया और एसपी अशोक कुमार द्वारा लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा अर्चना के साथ हुआ.

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इस अवसर पर सैकड़ों स्थानीय गणमान्य लोगों को पगड़ी पहनाने की पारंपरिक रस्म अदा करने के बाद मंदिर परिसर में नंदी की प्रतिमा की पूजा अर्चना की गई. मेले के शुभारंभ पर मुख्य पैराग्लाइडिंग और ज्यॉय राइडिंग मुख्य आकर्षण का केंद्र रही.

इस मौके पर लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर से मेला स्थल तक ढोल-नगाड़ों, नरसिंगा और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के सामंजस्य में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में सैकड़ों लोग पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों पर थिरके. नलवाड़ी के साथ सरस मेले का भी शुभारंभ हो गया है. मेले में पहली बार सरस मेला आयोजित हुआ है.

इसके बाद लूहणू मैदान मेला स्थल पर खूंटा गाड़ने, बैलों के पारंपरिक पूजन और राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला का घ्वजारोहण कर विधिवत रूप से मेले का उद्घाटन हुआ. बताया जाता है कि मेले की शुरुआत पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए की गई थी. मेले के उद्घाटन भाषण में लोगों को संबोधित करते हुए राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला अध्यक्ष एवं डीसी विवेक भाटिया ने कहा कि मेले, त्योहार और पर्व हमारी प्राचीन परंपराओं और लोक संस्कृति के परिचायक हैं. मेलों के आयोजनों से जहां हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार व संवर्धन होता है. वहीं, राष्ट्रीय एकता, सद्भावना व बन्धुत्व की भावनाओं को भी बल मिलता है.

डीसी ने कहा कि मेलों के साथ हमारी आस्थाएं व समृद्ध परंपराएं जुड़ी हुई हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी सैकड़ों, हजारों वर्षों का लंबा सफर तय कर आज के इस आधुनिक युग में भी अपना मौलिक अस्तित्व बचाए हुए हैं और ये अत्यन्त गौरव की बात है.

इस बार मेले की थीम सर्वदृष्टया यानि हर नजर से अलग-अलग दृष्टिकोणों का समावेश रखा गया है. इस बार मेले में खास बात ये है कि बुजुर्गों, बच्चों, सैनिकों और दिव्यागों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बैठने की अलग से जगह बनाई गई है. साथ ही मनोरंजन के लिए पैराग्लाइडिंग की नई कोशिश भी शुरू की गई है, जिसमें प्रशिक्षित पैराग्लाइडर्स के साथ पैराग्लाइडिंग के इच्छुक लोग 20 मिनट तक हवा में मेले का आनंद उठा सकते हैं.
बिलासपुर डीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 मार्च से मेले सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा ट्राइबल फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा, जिसमें लोगों को देश के विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी.

इस अवसर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि मेले व त्योहार हमारी समृद्ध संस्कृति को संजोए रखते हैं. मेलों के आयोजनों से हमारे रीति रिवाजों व परंपराओं का सरंक्षण होता है. मेले के दौरान कानून व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बार मेले में महिला पहलवान भी कुश्ती में अपना दमखम दिखाएंगीं.

इस अवसर पर कैहलूर लोकोत्सव में महिला मंडलों द्वारा पारंपरिक लोक सांस्कृतिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को अपनी संस्कृति की झलक दिखाई. इस मौके पर 10 दिन तक चलने वाले आजीविका सरस मेले का भी शुभारंभ हुआ, जिसमें लोगों को देश के विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पाद देखने व खरीदने को मिलेंगे.

बिलासपुर: सात दिन तक चलने वाला राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला रविवार को पारंपरिक रस्मों के साथ शुरू हुआ. मेले का शुभारंभ उपायुक्त विवेक भाटिया और एसपी अशोक कुमार द्वारा लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा अर्चना के साथ हुआ.

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इस अवसर पर सैकड़ों स्थानीय गणमान्य लोगों को पगड़ी पहनाने की पारंपरिक रस्म अदा करने के बाद मंदिर परिसर में नंदी की प्रतिमा की पूजा अर्चना की गई. मेले के शुभारंभ पर मुख्य पैराग्लाइडिंग और ज्यॉय राइडिंग मुख्य आकर्षण का केंद्र रही.

इस मौके पर लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर से मेला स्थल तक ढोल-नगाड़ों, नरसिंगा और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के सामंजस्य में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में सैकड़ों लोग पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों पर थिरके. नलवाड़ी के साथ सरस मेले का भी शुभारंभ हो गया है. मेले में पहली बार सरस मेला आयोजित हुआ है.

इसके बाद लूहणू मैदान मेला स्थल पर खूंटा गाड़ने, बैलों के पारंपरिक पूजन और राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला का घ्वजारोहण कर विधिवत रूप से मेले का उद्घाटन हुआ. बताया जाता है कि मेले की शुरुआत पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए की गई थी. मेले के उद्घाटन भाषण में लोगों को संबोधित करते हुए राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला अध्यक्ष एवं डीसी विवेक भाटिया ने कहा कि मेले, त्योहार और पर्व हमारी प्राचीन परंपराओं और लोक संस्कृति के परिचायक हैं. मेलों के आयोजनों से जहां हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार व संवर्धन होता है. वहीं, राष्ट्रीय एकता, सद्भावना व बन्धुत्व की भावनाओं को भी बल मिलता है.

डीसी ने कहा कि मेलों के साथ हमारी आस्थाएं व समृद्ध परंपराएं जुड़ी हुई हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी सैकड़ों, हजारों वर्षों का लंबा सफर तय कर आज के इस आधुनिक युग में भी अपना मौलिक अस्तित्व बचाए हुए हैं और ये अत्यन्त गौरव की बात है.

इस बार मेले की थीम सर्वदृष्टया यानि हर नजर से अलग-अलग दृष्टिकोणों का समावेश रखा गया है. इस बार मेले में खास बात ये है कि बुजुर्गों, बच्चों, सैनिकों और दिव्यागों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बैठने की अलग से जगह बनाई गई है. साथ ही मनोरंजन के लिए पैराग्लाइडिंग की नई कोशिश भी शुरू की गई है, जिसमें प्रशिक्षित पैराग्लाइडर्स के साथ पैराग्लाइडिंग के इच्छुक लोग 20 मिनट तक हवा में मेले का आनंद उठा सकते हैं.
बिलासपुर डीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 मार्च से मेले सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा ट्राइबल फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा, जिसमें लोगों को देश के विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी.

इस अवसर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि मेले व त्योहार हमारी समृद्ध संस्कृति को संजोए रखते हैं. मेलों के आयोजनों से हमारे रीति रिवाजों व परंपराओं का सरंक्षण होता है. मेले के दौरान कानून व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बार मेले में महिला पहलवान भी कुश्ती में अपना दमखम दिखाएंगीं.

इस अवसर पर कैहलूर लोकोत्सव में महिला मंडलों द्वारा पारंपरिक लोक सांस्कृतिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को अपनी संस्कृति की झलक दिखाई. इस मौके पर 10 दिन तक चलने वाले आजीविका सरस मेले का भी शुभारंभ हुआ, जिसमें लोगों को देश के विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पाद देखने व खरीदने को मिलेंगे.


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From: bilaspur news <subhashh2@gmail.com>
Date: Sun, Mar 17, 2019, 5:17 PM
Subject: राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले का पारम्परिक रस्मों के साथ हुआ शुभारंभ
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राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले का पारम्परिक रस्मों के साथ हुआ शुभारंभ


उपायुक्त विवेक भाटिया और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने की शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता

पैराग्लाईडिंग/ज्याॅय राईडिंग और सरस और कैहलूर मेले का भी हुआ शुभारंभ

बिलासपुर

7 दिन तक चलने वाले राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला का रविवार को पारम्परिक रस्मों के साथ शुरू हुआ। मेले का शुभारंभ उपायुक्त विवेक भाटिया और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार द्वारा लक्ष्मी नारायण मन्दिर में पूजा अर्चना के उपरांत शुरू हुआ। इस अवसर पर सैंकड़ों स्थानीय गणमान्य व प्रबुद्धजनों को पगड़ी पहनाने की पारम्परिक रस्म अदा करने के पश्चात मंदिर परीसर मे नंदी की प्रतिमा की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर मेले का मुख्य आकर्षण पैराग्लाईडिंग/ज्याॅय राईडिंग का भी मन्दिर परीसर से शुभारंभ हुआ। ढोल-नगाड़ों, नरसिंगा और अन्य पारम्परिक वाद्य यंत्रों की धुनों के सामजस्य में भव्य शोभा यात्रा लक्ष्मी नारायण मंदिर परीसर से मेला स्थल तक निकाली गई जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। लूहणू स्थित मेला स्थल पर खूंटा गाड़ने, बैलों के पारम्परिक पूजन और राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला का घ्वजारोहन करने के पश्चात विधिवत रूप से मेले का उद्घाटन हुआ। 
मेले के उद्घाटन भाषण में सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला एवं उपायुक्त विवेक भाटिया ने कहा कि मेले, त्योहार और पर्व हमारी प्राचीन परम्पराओं और लोक संस्कृति के परिचायक हैं। मेलों के आयोजनों से जहां हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार व संवर्धन होता है वहीं राष्ट्रीय एकता, सदभावना व बन्धुत्व की भावनाओं को भी बल मिलता है। उन्होंने कहा कि मेलों के साथ हमारी आस्थाएं व समृद्ध परम्पराएं जुड़ी हुई हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी सैकड़ों, हजारों वर्षों का लम्बा सफर तय करके आज के इस आधुनिक युग में भी अपना मौलिक अस्तित्व बचाए हुए है, जो अत्यन्त गौरव की बात है। उन्होंने कहा  िकइस वर्ष मेले की थीम सर्वदृष्टया यानि हर नजर से अलग-अलग दृष्टिकोणों का समावेश। उन्होंने कहा कि  मेला समिति का हमेशा प्रयास रहता है कि सदैव दर्शकों के लिए कुछ नया किया जाए ताकि हरेक वर्ग का भरपूर मनोरंजन संभव हो सके। उन्होंने कहा मेले में बुजुर्गों, बच्चों, सैनिकों और दिव्यागों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बैठने की अलग से दीर्घा बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लोगों के मनोरजन के लिए नया प्रयास पैराग्लाईडिंग को शुरू किया गया है जिसमें प्रशिक्षित पैराग्लाईडर के साथ पैराग्लाईडिंग के इच्छुक व्यक्ति 20 मिनट तक हवा में मेले का आनंद उठा सकते हैं।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 25 मार्च से जिला में उत्त्र क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला द्वारा ट्राईबल फैस्टीवल का आयोजन किया जा रहा जिसमें लोगों को देश के विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। 
    इस अवसर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि मेले व त्योहार हमारी समृद्ध संस्कृति को संजोए रखते हैं तथा इनके आयोजनों से हमारे रीति रिवाजों व परम्पराओं का सरंक्षण होता है। अतः हम सभी का यह परम दायित्व है कि हम इसके सफल आयोजन के लिए अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान कानून व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार मेले में महिला पहलवान भी कुश्ती में अपना दमखम दिखाएंगीं। उन्होंने लागों से आग्रह किया कि मेले के दौरान अपने सामान व बच्चों का विशेष घ्यान रखें। उन्होंने कहा कि लोगों की सहायता के लिए मेले में पुलिस विभाग द्वारा नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।
उन्होंने लोगों से आहवान किया कि मेले को सफल बनाने के लिए अपना भरपूर सहयोग प्रदान करें।
इस अवसर पर कैहलूर लोकोत्सव में महिला मंडलो द्वारा पारम्परिक लोक सांस्कृतिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को अपनी संस्कृति से परिचित करवाया। इस मौके पर 10 दिन तक चलने वाले आजीविका सरस मेले का भी शुभारंभ हुआ। जिसमें लोगों को देश के विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पाद देखने व खरीदने को मिलेंगे।
इस मौके पर एडीएम राजीव कुमार, एसडीएम प्रियंका वर्मा, एसडीएम अनिल चैहान, एसडीएम शशिपाल शर्मा, सहायक आयुक्त पूजा चैहान,पीओ डीआरडीए संजीत सिंह, बीडीओ गौरव धीमान के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी तथा गणमान्य व्यक्तियों सहित भारी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।
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