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कोरोना से प्रभावित हुआ ट्रांसपोर्ट बिजनेस, संकट में भी दिन रात काम करने से पटरी पर नहीं लौटी गाड़ी - ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को नुकसान

कोरोना काल में भी लोगों तक खाने-पीने का सामान समय पर पहुंचे, इसके लिए ट्रक ऑपरेटरों ने अपनी जान हथेली पर रखकर काम किया था. हालांकि कोरोना की वजह से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को भारी नुकसान पहुंचा. इसी वजह से इस व्यवसाय से लोगों ने किनारा भी कर लिया. अब हालात ऐसे हैं कि ट्रक ड्राइवर तक नहीं मिल रहे हैं.

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Published : Apr 3, 2021, 5:20 PM IST

बिलासपुर: कोरोना और लाॅकडाउन की मार आज तक ट्रक ऑपरेटर झेल रहे हैं. लाॅकडाउन में कुछ सप्ताह तक बंद हुए ट्रकों की वजह से आर्थिकी पर पड़ा असर आज भी ट्रक ऑपरेटर पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

कोरोना काल में नुकसान के बाद ड्राइवरों की कमी

जिले के बरमाणा क्षेत्र के बीडीटीएस यूनियन में सैकड़ों ट्रक हैं. हर रोज दर्जनों ट्रकों की लोडिंग-अपलोडिंग का कार्य चला रहता है. लेकिन अब लाॅकडाउन और कोरोना की वजह से ऑपरेटरों को ड्राइवर मिल पाना भी मुश्किल हो गया है. 40 प्रतिशत ट्रक ऐसे हैं जिनको चलाने के लिए यूनियन को ड्राइवर नहीं मिल रहे हैं. कोरोना की वजह से ड्राइवरों ने अपना व्यवसाय बदल लिया और इस कार्य से काफी दूर चले गए. ट्रक ऑपरेटरों से बात की गई तो उनका कहना है कि सरकार ने भी उनके साथ काफी बड़ा धोखा दिया है.

वीडियो.

ट्रक ऑपरेटरों ने कोरोना काल में भी किया था काम

लाॅकडाउन के समय सरकार ने कहा था कि वह ऑपरेटरों के इंश्योरेंस सहित अन्य बिलों को माफ कर देगी. परंतु जब स्थिति थोड़ी सामान्य हुई तो सरकार अपने वायदों से मुकर गई. ऑपरेटर फिर से उसी दुविधा में फंस गए. ऑपरेटरों का कहना है कि लाॅकडाउन के समय सरकार के साथ ऑपरेटरों ने कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया है. खाद्य पदार्थाें और एसेंशियल पदार्थाें की बात करें तो ट्रक ऑपरेटर ही ऐसे थे जो अपने परिवार से दूर जाकर सरकार और लोगों के लिए सामान मुहैया करवाते थे. उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन समय में हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों के ट्रक डाइवरों के साथ बहुत बुरा व्यवहार हुआ है.

ये भी पढ़ें: ऊना में बढ़ा कोरोना का ग्राफ, 24 घंटे में 100 से ज्यादा मामले, 2 लोगों की मौत

बिलासपुर: कोरोना और लाॅकडाउन की मार आज तक ट्रक ऑपरेटर झेल रहे हैं. लाॅकडाउन में कुछ सप्ताह तक बंद हुए ट्रकों की वजह से आर्थिकी पर पड़ा असर आज भी ट्रक ऑपरेटर पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

कोरोना काल में नुकसान के बाद ड्राइवरों की कमी

जिले के बरमाणा क्षेत्र के बीडीटीएस यूनियन में सैकड़ों ट्रक हैं. हर रोज दर्जनों ट्रकों की लोडिंग-अपलोडिंग का कार्य चला रहता है. लेकिन अब लाॅकडाउन और कोरोना की वजह से ऑपरेटरों को ड्राइवर मिल पाना भी मुश्किल हो गया है. 40 प्रतिशत ट्रक ऐसे हैं जिनको चलाने के लिए यूनियन को ड्राइवर नहीं मिल रहे हैं. कोरोना की वजह से ड्राइवरों ने अपना व्यवसाय बदल लिया और इस कार्य से काफी दूर चले गए. ट्रक ऑपरेटरों से बात की गई तो उनका कहना है कि सरकार ने भी उनके साथ काफी बड़ा धोखा दिया है.

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ट्रक ऑपरेटरों ने कोरोना काल में भी किया था काम

लाॅकडाउन के समय सरकार ने कहा था कि वह ऑपरेटरों के इंश्योरेंस सहित अन्य बिलों को माफ कर देगी. परंतु जब स्थिति थोड़ी सामान्य हुई तो सरकार अपने वायदों से मुकर गई. ऑपरेटर फिर से उसी दुविधा में फंस गए. ऑपरेटरों का कहना है कि लाॅकडाउन के समय सरकार के साथ ऑपरेटरों ने कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया है. खाद्य पदार्थाें और एसेंशियल पदार्थाें की बात करें तो ट्रक ऑपरेटर ही ऐसे थे जो अपने परिवार से दूर जाकर सरकार और लोगों के लिए सामान मुहैया करवाते थे. उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन समय में हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों के ट्रक डाइवरों के साथ बहुत बुरा व्यवहार हुआ है.

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