ETV Bharat / state

स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन ने काले बिल्ले लगाकर बिजली बिल संशोधन का किया विरोध

स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन बिलासपुर इकाई ने बिजली बिल संशोधन 2020 का विरोध काले बिल्ले लगाकर किया. भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए सब डिवीजन, इलेक्ट्रिकल डिवीजन बिलासपुर और एमएंडटी सर्कल में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन बिजली बिल संशोधन 2020 के खिलाफ रोष व्यक्त करने के लिए किया गया.

SEBEU protest in bilaspur
बिलासपुर में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड यूनियन ने किया विरोध प्रदर्शन
author img

By

Published : Jun 2, 2020, 12:15 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन बिलासपुर इकाई ने बिजली बिल संशोधन 2020 का विरोध काले बिल्ले लगाकर किया. भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए सब डिवीजन, इलेक्ट्रिकल डिवीजन बिलासपुर और एमएंडटी सर्कल में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन बिजली बिल संशोधन 2020 के खिलाफ रोष व्यक्त करने के लिए किया गया. यूनियन प्रधान यशवंत चौहान की अगवाई में ये प्रदर्शन आयोजित किया गया.

यशवंत चौहान ने बताया कि इस बिल के आने से आम आदमी पर काफी बोझ पड़ेगा. बिजली कानून 2003 में हुए संशोधनों को केंद्र सरकार अधिकतर राज्य सरकारों व बिजली कर्मियों और अभियंताओं के विरोध के चलते वर्ष 2014 से अब तक लागू नहीं कर पाई है. लिहाजा अब उसे केंद्रीय उर्जा मंत्री इस महामारी के बीच में बिजली संशोधन बिल 2020 पारित करने की जल्दी में है.

यूनियन प्रधान यशवंत चौहान ने कहा कि इस महामारी के बीच सरकारी कार्यालय लॉकडाउन के चलते आंशिक रूप से खुल चुके हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने इस ड्राफ्ट बिल पर जिस तीव्रता से कार्रवाई की है, उससे लगता है कि सरकार आपकी सामाजिक दूरी की बंदिश का लाभ उठाते हुए बिजली कंपनियों के निजी करण का रास्ता प्रशस्त करने जा रही है.

यशवंत चौहान ने यह भी कहा कि इस संशोधन के कानून बनने से बिजली बोर्ड कंपनी के वितरण कार्यों में छोटी-छोटी कंपनियों को फ्रेंचाइजी के आने से इसके निजीकरण का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा. साथ ही क्रॉस सब्सिडी के खत्म हो जाने से घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कई गुणा बढ़ोतरी होगी. वहीं, डीबीटी प्रक्रिया के चलते विद्युत उपभोक्ताओं को निर्धारित दरों पर ही बिजली बिलों का भुगतान करना पड़ेगा और सब्सिडी की राशि बाद में खाते में डाली जाएगी.

यशवंत चौहान ने कहा कि सब लाइसेंस वाले क्षेत्रों में अपनी भागीदारी करेंगे. इन क्षेत्रों के निजी हाथों में जाने से एक ओर जहां कार्यरत कर्मचारियों की सेवा शर्तें प्रभावित होंगी. वहीं, बोर्ड के लगभग 25000 से अधिक पेंशनरों की पेंशन की अदायगी पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि बिजली संशोधन कानून 2020 राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी और बिजली उपभोक्ता विरोधी है. इसलिए इस लड़ाई के खिलाफ एकजुट हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस बिल के विरोध में जनता का सहयोग भी अपेक्षित है.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर कांग्रेस ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन, स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की जांच सिटिंग जज से करवाने की मांग

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन बिलासपुर इकाई ने बिजली बिल संशोधन 2020 का विरोध काले बिल्ले लगाकर किया. भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए सब डिवीजन, इलेक्ट्रिकल डिवीजन बिलासपुर और एमएंडटी सर्कल में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन बिजली बिल संशोधन 2020 के खिलाफ रोष व्यक्त करने के लिए किया गया. यूनियन प्रधान यशवंत चौहान की अगवाई में ये प्रदर्शन आयोजित किया गया.

यशवंत चौहान ने बताया कि इस बिल के आने से आम आदमी पर काफी बोझ पड़ेगा. बिजली कानून 2003 में हुए संशोधनों को केंद्र सरकार अधिकतर राज्य सरकारों व बिजली कर्मियों और अभियंताओं के विरोध के चलते वर्ष 2014 से अब तक लागू नहीं कर पाई है. लिहाजा अब उसे केंद्रीय उर्जा मंत्री इस महामारी के बीच में बिजली संशोधन बिल 2020 पारित करने की जल्दी में है.

यूनियन प्रधान यशवंत चौहान ने कहा कि इस महामारी के बीच सरकारी कार्यालय लॉकडाउन के चलते आंशिक रूप से खुल चुके हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने इस ड्राफ्ट बिल पर जिस तीव्रता से कार्रवाई की है, उससे लगता है कि सरकार आपकी सामाजिक दूरी की बंदिश का लाभ उठाते हुए बिजली कंपनियों के निजी करण का रास्ता प्रशस्त करने जा रही है.

यशवंत चौहान ने यह भी कहा कि इस संशोधन के कानून बनने से बिजली बोर्ड कंपनी के वितरण कार्यों में छोटी-छोटी कंपनियों को फ्रेंचाइजी के आने से इसके निजीकरण का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा. साथ ही क्रॉस सब्सिडी के खत्म हो जाने से घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कई गुणा बढ़ोतरी होगी. वहीं, डीबीटी प्रक्रिया के चलते विद्युत उपभोक्ताओं को निर्धारित दरों पर ही बिजली बिलों का भुगतान करना पड़ेगा और सब्सिडी की राशि बाद में खाते में डाली जाएगी.

यशवंत चौहान ने कहा कि सब लाइसेंस वाले क्षेत्रों में अपनी भागीदारी करेंगे. इन क्षेत्रों के निजी हाथों में जाने से एक ओर जहां कार्यरत कर्मचारियों की सेवा शर्तें प्रभावित होंगी. वहीं, बोर्ड के लगभग 25000 से अधिक पेंशनरों की पेंशन की अदायगी पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि बिजली संशोधन कानून 2020 राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी और बिजली उपभोक्ता विरोधी है. इसलिए इस लड़ाई के खिलाफ एकजुट हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस बिल के विरोध में जनता का सहयोग भी अपेक्षित है.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर कांग्रेस ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन, स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की जांच सिटिंग जज से करवाने की मांग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.