बिलासपुर: स्वारघाट क्वारंटाइन सेंटर में तबीयत बिगड़ने पर शिमला आईजीएमसी ले जाते समय युवक हंसराज की हुई मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. हंसराज के परिजन बुधवार को उपायुक्त बिलासपुर से मिले. युवा नेता आशीष ठाकुर की अगुवाई में परिजनों ने उपायुक्त बिलासपुर राजेश्वर गोयल के माध्यम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है.
युवा नेता आशीष ठाकुर ने बताया कि पिछले महीने की 10 तारीख को बिलासपुर जिला के स्वारघाट क्वारंटाइन सेंटर में कुहमझवाड़ पंचायत के लेंगड़ी गांव के हंसराज नामक युवक की मौत हो गई थी. मौत के बाद जनता के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार जयराम ठाकुर ने उक्त मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए थे, जिसमें एडीएम बिलासपुर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था.
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को आदेश जारी किए थे कि उक्त मामले की जांच 5 दिन में पूरी की जाए, लेकिन आज एक महीने का समय बीत जाने के बावजूद जांच को सार्वजनिक नहीं किया गया है. आशीष ठाकुर ने कहा कि परिवार को आज तक उस युवक का मृत्यु प्रमाण पत्र तक जारी नहीं किया गया है. उन्होंने हंसराज की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए राज्यपाल को खुद हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है. सरकार एवं प्रशासन को आदेश जारी करें कि जल्द से जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाए और दोषियों को सजा दिलवाई जाए.
आशीष ठाकुर ने कहा कि उक्त युवक बहुत ही निर्धन परिवार से संबंध रखता था. मौत के बाद आज तक सरकार और प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की आर्थिक मदद उक्त परिवार को नहीं पहुंचाई गई. उन्हें विश्वास है कि राज्यपाल इस मामले में खुद हस्तक्षेप करेंगे और उक्त परिवार को न्याय मिलेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि अगर 15 दिनों में उक्त मामले की जांच पूरी कर सार्वजनिक नहीं की गई तो क्षेत्र वासियों के साथ मिलकर एक बहुत बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार की जाएगी और इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन की होगी.