बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में वेंटिलेटर घोटाले की जांच को लेकर गठित कमेटी पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं नैनादेवी से कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने सवाल खड़े करते हुए एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर को कमेटी का सदस्य ना बनाए जाने की बात कहते हुए मामले पर लीपापोती करने के मकसद से कमेटी का गठन किए जाने का आरोप लगाया है.
बिलासपुर स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने पिछले दो सालों में पहले पत्र बम और उसके बाद स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों सहित विभिन्न उपकरणों की खरीद को लेकर हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच के बजाय मामलों को दबाने के लिए लीपापोती करने का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाया है.
रामलाल ठाकुर का आरोप है कि साढ़े तीन लाख के वेंटिलेटर को 10 लाख रुपये में खरीदकर, जहां उड़ीसा के अनुकरण की बात कहकर प्रदेश सरकार इस मामले से अपना पल्ला झाड़ती नजर आ रही है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग में एक के बाद एक घोटालों ने प्रदेश को शर्मसार करने का काम किया है, जिसकी स्वतंत्र एजेंसी की ओर से जांच करवाने के बजाय प्रदेश सरकार मामले को दबाने में लगी हुई है.
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में तीन लाख के वेंटिलेटर को 10 लाख रुपये में खरीदने की शिकायत दर्ज की गई थी. किसी व्यक्ति ने गुमनाम पत्र के माध्यम से शिकायत दर्ज की थी. शिकायतकर्ता का नाम-पता नहीं होने के बावजूद राज्य सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. मामले में राज्य सरकार ने ‘झूठे आरोप’ लगाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
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