बिलासपुरः जिला बिलासपुर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वाधान में गांव धार टटोह खंड मारकंड के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और गांव के युवाओं ने भाग लिया.
प्रतियोगिता का आयोजन
इस मौके पर भाषण और चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. भाषण प्रतियोगिता में गौरव महाजन प्रथम, अनिकेता द्वितीय और कशिश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. चित्रकला प्रतियोगिता में मनीषा ठाकुर प्रथम, अनु कुमारी द्वितीय और प्रत्युषा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. स्वास्थ्य विभाग द्वारा विजेताओं को नकद इनाम दिए गए.
राष्ट्र निर्माण के लिए युवा शक्ति को करें संगठित
इस मौके पर स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने विश्व एड्स दिवस की थीम राष्ट्र निर्माण के लिए युवा शक्ति को संगठित करें, पर चर्चा करते हुए कहा कि अब युवा वर्ग को एड्स से बचने के लिए एकजुट होकर जिम्मेदारी निभानी होगी. युवाओं को एड्स को खत्म करने में अपना अहम योगदान करना होगा, तभी ऐसी बीमारियों से बचा जा सकता है.
युवाओं को अपना एचआईवी स्टेटस जानना जरुरी है. इससे एड्स रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि एचआईवी स्टेटस जानने के लिए सरकारी अस्पतालों की सभी आईसीटीसी में यह सुविधा उपलब्ध है.
स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने बताया कि अब 90 प्रतिशत लोगों का एचआईवी स्टेटस जानना है और 90 प्रतिशत का ही निदान व इलाज करना है और 90 प्रतिशत का फॉलोअप भी सुनिश्चित करना है.
यहां उपलब्ध है एड्स का इलाज
जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी पूर्ण चंद ने बताया कि एड्स प्रभावित व्यक्ति को इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला, चिकित्साल्य हमीरपुर, चिकित्सा महाविद्यालय टांडा और लिंक एआरटी सेंटर बिलासपुर और अन्य सभी जिलों में उपचार के लिए दवा मुफ्त उपलब्ध है.
क्या है एचआईवी
एचआईवी का मतलब है ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस. यह वायरस एड्स का कारण बनता है. मानव शरीर कि रक्षा प्रणाली को प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम कहा जाता है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली कई वायरस और बैक्टीरिया से मानव शरीर को लड़ने कि क्षमता प्रदान करती है.
एचआईवी इसी प्रतिरक्षा प्रणाली कि कोशिकाओं पर हामला कर इसे कमजोर करता है. यह कोशिकाएं एक प्रकार कि श्वेत रक्त कोशिकाएं होती है जिन्हे सी डी 4 सेल्स भी कहा जाता है.
अगर वायरस को नियंत्रित करने के लिए दवा का उपयोग न किया गया तो, एचआईवी के जीवाणु सी डी 4 कोशिकाओं पर कब्जा कर उन्हें लाखो वायरस कि प्रतियां बनाने वाली फैक्ट्री में रूपांतरित कर देते हैं. इस प्रक्रिया में सी डी 4 कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती जाती है. अंततः यह एड्स का रूप ले लेती है.
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