बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश में निजी बसों की अनिश्चिकाल हड़ताल का व्यापक असर बिलासपुर जिला में भी देखने को मिला. यहां पर निजी बसों के न चलने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पडा. हालांकि एचआरटीसी बिलासपुर की ओर से जिला के विभिन्न रूटों पर दर्जनों बसें तो शुरू कर दी थी, लेकिन कोविड नियमों की पालना करवाना अधिकारियों के लिए मुश्किल हो गया.
सोशल डिस्टेंसिंग व हैंड सैनिटाइजर लगाने का आग्रह
ऐसे में बिलासपुर एचआरटीसी के आरएम किशोरी लाल यादव स्वयं नियमों की पालना करवाने के लिए बस अड्डा पहुंचे. यहां पर उन्होंने पहुंचकर सभी एचआरटीसी बस चालक व परिचालकों को कोविड नियमों की पालना करने के आदेश जारी किए. इसी के साथ उन्होंने बसों में बैठी सवारियों को भी सोशल डिस्टेंसिंग व हैंड सैनिटाइजर लगाने का आग्रह किया.
बतातें चलें कि जिला में 305 निजी बसें विभिन्न रूटों पर चलती है, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों की मांगें सरकार की ओर से पूरी न करने पर बस ऑपरेटर अब अनिश्चितकाल समय के लिए हड़ताल पर चले गए हैं. इसका असर स्थानीय लोगों पर अब पड़ने लगा है.
डिमांड के हिसाब से भेजी जा रही हैं बसें
वहीं, बिलासपुर जिला की बात करें तो एचआरटीसी डिपो ने जिला में 40 रूटों पर लोकल बसें चलाई जा रही है, जिसमें आज 4 रूट्स पर और सरकारी बसें भेजी गई हैं. अधिकारियों का कहना है कि डिमांड के हिसाब से बसें भेजी जा रही हैं. अगर किसी रूट्स पर सवारियां अधिक हो रही है तो उक्त समय पर ही सरकारी बस को उस रूट्स पर भेजा जा रहा है.
आरएम ने बताया कि सोमवार को झंडूता, जाहू, बरमाणा, मंडी, सुंदरनगर, लदरौर व भराड़ीघाट रूट्स पर बसें भेजी गई हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि बिलासपुर डिपो की ओर से बाहरी राज्य दिल्ली के लिए सिर्फ मरोतन-दिल्ली एक ही रूट्स चलाया जा रहा है. साथ ही चंडीगढ़ के लिए 4 बसें चलाई जा रही है.
कोरोना नियमों की उड़ी धज्ज्यिां
बता दें कि जिला में निजी बसों की हड़ताल के चलते कोविड नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई. बसों में 100 प्रतिशत से ज्यादा सवारियां सफर करती दिखाई दी. हालांकि अधिकारियों ने बसों में सफर कर रहे लोगों को बसों में बैठने के लिए मना किया लेकिन लोग बसों से नहीं उतरे. ऐसे में अधिकारियों को कोविड नियमों की पालना करवाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
10 लाख से अधिक एक दिन का आंका जा रहा नुकसान
बिलासपुर जिला निजी बस ऑपरेटर यूनियन के पूर्व प्रधान अनिल मिंटू का कहना है कि एक दिन के भीतर जिला में निजी बस ऑपरेटर को 10 लाख से अधिक नुकसान पहुंचा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकारी उनके साथ अनदेखी करती आई है. कोविड नियम तो सरकार ने बना लिए हैं, लेकिन उन नियमों को सिर्फ निजी बस ऑपरेटरों से ही पूरा करवाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि सरकारी बसों में 50 प्रतिशत की क्षमता से अधिक सवारियां बिठाई जा रही है, लेकिन एक बार भी जिला में अभी तक सरकारी बसों के चालान नहीं हुए है, जबकि निजी बसों के आए दिन प्रशासनिक अधिकारी चालान करने में तुले हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः- हिमाचल सरकार ने अब तक किसानों से खरीदा 1367 मीट्रिक टन गेहूं, 31 मई तक होगी खरीद