बिलासपुर: प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका न्यूट्री गार्डन तैयार होंगे, इसलिए पायलट बेस पर सभी जिलों से प्रस्ताव बजट स्वीकृति के लिए सरकार को भेजे जा रहे हैं. इसी कड़ी में जिला से 101 न्यूट्री गार्डन तैयार करने के लिए प्रस्ताव निदेशालय की स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं. पायलटबेस पर शुरू किए जा रहे इस प्रोजेक्ट के सफल रहने पर प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में यह गार्डन बनेंगे. खास बात ये है कि इन न्यूट्री गार्डन में तैयार होने वाले सब्जी व फ्रूट्स को नौनिहालों को दिए जाने वाले पोषाण आहार में शमिल किए जाएंगे.
बता दें कि सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. पोषण माह 2020 का विषय कुपोषित बच्चों की पहचान और उनकी देखभाल करना है और पोषण वाटिका को बढ़ावा देने के लिए पौधारोपण अभियान शुरू किया जाएगा. इसके तहत गांव, ब्लॉक व जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के समन्वय से व्यापक रूप से गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसकी उपायुक्त समय-समय पर समीक्षा भी करेंगे. प्रदेश भर में अठारह हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं, जबकि जिला में ये आंकड़ा 1 हजार 111 है.
एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चे के जन्म के बाद पहले एक हजार दिनों में तेजी से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है, जिसमें गर्भावस्था की अवधि से लेकर बच्चों के जन्म से दो साल तक की उम्र की अवधि शामिल है. इस दौरान बेहतर स्वास्थ्य, पर्याप्त पोषण, प्यारभरा व तनाव मुक्त माहौल बच्चों के पूर्ण विकास में सहयोगी होता है.
उपायुक्त राजेश्वर गोयल के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों में न्यूट्री गार्डन बनेंगे, जिसके लिए योजना को मूर्तरूप दिया जा रहा है. इस योजना में पंचायतीराज व ग्रामीण विकास विभाग की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी और मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत इस योजना को जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि केंद्रों में नौनिहालों को हर दिन दिए जाने वाले पोषाण आहार में न्यूट्री गार्डन में तैयार होने वाले सब्जी व फ्रूट्स को भी शामिल किया जाएगा.
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