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शव गृह निर्माण विवाद ने बंद करवाया एमसीएच सेंटर का काम, नड्डा ने दी थी सौगात

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Published : Oct 23, 2020, 5:25 PM IST

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 20 करोड़ रुपये के प्रस्तावित एमसीएच सेंटर पर अब खतरे के बादल मंडराना शुरू हो गए है. शव गृह के निर्माण का काम बंद होने की वजह से एमसीएच सेंटर का काम एक बार फिर से शुरू होने से पहले कागजों में दफन होने लगा है.

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर

बिलासपुर: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 20 करोड़ रुपये के प्रस्तावित एमसीएच सेंटर पर अब खतरे के बादल मंडराना शुरू हो गए है. जिला अस्पताल में शव गृह के निर्माण के काम को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद उक्त काम को बंद करवा दिया गया है.

ऐसे में शव गृह के निर्माण का काम बंद होने की वजह से एमसीएच सेंटर का काम एक बार फिर से शुरू होने से पहले कागजों में दफन होने लगा है. जिला अस्पताल से पुराने शव गृह की जगह न बदलने तक यहां एमसीएच सेंटर का काम शुरू नहीं हो पाएगा.

जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से शव गृह की जगह को बदला जा रहा था, लेकिन निर्माण की जगह को लेकर बिलासपुर के लोगों ने इसका विरोध किया. लोगों ने इस जगह को बदलकर कहीं और शव गृह बनाने की मांग उठाई है.

ऐसे में बिलासपुर के लोगों ने विरोध करते हुए शव गृह के निर्माण के काम को बंद करवा दिया, लेकिन अब शव गृह को कहीं और बनाने के लिए जिला अस्पताल को सही स्थान नहीं मिल रहा है. इसके चलते अब एक कमेटी का गठन भी किया गया है. यह कमेटी अब शव गृह को कहीं और बनाने के लिए जगह का चयन करेगी, लेकिन अब एमसीएच सेंटर के निर्माण का काम बंद होना जिला के लोगों के लिए सही नहीं है.

आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व वर्तमान में बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने गृह क्षेत्र में 20 करोड़ रुपये की लागत से एमसीएच सेंटर के निर्माण की घोषणा की थी, जिसके लिए कुछ समय बाद 20 करोड़ रुपये जारी भी हो गए थे.

कागजी काम पूरे होने के बाद पीडब्ल्यूडी ने इसकी ड्राईंग भी बनाकर कंप्लीट कर दी थी और अब इसका काम शुरू होना वाला था, लेकिन एक बार फिर शव गृह के निर्माण के काम के कारण एमसीएच सेंटर का काम बीच में रूक गया.

बता दें कि पूरे प्रदेश के अस्पतालों में एमसीएच यानि मदर हेल्थ चाइल्ड विंग बनाए जा रहे है. प्रदेश के अन्य जिलों के अस्पतालों में एमसीएच सेंटर बनकर तैयार हो गए है, लेकिन बिलासपुर अस्पताल में अभी तक एमसीएच सेंटर के निर्माण की एक नीवं तक नहीं रखी गई है.

इसमें हैरानी की बात यह है कि पूरे प्रदेश में सबसे पहले जिला अस्पताल बिलासपुर के लिए एमसीएच सेंटर की घोषणा की गई थी, लेकिन जमीन के लिए उपजा विवाद ही सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में अह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए भी कहना मुश्किल हो गया है कि अस्पताल में एमसीएच सेंटर का निर्माण कब शुरू होगा.

बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज ने बताया कि जब तक पुराने शव गृह की जगह बदली नहीं जाएगी तब तक यहां एमसीएच सेंटर के निर्माण का काम शुरू नहीं हो सकता है. एमसीएच सेंटर उक्त स्थान पर ही बनाया जाएगा, जिसके लिए सभी दस्तावेज का काम पूरा हो चुका है.

क्या है एमसीएच सेंटर

एमसीएच सेंटर में गर्भवती महिलाओं को एक छत के नीचे सभी और बेहतर सुविधा प्रदान की जाती है. यहां पर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी से लेकर दवाइयों सहित गर्भवती महिलाओं के उपचार की हर सामग्री व उपकरण उपलब्ध रहते है, जिससे किसी भी स्थिति में तीमारदारों को कहीं बाहर भटकना न पड़े.

बिलासपुर: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 20 करोड़ रुपये के प्रस्तावित एमसीएच सेंटर पर अब खतरे के बादल मंडराना शुरू हो गए है. जिला अस्पताल में शव गृह के निर्माण के काम को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद उक्त काम को बंद करवा दिया गया है.

ऐसे में शव गृह के निर्माण का काम बंद होने की वजह से एमसीएच सेंटर का काम एक बार फिर से शुरू होने से पहले कागजों में दफन होने लगा है. जिला अस्पताल से पुराने शव गृह की जगह न बदलने तक यहां एमसीएच सेंटर का काम शुरू नहीं हो पाएगा.

जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से शव गृह की जगह को बदला जा रहा था, लेकिन निर्माण की जगह को लेकर बिलासपुर के लोगों ने इसका विरोध किया. लोगों ने इस जगह को बदलकर कहीं और शव गृह बनाने की मांग उठाई है.

ऐसे में बिलासपुर के लोगों ने विरोध करते हुए शव गृह के निर्माण के काम को बंद करवा दिया, लेकिन अब शव गृह को कहीं और बनाने के लिए जिला अस्पताल को सही स्थान नहीं मिल रहा है. इसके चलते अब एक कमेटी का गठन भी किया गया है. यह कमेटी अब शव गृह को कहीं और बनाने के लिए जगह का चयन करेगी, लेकिन अब एमसीएच सेंटर के निर्माण का काम बंद होना जिला के लोगों के लिए सही नहीं है.

आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व वर्तमान में बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने गृह क्षेत्र में 20 करोड़ रुपये की लागत से एमसीएच सेंटर के निर्माण की घोषणा की थी, जिसके लिए कुछ समय बाद 20 करोड़ रुपये जारी भी हो गए थे.

कागजी काम पूरे होने के बाद पीडब्ल्यूडी ने इसकी ड्राईंग भी बनाकर कंप्लीट कर दी थी और अब इसका काम शुरू होना वाला था, लेकिन एक बार फिर शव गृह के निर्माण के काम के कारण एमसीएच सेंटर का काम बीच में रूक गया.

बता दें कि पूरे प्रदेश के अस्पतालों में एमसीएच यानि मदर हेल्थ चाइल्ड विंग बनाए जा रहे है. प्रदेश के अन्य जिलों के अस्पतालों में एमसीएच सेंटर बनकर तैयार हो गए है, लेकिन बिलासपुर अस्पताल में अभी तक एमसीएच सेंटर के निर्माण की एक नीवं तक नहीं रखी गई है.

इसमें हैरानी की बात यह है कि पूरे प्रदेश में सबसे पहले जिला अस्पताल बिलासपुर के लिए एमसीएच सेंटर की घोषणा की गई थी, लेकिन जमीन के लिए उपजा विवाद ही सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में अह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए भी कहना मुश्किल हो गया है कि अस्पताल में एमसीएच सेंटर का निर्माण कब शुरू होगा.

बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज ने बताया कि जब तक पुराने शव गृह की जगह बदली नहीं जाएगी तब तक यहां एमसीएच सेंटर के निर्माण का काम शुरू नहीं हो सकता है. एमसीएच सेंटर उक्त स्थान पर ही बनाया जाएगा, जिसके लिए सभी दस्तावेज का काम पूरा हो चुका है.

क्या है एमसीएच सेंटर

एमसीएच सेंटर में गर्भवती महिलाओं को एक छत के नीचे सभी और बेहतर सुविधा प्रदान की जाती है. यहां पर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी से लेकर दवाइयों सहित गर्भवती महिलाओं के उपचार की हर सामग्री व उपकरण उपलब्ध रहते है, जिससे किसी भी स्थिति में तीमारदारों को कहीं बाहर भटकना न पड़े.

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