बिलासपुर: स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने शनिवार को बिलासपुर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक के बाद प्रेस वार्ता की. विपिन परमार ने प्रदेश के विभिन्न भागों में बढ़ रहे स्क्रब टायफस के मामलों पर कहा कि यह कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन फिर भी विभाग इसके प्रति गंभीर हैं.
उन्होंने लोगों को खासकर ग्रामीणों को इस बीमारी के प्रति सचेत रहने की सलाह देते हुए कहा कि खेतों व जंगलों में जाते समय शरीर को ढक कर जाएं और यदि बुखार या थकान की शिकायत हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में रक्त की जांच व उपचार करवाएं. विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं. प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति बेहद संजीदा है और हर संभव स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले चार वर्षों में प्रदेश के किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी, क्योंकि प्रदेश के छह सरकारी और एक निजी मेडिकल कॉलेज में जो छात्र डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं, वह एमबीबीएस चिकित्सक बन जाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल एक छोटा पहाड़ी राज्य है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के मामले में यह देश भर में अव्वल है. यहां सरकारी क्षेत्र में छह और निजी क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज आरंभ हो चुका है और इस वर्ष के अंत तक बिलासपुर के निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में भी ओपीडी शुरू हो जाएगी जिससे लोगों को बेहद लाभ मिलेगा.
हिमकेयर में अब पीजीआई में भी होगा निशुल्क उपचार
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केंद्र की आयुष्मान योजना के तहत करीब 22 लाख और प्रदेश की हिमकेयर योजना के तहत 28 से 30 लाख लोगों का पंजीकरण हो चुका है. इसी वर्ष जनवरी माह में आरंभ की गई हिम केयर योजना से अब तक 25 हजार लोगों का निशुल्क उपचार किया जा चुका है, जिस पर करीब 24 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस योजना में हर बीमारी का अलग पैकेज है. योजना में कुछ खामियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह योजना का आरंभिक स्तर है और रिव्यू बैठकों में कमियों का पता लगा कर उन्हें चरणबद्ध ढंग से दूर किया जा रहा है.
महत्वाकांक्षी सहारा और जीवनधारा योजनाएं जल्द होंगी शुरू
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश में दो महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजनाएं आरंभ की जा रही हैं, जिनमें से पहली सहारा योजना है. इस योजना में आठ प्रकार की विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को प्रतिमाह दो हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि इस राशि से वह अपनी दवाएं इत्यादि खरीद सकें. इसके अलावा जीवनधारा योजना के तहत प्रदेश से सभी 12 जिलों में डायग्नोस्टिक वैन की सुविधा आरंभ हो जाएगी.
वैन हर सीएचसी व पीएचसी में जा कर लोगों को निशुल्क टेस्ट व दवाएं प्रदान करेगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 108 अस्पतालों में पीपी मोड पर डिजिटल एक्स-रे और पांच स्थानों पर आधुनिक सिटी स्कैन की सुविधा भी जल्द ही मिलनी शुरू हो जाएगी.
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